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Jharkhand Health System: गिरिडीह सदर अस्पताल की कुव्यवस्था, 24 दिनों से भर्ती महिलाओं की जिंदगी नर्क

वैसे तो सरकारी अस्पताल की कमियां आये दिन सामने आती रहती हैं. आये दिन अस्पताल प्रबंधन की कार्यशैली पर उंगली उठती रहती है. इस बार गिरिडीह सदर अस्पताल की व्यवस्था पर सवाल उठ रहा है. यह सवाल अस्पताल में भर्ती दो लावारिस मरीजों की देखभाल में कोताही बरतने के बाद उठ रहा है.

Jharkhand Health System
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Published : Aug 4, 2021, 1:51 PM IST

Updated : Aug 4, 2021, 2:27 PM IST

गिरिडीहः सदर अस्पताल की कुव्यवस्था हमेशा ही सुर्खियों में रही है. हर बार आलाधिकारी व्यवस्था को सुधारने की बात कहते रहते हैं. लेकिन आदत है जो सुधरती नहीं. इस बार दो मरीजों की देखभाल में कोताही बरतने के बाद अस्पताल की व्यवस्था एक बार फिर से सवालों के घेरे में है.

ये भी पढ़ेंः RIMS में गरीब मरीजों के इलाज के लिए 5 लाख का फंड, जीनोम सीक्वेंसिंग मशीन की भी होगी खरीदारी

गंदगी के बीच वार्ड में पड़ी हैं दो बीमार महिला

गिरिडीह सदर अस्पताल के RN11 लिखे वार्ड में पिछले 24 दिनों से दो बीमार महिलाएं भर्ती हैं. दोनों महिलाएं अकेली हैं. इनके साथ कोई भी व्यक्ति नहीं है. ऐसे में दोनों महिलाओं का न तो समुचित इलाज हो पा रहा है और न हीं इन्हें देखने के लिए कोई आता है. कुछ सामाजिक कार्यकर्ताओं की नजर इन महिलाओं पर पड़ी. देखा कि एक महिला वार्ड के एक बेड के ऊपर बैठी है. जबकि दूसरी महिला बेड के नीचे अर्धनग्न अवस्था में लेटी हुई है. नीचे लेटी महिला के सिर पर चोट का निशान भी है. दोनों के पास गंदगी का अंबार है. एक महिला ने तो शौच भी कर दिया था. दोनों महिलाएं कई दफा चिल्लाने लगती हैं. दोनों की स्थिति को देखकर समझा जा सकता है कि दोनों मानसिक रोगी हैं.

देखें पूरी खबर
मानवता हुई शर्मसार

सामाजिक कार्यकर्ता रमेश यादव ने बताया कि पिछले 10 जुलाई को इन दोनों महिलाओं को लावारिस अवस्था में लाकर इस अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जिसने भी भर्ती कराया होगा उसे लगा होगा कि अस्पताल में इसका समुचित इलाज होगा, लेकिन यहां तो इन दोनों की जिंदगी नर्क से भी बदतर हो गई है. दोनों की देखभाल भी नहीं की जा रही है. उन्होंने कहा कि यह घटना मानवता को शर्मसार करनेवाली है. इसी तरह अल्ताफ आलम नामक युवक का कहना है कि इन महिलाओं की स्थिति काफी खराब है. इन्हें समुचित इलाज की दरकार है.

चिल्लाती हैं महिलाएं

वहीं सदर अस्पताल में इन वार्डों के मरीजों की देखभाल करने वाली नर्सों का कहना था कि दोनों महिलाएं चिल्लाने लगती है. वहीं वार्ड में ही गंदगी कर देती है. ऐसे में कौन सफाई करेगा. जब तक सफाई नहीं होगी तब तक इलाज कैसे होगा. बहरहाल अस्पताल में बेबस पड़ी इन दोनों महिलाओं को देखकर हम तो यही कह सकते हैं अस्पताल तेरी लाचारी पर रोना आया.

गिरिडीहः सदर अस्पताल की कुव्यवस्था हमेशा ही सुर्खियों में रही है. हर बार आलाधिकारी व्यवस्था को सुधारने की बात कहते रहते हैं. लेकिन आदत है जो सुधरती नहीं. इस बार दो मरीजों की देखभाल में कोताही बरतने के बाद अस्पताल की व्यवस्था एक बार फिर से सवालों के घेरे में है.

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गंदगी के बीच वार्ड में पड़ी हैं दो बीमार महिला

गिरिडीह सदर अस्पताल के RN11 लिखे वार्ड में पिछले 24 दिनों से दो बीमार महिलाएं भर्ती हैं. दोनों महिलाएं अकेली हैं. इनके साथ कोई भी व्यक्ति नहीं है. ऐसे में दोनों महिलाओं का न तो समुचित इलाज हो पा रहा है और न हीं इन्हें देखने के लिए कोई आता है. कुछ सामाजिक कार्यकर्ताओं की नजर इन महिलाओं पर पड़ी. देखा कि एक महिला वार्ड के एक बेड के ऊपर बैठी है. जबकि दूसरी महिला बेड के नीचे अर्धनग्न अवस्था में लेटी हुई है. नीचे लेटी महिला के सिर पर चोट का निशान भी है. दोनों के पास गंदगी का अंबार है. एक महिला ने तो शौच भी कर दिया था. दोनों महिलाएं कई दफा चिल्लाने लगती हैं. दोनों की स्थिति को देखकर समझा जा सकता है कि दोनों मानसिक रोगी हैं.

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मानवता हुई शर्मसार

सामाजिक कार्यकर्ता रमेश यादव ने बताया कि पिछले 10 जुलाई को इन दोनों महिलाओं को लावारिस अवस्था में लाकर इस अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जिसने भी भर्ती कराया होगा उसे लगा होगा कि अस्पताल में इसका समुचित इलाज होगा, लेकिन यहां तो इन दोनों की जिंदगी नर्क से भी बदतर हो गई है. दोनों की देखभाल भी नहीं की जा रही है. उन्होंने कहा कि यह घटना मानवता को शर्मसार करनेवाली है. इसी तरह अल्ताफ आलम नामक युवक का कहना है कि इन महिलाओं की स्थिति काफी खराब है. इन्हें समुचित इलाज की दरकार है.

चिल्लाती हैं महिलाएं

वहीं सदर अस्पताल में इन वार्डों के मरीजों की देखभाल करने वाली नर्सों का कहना था कि दोनों महिलाएं चिल्लाने लगती है. वहीं वार्ड में ही गंदगी कर देती है. ऐसे में कौन सफाई करेगा. जब तक सफाई नहीं होगी तब तक इलाज कैसे होगा. बहरहाल अस्पताल में बेबस पड़ी इन दोनों महिलाओं को देखकर हम तो यही कह सकते हैं अस्पताल तेरी लाचारी पर रोना आया.

Last Updated : Aug 4, 2021, 2:27 PM IST
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