गिरिडीह: लॉकडाउन में ज्यादातर वाहनों का पहिया थम गया है. महत्वपूर्ण सामानों से लदे मालवाहक ही आवागमन कर रहे हैं, इसकी भी संख्या पर्याप्त नहीं है. मवेशी का चारा और बिचाली के वाहन भी काफी कम संख्या में गिरिडीह पहुंच रहे हैं. ऐसे में दूध का व्यवसाय से जुड़े लोग खासे परेशान हैं. एक तो चारा बमुश्किल मिल रहा है और अगर मिल रहा है तो कीमत अधिक वसूली जा रही है. इस व्यवसाय से जुड़े अनिल यादव कहते हैं कि डीसी के प्रयास से चारा के वाहनों को रोकना बंद किया गया लेकिन कुछ विक्रेता कालाबाजारी को उतारू हैं.
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आधे दाम में बिक रहा है पनीर
इसी व्यवसाय से जुड़े जयनारायण यादव कहते हैं मवेशियों को पालना काफी कठिन हो रहा है. उसके ऊपर दूध को कम दाम में बेचने की मजबूरी हो गयी है. पनीर भी आधे दाम में बेचना पड़ रहा है, दूध व्यवसायियों का कहना है कि मिठाई के दुकान बंद होने से भी दूध की खपत नहीं हो रही है. हालांकि इन परेशानियों के बावजूद पशुपालक मवेशियों की सेवा कर रहे हैं, इन्हें यह उम्मीद है कि चंद दिनों में सब कुछ ठीक हो जायेगा.