गिरीडीहः गरीबों के निवाले की बर्बादी की यह तस्वीर देखकर परेशान हो जाएंगे. यह तस्वीर न्यू गिरीडीह रेलवे स्टेशन के यार्ड की है, जहां रेलवे अधिकारियों की लापरवाही (Negligence of railway officials in Giridih) के कारण सैकड़ों बोरियां चावल बर्बाद हो गई है. गिरिडीह में पिछले तीन दोनों से बारिश हो रही है. इस बारिश में खुले आसमान के नीचे चावल की बोरियां रखी गई हैं, जिसे रेलवे अधिकारी सुरक्षित स्थान पर रखने की जहमत नहीं उठाई. इससे सैकड़ों बोरियां चावल बर्बाद हो गईं.
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रेलवे अधिकारियों के साथ साथ एफसीआई के पदाधिकारी और संवेदक ने भी अनाज को बारिश से बचाने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई. चावल बर्बादी का यह कोई पहला मामला नहीं है. चार पांच महीने पहले भी रेलवे द्वारा निवाले का अनादर करते हुए हजारों बोरियां चावल फेंक दिया गया. चावल बर्बाद होने के संबंध में रेलवे और एफसीआई के अधिकारी से सवाल किया तो कुछ भी बोलने से परहेज किया.
न्यू गिरीडीह रेलवे स्टेशन पर मालगाड़ियों के माध्यम से अनाज दूसरे प्रदेशों से पहुंचता है. यहां से अनाज को मालगाड़ी की डिब्बे से उतार कर एफसीआई के गोदाम तक पहुंचाया जाता है. लेकिन लापरवाही की वजह से यार्ड में ही चालव की बोरियां खराब हो गई, जो खाने लायक नहीं रही. मिली जानकारी के अनुसार दक्षिन भारत से अनाज को लेकर मालगाड़ी न्यू गिरीडीह स्टेशन पहुंची थी. चावल की बोरियों को उतार कर रेलवे रैक में रखा गया था.
यार्ड में शेड नहीं होने के कारण बारिश के मौसम होने के बावजूद खुले आसमान में चालव की बोरियां रख दी गई. यह चालव की बोरियां तीन दिनों तक बारिश में भीगती रही. इस बारिश में भीग कर सैंकड़ो बोरियां चावल खराब हो गई. इस मसले पर रेलवे अधिकारी ने एफसीआई की जवाबदेही बताकर खुद को बचा रहे हैं. वहीं एफसीआई के अधिकारी संवेदक पर मामला फेंक रहे हैं. स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने नाराजगी जताते हुए मामले की जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है. सोनबाद पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि चंद्रकांत मंडल ने कहा कि राज्य में सुखाड़ की हालत है. गरीब परिवार एक वक्त की भोजन के लिए मोहताज हैं. उन्होंने जिला के वरीय अधिकारियों से मामले की जांच करते हुए दोषियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की मांग की है.