दुमका: पानी के बिना किसी व्यक्ति की दिनचर्या नहीं हो पाती है अगर कोई बीमार हो तो पानी की आवश्यकता और बढ़ जाती है. इलाज के लिए साफ सुथरा रहने, पीने के लिए पानी चाहिए. लेकिन दुमका के जामा में तो पानी ही नहीं है. इससे मरीजों को कितनी परेशानी होती है इसका अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है.
जिला मुख्यालय से 15 किलोमीटर दूर अवस्थित जामा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में पानी की घोर किल्लत है. अस्पताल परिसर में चार चापाकल हैं पर सभी के सभी खराब पड़े हैं. इसके साथ बोरिंग भी कराया गया है जो फेल हो चुका है, अब मरीज और उसके परिजनों को अस्पताल से काफी दूर लगे एक चापाकल से पानी लाना पड़ता है. जिससे उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. पानी के अभाव में अस्पताल में बना टॉयलेट भी किसी काम का नहीं है.
ये भी पढ़ें- आज से चढ़ेगा धनबाद का 'पारा', राहुल गांधी, राजनाथ सिंह और नितिन गडकरी की चुनावी सभा
अस्पताल के कर्मी भी हैं परेशान
अगर अस्पताल में पानी नहीं है तो मरीज के साथ-साथ अस्पताल कर्मियों की भी परेशानी बढ़ जाती है. वे कहते है कि हमें बाहर से पानी मंगवाना पड़ता है और अगर हम नाईट ड्यूटी करते हैं तो सुबह स्नान के लिए पानी की जरूरत होती है उस वक्त कष्ट और बढ़ जाता है.
चिकित्सक भी हैं परेशान
इस सीएचसी कैंपस में ही एक और सरकारी आयुर्वेदिक अस्पताल है, इस अस्पताल के चिकित्सक जो जिला आयूष चिकित्सा पदाधिकारी भी हैं उनका कहना है कि पानी की किल्लत से बहुत परेशानी होती है, सरकार को अविलंब इस पर ध्यान देना चाहिए.