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कोरोना ने छीनी लोहारों की रोजी, बंदी के कगार पर बटाली उद्योग - lockdown effect on small scale industries

कोरोना काल में लोगों के सामने आर्थिक समस्या खड़ी हो गई. व्यवसाय से जुड़े लोगों के साथ मजदूरों की भी परेशानी बढ़ी है. लोहे का औजार बनाने वाले लोग इससे काफी परेशान हैं. कई लोगों को तो अपना काम भी बंद करना पड़ा. पढ़ें पूरी रिपोर्ट

lockdown effect on small scale industries in giridih
लोहे के औजार बनाते लोहार
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Published : Jun 20, 2021, 2:15 PM IST

Updated : Jun 20, 2021, 3:03 PM IST

गिरिडीहः कोरोना की दूसरी लहर पहले से ज्यादा भयावह रही. इस बार संक्रमितों की संख्या ज्यादा रही तो मौत की दर भी अधिक रही. वहीं रही-सही कसर सरकार की ओर से लगाए लॉकडाउन ने निकाल दी. इसका असर सीधे तौर पर बाजार पर पड़ा. लोहे के औजार जैसे चाकू, कुल्हाड़ी, कुदाल, हथौड़ा, समेत अन्य सामान बनाने वाले लोहार भी इससे प्रभावित हुए हैं.

ये भी पढ़ें- कोरोना काल में उद्योग जगत प्रभावित, मैनपावर और कच्चे माल की हो रही किल्लत

खतरे में बटाली उद्योग

पहले से खत्म होने के कगार पर पहुंच चुके बटाली उद्योग पर कोरोना का बहुत ही बुरा असर पड़ा. बदडीहा के इस उद्योग से जुड़े लोग पूरी तरह से बदहाल हो गए. इस उद्योग से जुड़े लोगों का कहना है कि यहां पर बनने वाले लौह औजारों की मांग बंगाल, बिहार के अलावा कई प्रदेशों में रही है. पहले इस उद्योग के कारण सैकड़ों लोगों का घर चलता था. धीरे-धीरे ब्रांडेड सामानों के कारण इसकी मांग कम होती गई फिर भी कई परिवार का गुजारा इस उद्योग से चलता था लेकिन कोरोना की पहली और दूसरी लहर ने इस लघु उद्योग से जुड़े लोगों को सड़क पर ला दिया है.

देखें पूरी खबर
lockdown effect on small scale industries
लोहार

ये भी पढ़ें- कोरोना की दूसरी लहर ने बढ़ाई छोटे कारोबारियों की परेशानी, कर्ज लेकर घर चला रहे उद्यमी

वाहन नहीं चलने से बढ़ी परेशानी

लोगों का कहना है कि कोरोना काल से पहले, बना हुआ औजार बिहार और बंगाल जाता था, पर वाहनों का परिचालन रूका तो जिला से बाहर सामान नहीं जा पा रहा. इसके साथ ही इस उद्योग से जुड़े कई लोगों का तो घर चलाना भी मुश्किल हो गया. बहरहाल कोरोना की दूसरी लहर ने छोटे-छोटे औजार बनाने वाले लोहारों को सीधा प्रभावित किया है. बदडीहा का बटाली उद्योग तो बंदी के कगार पर पहुंच चुका है. ऐसे में इन्हें सरकारी सहायता की जरूरत है.

lockdown effect on small scale industries
लोहे को पिघलाते लोहार
lockdown effect on small scale industries
लोहे को पीटकर औजार बनाते लोहार

गिरिडीहः कोरोना की दूसरी लहर पहले से ज्यादा भयावह रही. इस बार संक्रमितों की संख्या ज्यादा रही तो मौत की दर भी अधिक रही. वहीं रही-सही कसर सरकार की ओर से लगाए लॉकडाउन ने निकाल दी. इसका असर सीधे तौर पर बाजार पर पड़ा. लोहे के औजार जैसे चाकू, कुल्हाड़ी, कुदाल, हथौड़ा, समेत अन्य सामान बनाने वाले लोहार भी इससे प्रभावित हुए हैं.

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खतरे में बटाली उद्योग

पहले से खत्म होने के कगार पर पहुंच चुके बटाली उद्योग पर कोरोना का बहुत ही बुरा असर पड़ा. बदडीहा के इस उद्योग से जुड़े लोग पूरी तरह से बदहाल हो गए. इस उद्योग से जुड़े लोगों का कहना है कि यहां पर बनने वाले लौह औजारों की मांग बंगाल, बिहार के अलावा कई प्रदेशों में रही है. पहले इस उद्योग के कारण सैकड़ों लोगों का घर चलता था. धीरे-धीरे ब्रांडेड सामानों के कारण इसकी मांग कम होती गई फिर भी कई परिवार का गुजारा इस उद्योग से चलता था लेकिन कोरोना की पहली और दूसरी लहर ने इस लघु उद्योग से जुड़े लोगों को सड़क पर ला दिया है.

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lockdown effect on small scale industries
लोहार

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वाहन नहीं चलने से बढ़ी परेशानी

लोगों का कहना है कि कोरोना काल से पहले, बना हुआ औजार बिहार और बंगाल जाता था, पर वाहनों का परिचालन रूका तो जिला से बाहर सामान नहीं जा पा रहा. इसके साथ ही इस उद्योग से जुड़े कई लोगों का तो घर चलाना भी मुश्किल हो गया. बहरहाल कोरोना की दूसरी लहर ने छोटे-छोटे औजार बनाने वाले लोहारों को सीधा प्रभावित किया है. बदडीहा का बटाली उद्योग तो बंदी के कगार पर पहुंच चुका है. ऐसे में इन्हें सरकारी सहायता की जरूरत है.

lockdown effect on small scale industries
लोहे को पिघलाते लोहार
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लोहे को पीटकर औजार बनाते लोहार
Last Updated : Jun 20, 2021, 3:03 PM IST
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