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दृष्टिबाधित बच्चे भी उठा सकेंगे स्मार्ट क्लासेज का लाभ, प्रशासन ने की बेहतर पहल

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Published : Mar 24, 2021, 10:48 AM IST

गिरिडीह जिला प्रशासन ने एक सकारात्मक पहल की है. यहां दृष्टिबाधित बच्चों के लिए स्मार्ट क्लास खोला गया है. अब यहां के बच्चे सेल्फ लर्निग डिवाइस की मदद से पढ़ाई कर सकेंगे.

Smart class opened for visually impaired children
दृष्टिबाधीत बच्चों के लिए स्मार्ट क्लास खोला गया

गिरिडीह: दृष्टिबाधित बच्चों की पढ़ाई सुगम हो सके इसे लेकर गिरिडीह जिला प्रशासन ने बेहतर पहल की है. यहां के नेत्रहीन बच्चों के लिए स्मार्ट क्लासेज की व्यवस्था की गई है. डीसी राहुल कुमार सिन्हा ने विशेष केंद्रीय सहायता मद से उदनाबाद पंचायत के अजीडीह स्थित नेत्रहीन बाल विकास विद्यालय में दृष्टिबाधित बच्चों के लिए एनी स्मार्ट क्लास का उद्घाटन किया. यह प्रदेश का दूसरा स्मार्ट क्लास है.

देखें पूरी खबर

ये भी पढ़ें- बीसीसीएल के सब-स्टेशन में लूट, कर्मियों को बंधक बनाकर लाखों के केबल ले भागे अपराधी

दृष्टिबाधित बच्चों की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए बड़ी पहल

इस दौरान उपायुक्त ने कहा कि गिरिडीह जिला अंतर्गत शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ और सुगम बनाने पर जोर दिया जा रहा है. इसी कड़ी में गिरिडीह जिला अंतर्गत अजीडीह स्थित नेत्रहीन बाल विकास को स्मार्ट क्लास के रूप में विकसित किया गया है. जहां दृष्टिबाधित बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मुहैया कराई जाएगी. इसके अतिरिक्त उपायुक्त ने कहा कि कक्षा में बच्चों के बैठने के लिए सुंदर बेंच और हवा के लिए पंखे की व्यवस्था सुनिश्चित कराई गई है. साथ ही आधुनिक तकनीक से शिक्षा देने की पहल की गई है, ताकि दृष्टिबाधित बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के साथ-साथ बेहतर सुविधा मुहैया कराई जा सके. जिससे बच्चों में पढ़ाई के प्रति उत्सुकता बढ़े और ज्यादा संख्या में बच्चे शिक्षा प्राप्त करें. आधुनिक तकनीकी से शिक्षा देने की व्यवस्था से निश्चित तौर पर बच्चों के लिए नया आयाम साबित होगा.

डिवाइस हिंदी और इंग्लिश दोनों भाषाओं में होगा उपलब्ध

इन दौरान डीसी राहुल सिन्हा बेंगलुरु से आई टीम से बात कर सभी व्यवस्थाओं से अवगत हुए और सभी शिक्षकों को जल्द से प्रशिक्षण देने की बात कही. उपायुक्त ने कहा कि वर्तमान में विद्यालय बंद है. जब विद्यालय खुलेगा तो बच्चों को इस डिवाइस के माध्यम से पढ़ाया जाएगा. उपायुक्त ने ये भी बताया कि हिंदी और इंग्लिश दोनों भाषाओं में ये डिवाइस उपलब्ध है. बेंगलुरु के एक स्टार्टअप थिंकर बेल ने इस बेहतरीन डिवाइस को तैयार किया है. इसकी मदद से दृष्टिबाधित बच्चे भी अब सामान्य छात्रों की तरह ही शिक्षा प्राप्त कर पाएंगे. नेत्रहीन बाल विकास विद्यालय के प्राचार्य ने बताया कि विद्यालय में कुल 50 बच्चे और 03 शिक्षक हैं. स्मार्ट क्लास में टेलर फ्रेम, अबाकस, टाइप्स, इंटर प्वाइंट, वुडेन स्लेट, नंबर प्लेट और अन्य मशीनी उपकरण की सुविधा उपलब्ध है. जिसके माध्यम से बच्चों को शिक्षा उपलब्ध कराई जाएगी. साथ ही बच्चों के लिए गेम की सुविधा भी उपलब्ध कराई गई है. ताकि बच्चे पढ़ाई के साथ-साथ खेल का भी आंनद उठा सके.

