गिरिडीहः सीसीएल के ओपेनकास्ट माइंस के पास बम धमाका और फायरिंग जैसी आवाज सुनाई दी है. इसके बाद से पुलिस हरकत में आयी है और पूरे मामले की जांच शुरू कर दी गई है. बताया जाता है कि सोमवार की रात लगभग 9:20 से 9:30 के बीच अचानक धमाके की आवाज (bomb explode at CCL Mines) सुनाई दी, बीच बीच में गोली चलने जैसी आवाज आ रही थी. इसकी सूचना पर सीसीएल पदाधिकारी पुलिस के साथ मौके पर पहुंची.
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सीसीएल कोलियरी इलाके में बम धमाका और फायरिंग (Firing in Giridih) की सूचना परियोजना पदाधिकारी एसके सिंह ने एसडीपीओ अनिल कुमार सिंह व मुफ्फसिल थाना प्रभारी विनय कुमार राम को दी. जानकारी मिलते ही थाना प्रभारी विनय राम दलबल के साथ ओपेनकास्ट पहुंचे. यहां पर माइंस मैनेजर जीएन बेले के अलावा गौरव सिन्हा, चंद्रशेखर साहू, सुरक्षाकर्मी रिंकू राम भी पहुंचे. थानेदार ने छानबीन शुरू की तो यह पता चला कि जिस वक्त धमाका आवाज सुनाई दी उस समय माइंस में ड्यूटी पर सुरक्षाकर्मी सुंदर दास तैनात था. सुंदर को बुलाया गया और उससे भी पूछताछ की गई.
अज्ञात स्कॉर्पियो के आने के बाद हुआ धमाकाः पुलिस की पूछताछ में सुंदर ने बताया कि रात लगभग 9:20 में एक अज्ञात स्कॉर्पियो माइंस के अंदर दाखिल हुआ. चंद मिनट के लिए स्कॉर्पियो रुका इसके बाद पटाखा या बम जैसी आवाज सुनाई देने लगी. सुंदर ने बताया कि जहां पर स्कॉर्पियो रुकी थी उसके ऊपर पहाड़ी पर कुछ लोग खड़े थे, इस दौरान पथराव भी हुआ है. हालांकि इस दौरान सुंदर कभी नीचे से तो कभी पहाड़ी पर से बम या पटाखा चलने की बात कहता रहा. सुंदर का कहना था कि बाद में स्कॉर्पियो घुमा कर अज्ञात लोग भाग गए. सुंदर से पूछताछ के बाद थाना प्रभारी पहाड़ी पर भी गए जहां पर सिगरेट व पान मसाला का रैपर मिला साथ ही आसपास के इलाके में छानबीन की. पुलिस ने कहा कि वाहन कहां से और किस उद्देश्य से माइंस में दाखिल हुई थी इसकी छानबीन की जा रही है. यह भी पता लगाया का रहा है कि वाहन में कौन कौन लोग थे. बाकी बम चला है या पटाखा फोड़ा गया यह साफ नहीं है. इसकी सत्यता की जांच चल रही है. पहाड़ी पर कौन कौन लोग थे इसकी भी जानकारी इकठ्ठा की जा रही है.
इलाके में दहशतः इधर धमाका, अज्ञात वाहन के आने व तेज रफ्तार से निकलने की घटना से क्षेत्र में दहशत है. सीसीएलकर्मी भी डरे हुए हैं. वहीं क्षेत्र में तरह तरह की चर्चा है. कहा जा रहा है कि बरसात के बाद इलाके में अवैध कोल माइंस चलवाने के लिए ही इस तरह का दहशत फैलाने का प्रयास किया गया है. कुछ लोग इसे वर्चस्व की लड़ाई (Mines area for supremacy) के तौर पर भी देख रहे हैं.