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लॉकडाउन में मवेशी चारा हुआ महंगा, दूध की बिक्री भी प्रभावित - दूध की बिक्री भी प्रभावित

लॉकडाउन के दौरान जहां पूरा देश कोरोना महामारी से लड़ रहा है. वहीं इस लॉकडाउन ने दूध का व्यपार करनेवालों को परेशान कर दिया है. गौ पालकों को पर्याप्त मात्रा में चारा नहीं मिल पा रहा है जिससे वे परेशान हैं.

cattle, मवेशी
खटाल में पशुपालक
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Published : Apr 2, 2020, 1:15 PM IST

गिरिडीह: लॉकडाउन में ज्यादातर वाहनों का पहिया थम गया है. महत्वपूर्ण सामानों से लदे मालवाहक ही आवागमन कर रहे हैं, इसकी भी संख्या पर्याप्त नहीं है. मवेशी का चारा और बिचाली के वाहन भी काफी कम संख्या में गिरिडीह पहुंच रहे हैं. ऐसे में दूध का व्यवसाय से जुड़े लोग खासे परेशान हैं. एक तो चारा बमुश्किल मिल रहा है और अगर मिल रहा है तो कीमत अधिक वसूली जा रही है. इस व्यवसाय से जुड़े अनिल यादव कहते हैं कि डीसी के प्रयास से चारा के वाहनों को रोकना बंद किया गया लेकिन कुछ विक्रेता कालाबाजारी को उतारू हैं.

देखें पूरी खबर
200 रुपए बढ़ा चारा का दाम
पशुपालक साहेब यादव बताते हैं कि चुन्नी-चौकर 1150 रुपये में मिलता था लेकिन अभी उसी का दाम 1350 रुपया कर दिया गया है. जबकि दूध के दाम में बढ़ोतरी नहीं हुई है. पंचानंद यादव का कहना है कि होटल बंद है तो दूध नहीं बिक रहा है. उसके ऊपर कुट्टी का दाम डबल हो गया है.

ये भी पढ़ें- कोरोना इफेक्ट: रांची में अफवाहों का बाजार गर्म, 3 संदिग्ध के आने की सूचना पर मचा हड़कंप


आधे दाम में बिक रहा है पनीर
इसी व्यवसाय से जुड़े जयनारायण यादव कहते हैं मवेशियों को पालना काफी कठिन हो रहा है. उसके ऊपर दूध को कम दाम में बेचने की मजबूरी हो गयी है. पनीर भी आधे दाम में बेचना पड़ रहा है, दूध व्यवसायियों का कहना है कि मिठाई के दुकान बंद होने से भी दूध की खपत नहीं हो रही है. हालांकि इन परेशानियों के बावजूद पशुपालक मवेशियों की सेवा कर रहे हैं, इन्हें यह उम्मीद है कि चंद दिनों में सब कुछ ठीक हो जायेगा.

गिरिडीह: लॉकडाउन में ज्यादातर वाहनों का पहिया थम गया है. महत्वपूर्ण सामानों से लदे मालवाहक ही आवागमन कर रहे हैं, इसकी भी संख्या पर्याप्त नहीं है. मवेशी का चारा और बिचाली के वाहन भी काफी कम संख्या में गिरिडीह पहुंच रहे हैं. ऐसे में दूध का व्यवसाय से जुड़े लोग खासे परेशान हैं. एक तो चारा बमुश्किल मिल रहा है और अगर मिल रहा है तो कीमत अधिक वसूली जा रही है. इस व्यवसाय से जुड़े अनिल यादव कहते हैं कि डीसी के प्रयास से चारा के वाहनों को रोकना बंद किया गया लेकिन कुछ विक्रेता कालाबाजारी को उतारू हैं.

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200 रुपए बढ़ा चारा का दाम
पशुपालक साहेब यादव बताते हैं कि चुन्नी-चौकर 1150 रुपये में मिलता था लेकिन अभी उसी का दाम 1350 रुपया कर दिया गया है. जबकि दूध के दाम में बढ़ोतरी नहीं हुई है. पंचानंद यादव का कहना है कि होटल बंद है तो दूध नहीं बिक रहा है. उसके ऊपर कुट्टी का दाम डबल हो गया है.

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आधे दाम में बिक रहा है पनीर
इसी व्यवसाय से जुड़े जयनारायण यादव कहते हैं मवेशियों को पालना काफी कठिन हो रहा है. उसके ऊपर दूध को कम दाम में बेचने की मजबूरी हो गयी है. पनीर भी आधे दाम में बेचना पड़ रहा है, दूध व्यवसायियों का कहना है कि मिठाई के दुकान बंद होने से भी दूध की खपत नहीं हो रही है. हालांकि इन परेशानियों के बावजूद पशुपालक मवेशियों की सेवा कर रहे हैं, इन्हें यह उम्मीद है कि चंद दिनों में सब कुछ ठीक हो जायेगा.

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