गिरिडीह: दृष्टिबाधित बच्चों की पढ़ाई सुगम हो सके इसे लेकर गिरिडीह जिला प्रशासन ने बेहतर पहल की है. यहां के नेत्रहीन बच्चों के लिए स्मार्ट क्लासेज की व्यवस्था की गई है. डीसी राहुल कुमार सिन्हा ने विशेष केंद्रीय सहायता मद से उदनाबाद पंचायत के अजीडीह स्थित नेत्रहीन बाल विकास विद्यालय में दृष्टिबाधित बच्चों के लिए एनी स्मार्ट क्लास का उद्घाटन किया. यह प्रदेश का दूसरा स्मार्ट क्लास है.

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दृष्टिबाधित बच्चों की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए बड़ी पहल

इस दौरान उपायुक्त ने कहा कि गिरिडीह जिला अंतर्गत शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ और सुगम बनाने पर जोर दिया जा रहा है. इसी कड़ी में गिरिडीह जिला अंतर्गत अजीडीह स्थित नेत्रहीन बाल विकास को स्मार्ट क्लास के रूप में विकसित किया गया है. जहां दृष्टिबाधित बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मुहैया कराई जाएगी. इसके अतिरिक्त उपायुक्त ने कहा कि कक्षा में बच्चों के बैठने के लिए सुंदर बेंच और हवा के लिए पंखे की व्यवस्था सुनिश्चित कराई गई है. साथ ही आधुनिक तकनीक से शिक्षा देने की पहल की गई है, ताकि दृष्टिबाधित बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के साथ-साथ बेहतर सुविधा मुहैया कराई जा सके. जिससे बच्चों में पढ़ाई के प्रति उत्सुकता बढ़े और ज्यादा संख्या में बच्चे शिक्षा प्राप्त करें. आधुनिक तकनीकी से शिक्षा देने की व्यवस्था से निश्चित तौर पर बच्चों के लिए नया आयाम साबित होगा.

डिवाइस हिंदी और इंग्लिश दोनों भाषाओं में होगा उपलब्ध

इन दौरान डीसी राहुल सिन्हा बेंगलुरु से आई टीम से बात कर सभी व्यवस्थाओं से अवगत हुए और सभी शिक्षकों को जल्द से प्रशिक्षण देने की बात कही. उपायुक्त ने कहा कि वर्तमान में विद्यालय बंद है. जब विद्यालय खुलेगा तो बच्चों को इस डिवाइस के माध्यम से पढ़ाया जाएगा. उपायुक्त ने ये भी बताया कि हिंदी और इंग्लिश दोनों भाषाओं में ये डिवाइस उपलब्ध है. बेंगलुरु के एक स्टार्टअप थिंकर बेल ने इस बेहतरीन डिवाइस को तैयार किया है. इसकी मदद से दृष्टिबाधित बच्चे भी अब सामान्य छात्रों की तरह ही शिक्षा प्राप्त कर पाएंगे. नेत्रहीन बाल विकास विद्यालय के प्राचार्य ने बताया कि विद्यालय में कुल 50 बच्चे और 03 शिक्षक हैं. स्मार्ट क्लास में टेलर फ्रेम, अबाकस, टाइप्स, इंटर प्वाइंट, वुडेन स्लेट, नंबर प्लेट और अन्य मशीनी उपकरण की सुविधा उपलब्ध है. जिसके माध्यम से बच्चों को शिक्षा उपलब्ध कराई जाएगी. साथ ही बच्चों के लिए गेम की सुविधा भी उपलब्ध कराई गई है. ताकि बच्चे पढ़ाई के साथ-साथ खेल का भी आंनद उठा सके.

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