गिरिडीह: जैन धर्म के विश्व प्रसिद्ध तीर्थंस्थल मधुबन में दिव्यांग महिला का निर्माणाधीन पीएम आवास तोड़ दिया गया है. यह कार्रवाई वन विभाग ने अतिक्रमण हटाने के नाम पर की है. जिस महिला बुधनी देवी के मकान को जेसीबी से तोड़ा गया है वह देख नहीं सकती. इस कार्रवाई के बाद विभाग के खिलाफ लोगों में नाराजगी देखी जा रही है. लोगों ने सोशल मीडिया पर जमकर भड़ास भी निकाली है.
मामले की गंभीरता को देखते हुए जेएमएम विधायक और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की भाभी सीता सोरेन ने ट्विट कर गिरिडीह के डीसी से इस मामले पर कार्रवाई करने की मांग की है. वहीं, भाकपा माले नेता राजेश सिन्हा ने भी कहा है कि जिस दिन राज्य की सत्ताधारी पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा का गिरिडीह जिला स्थापना दिवस है उसी दिन इस तरह की कार्रवाई यह बताती है कि गरीबों के प्रति यह सरकार किस तरह का सोच रखती है.
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क्या है पूरा मामला: कहा जा रहा है कि पारसनाथ की तलहटी पर बसे लगभग 35 घरों की जमीन को वन विभाग अपना बता रहा है. जबकि बीस पंथी कोठी मधुबन और पीरटांड़ अंचल इस जमीन को अपना बता रहे हैं. इसे लेकर अंचल की तरफ से वहां के लोगो को नोटिस भी दिया गया था. इन्हीं 35 घरों में गरीब बुधनी का भी घर है. बुधनी भीख मांगकर अपना घर चलाती है. बुधनी यहीं पर प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मकान बना रही है जिसे ध्वस्त कर दिया गया. अब इस मामले में तूल पकड़ लिया है.
एफआईआर को ले हंगामा: दूसरी तरफ एक अन्य मामले में उग्रवाद प्रभावित खुखरा थाना में भी घरेलू विवाद के एक मामले को लेकर हंगामा हो गया. यहां एक महिला ने पुलिसकर्मियों पर दुर्व्यवहार का आरोप लगाया हैं. महिला का एक वीडीओ भी वायरल हुआ है जिसमें वह पुलिस से बहस करते हुए वीडीओ बना रही है और वह कई आरोप लगा रही है.