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स्वास्थ्य विभाग के दावों की हकीकत देखिए, उपराजधानी के इस अस्पताल में पानी की घोर किल्लत - झारखंड समाचार

उपराजधानी दुमका के जामा में सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र की स्थिति काफी खराब है. यहां पानी की उचित व्यवस्था नहीं होने के कारण मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

अस्पताल की तस्वीर
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Published : May 7, 2019, 10:12 AM IST

दुमका: पानी के बिना किसी व्यक्ति की दिनचर्या नहीं हो पाती है अगर कोई बीमार हो तो पानी की आवश्यकता और बढ़ जाती है. इलाज के लिए साफ सुथरा रहने, पीने के लिए पानी चाहिए. लेकिन दुमका के जामा में तो पानी ही नहीं है. इससे मरीजों को कितनी परेशानी होती है इसका अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है.

देखें पूरी खबर

जिला मुख्यालय से 15 किलोमीटर दूर अवस्थित जामा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में पानी की घोर किल्लत है. अस्पताल परिसर में चार चापाकल हैं पर सभी के सभी खराब पड़े हैं. इसके साथ बोरिंग भी कराया गया है जो फेल हो चुका है, अब मरीज और उसके परिजनों को अस्पताल से काफी दूर लगे एक चापाकल से पानी लाना पड़ता है. जिससे उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. पानी के अभाव में अस्पताल में बना टॉयलेट भी किसी काम का नहीं है.

ये भी पढ़ें- आज से चढ़ेगा धनबाद का 'पारा', राहुल गांधी, राजनाथ सिंह और नितिन गडकरी की चुनावी सभा

अस्पताल के कर्मी भी हैं परेशान
अगर अस्पताल में पानी नहीं है तो मरीज के साथ-साथ अस्पताल कर्मियों की भी परेशानी बढ़ जाती है. वे कहते है कि हमें बाहर से पानी मंगवाना पड़ता है और अगर हम नाईट ड्यूटी करते हैं तो सुबह स्नान के लिए पानी की जरूरत होती है उस वक्त कष्ट और बढ़ जाता है.

चिकित्सक भी हैं परेशान
इस सीएचसी कैंपस में ही एक और सरकारी आयुर्वेदिक अस्पताल है, इस अस्पताल के चिकित्सक जो जिला आयूष चिकित्सा पदाधिकारी भी हैं उनका कहना है कि पानी की किल्लत से बहुत परेशानी होती है, सरकार को अविलंब इस पर ध्यान देना चाहिए.

दुमका: पानी के बिना किसी व्यक्ति की दिनचर्या नहीं हो पाती है अगर कोई बीमार हो तो पानी की आवश्यकता और बढ़ जाती है. इलाज के लिए साफ सुथरा रहने, पीने के लिए पानी चाहिए. लेकिन दुमका के जामा में तो पानी ही नहीं है. इससे मरीजों को कितनी परेशानी होती है इसका अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है.

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जिला मुख्यालय से 15 किलोमीटर दूर अवस्थित जामा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में पानी की घोर किल्लत है. अस्पताल परिसर में चार चापाकल हैं पर सभी के सभी खराब पड़े हैं. इसके साथ बोरिंग भी कराया गया है जो फेल हो चुका है, अब मरीज और उसके परिजनों को अस्पताल से काफी दूर लगे एक चापाकल से पानी लाना पड़ता है. जिससे उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. पानी के अभाव में अस्पताल में बना टॉयलेट भी किसी काम का नहीं है.

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अस्पताल के कर्मी भी हैं परेशान
अगर अस्पताल में पानी नहीं है तो मरीज के साथ-साथ अस्पताल कर्मियों की भी परेशानी बढ़ जाती है. वे कहते है कि हमें बाहर से पानी मंगवाना पड़ता है और अगर हम नाईट ड्यूटी करते हैं तो सुबह स्नान के लिए पानी की जरूरत होती है उस वक्त कष्ट और बढ़ जाता है.

चिकित्सक भी हैं परेशान
इस सीएचसी कैंपस में ही एक और सरकारी आयुर्वेदिक अस्पताल है, इस अस्पताल के चिकित्सक जो जिला आयूष चिकित्सा पदाधिकारी भी हैं उनका कहना है कि पानी की किल्लत से बहुत परेशानी होती है, सरकार को अविलंब इस पर ध्यान देना चाहिए.

Intro:दुमका - पानी के बिना किसी व्यक्ति की दिनचर्या नहीं हो पाती है । अगर कोई बीमार हो तो पानी की आवश्यकता और बढ़ जाती है । ईलाज के लिए , साफ सुथरा रहने , पीने के लिए पानी चाहिए । लेकिन दुमका जिले के जामा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में तो पानी है नहीं । इससे मरीज को कितनी परेशानी होती है इसका अंदाजा सहज लगाया जा सकता है ।


Body:अस्पताल में नहीं है पानी ।
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दुमका जिला मुख्यालय से 15 किलोमीटर दूर अवस्थित जामा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में पानी की घोर किल्लत है । अस्पताल परिसर में चार चापाकल है पर सभी के सभी खराब । इसके साथ बोरिंग कर ही पानी की टँकी लगी लेकिन वह भी फेल हो चुका है । अब मरीज और उसके परिजनों को अस्पताल से काफी दूर लगे एक चापाकल से पानी लानी पड़ती है जिससे उन्हें काफी का सामना करना पड़ता है । पानी के अभाव में अस्पताल में बना टॉयलेट किसी काम का नहीं लोग बाहर में ही जाते हैं ।

बाईट - ललन सिंह , मरीज के परिजन

अस्पताल के कर्मी भी हैं परेशान ।
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पानी अगर अस्पताल में नहीं है तो मरीज के साथ साथ अस्पताल कर्मी भी परेशान हैं । वे कहती हैं काफी परेशानी है । हमें मरीज से बाहर से पानी मंगवाना पड़ता है । और अगर हम नाईट ड्यूटी करते हैं तो सुबह स्नान के लिए पानी की जरूरत होती है उस वक्त तो कष्ट और बढ़ जाता है ।

बाईट - नीलम मुर्मू, नर्स


Conclusion:चिकित्सक भी हैं परेशान ।
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इस सीएचसी कैम्पस में ही एक और सरकारी आयुर्वेदिक अस्पताल है । इस अस्पताल के चिकित्सक जो जिला आयूष चिकित्सा पदाधिकारी भी हैं उनका कहना है कि पानी के किल्लत से बहुत परेशान हसीन । सरकार को अविलंब इस दिशा में ध्यान देना चाहिए ।

बाईट - डॉ चन्द्रशेखर प्रसाद , जिला आयुष चिकित्सा पदाधिकारी ।
फाईनल वीओ - अस्पताल में पानी नहीं यह सोचकर भी डर लगता है । अब जामा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में आने वाले मरीजो की परेशानी का अंदाजा सहज लगाया जा सकता है । इस दिशा मे शीघ्र ओहल की जरूरत है ।
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