गिरिडीह: पारसनाथ और उसके तराई में चल रहे नक्सल अभियान की समीक्षा उत्तरी छोटानागपुर प्रमंडल के डीआईजी अमोल वेणुकांत होमकर ने की. वहीं ढाई वर्ष पूर्व कथित तौर पर पुलिस-नक्सली मुठभेड़ में मारे गए मोतीलाल बास्के के परिजनों से भी बात की और उनसे घटना की जानकारी ली.
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मुख्यधारा से जुड़ें नक्सली: होमकर
बैठक के बाद डीआईजी अमोल ने कहा कि नक्सल के खिलाफ अभियान जारी रहेगा. गिरिडीह पुलिस और सीआरपीएफ लगातार इलाके में सक्रिय हैं और पूरी जानकारी ली रही है. किसी भी सूचना पर पुलिस एक्टिव है. उन्होंने कहा कि मधुबन के लोकल मुद्दे की भी जानकारी ली गई है. डीआईजी ने कहा कि जो लोग भटक गए हैं वे सरेंडर करें.
मोतीलाल बास्के मामले की ली जानकारी
इससे पहले मधुबन थाना में सदर विधायक सुदिव्य कुमार की मौजूदगी में कथित तौर पर पुलिस मुठभेड़ में मारे गए मोतीलाल बास्के के परिजनों से बात की. इस दौरान मोतीलाल के परिजनों से घटना का विवरण लिया और उचित भरोसा भी दिया. इस मामले पर सदर विधायक ने कहा कि मोतीलाल बास्के प्रकरण को लेकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पुलिस पदाधिकारी को आवश्यक निर्देश दिया था. ऐसे में इस मामले की जांच करने डीआईजी पहुंचे थे. डीआईजी ने मोतीलाल की पत्नी पार्वती से पूरे मामले की जानकारी ली है और यह भरोसा दिलाया कि वे जांच रिपोर्ट सरकार को भेज देंगे.
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जांच जारी
बता दें कि 9 सितंबर 2017 को पारसनाथ की तलहटी में ढोलकट्टा और सिमराढाब के बीच जंगल में पुलिस नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हो गई थी. यहां गिरिडीह पुलिस, कोबरा और जगुआर ने मोतीलाल बास्के को मार गिराया था. इसके बाद पुलिस-सीआरपीएफ और जगुआर ने यह दावा किया था कि मोतीलाल नक्सली था और लूंगी-गंजी पहनकर ही पुलिस से मुठभेड़ कर रहा था. मोतीलाल के पास से पुलिस ने एसएलआर, गोली और डेटोनेटर बरामद किया था. हालांकि, मोतीलाल की मौत के बाद जेएमएम ने इसे फर्जी मुठभेड़ बताया था. जेएमएम सुप्रीमो शिबू सोरेन के साथ-साथ हेमंत सोरेन भी उस वक्त मोतीलाल के परिजनों से मिले थे और न्याय दिलवाने का भरोसा दिया था. सीएम के निर्देश के बाद पुलिस हर बिंदु पर जांच कर रही है.