दुमका: केंद्र सरकार ने यह निर्णय लिया है कि अब शाम तक नहीं बल्कि 24 घंटे पोस्टमार्टम किया जाएगा. इसके बाद जब हमारी टीम ने दुमका के फूलो झानो मेडिकल कॉलेज अस्पताल (Fhulo Jhano Medical College Hospital dumka) का जायजा लिया तो इस अस्पताल में 24 घंटे पोस्टमार्टम के लिए जरूरी संसाधन नहीं मिले.
फूलो झानो मेडिकल कॉलेज अस्पताल के अधीक्षक डॉ. रविंद्र कुमार बताते हैं कि यहां तो पहले से ही फॉरेंसिक एक्सपर्ट जो पोस्टमार्टम करने के लिए जरूरी हैं वे यहां नियुक्त नहीं हैं. वर्तमान समय में सर्जरी, एनाटॉमी विभाग के डॉक्टर और अन्य मेडिकल ऑफिसर मिलकर पोस्टमार्टम कर रहे हैं. अगर 24 घंटे पोस्टमार्टम होने लगेंगे तो कम से कम चार एक्सपर्ट की जरूरत होगी.
कई केस में फॉरेंसिक एक्सपर्ट की होती है आवश्यकता
FJMCH के अधीक्षक डॉ. रविंद्र कुमार बताते हैं कि ऐसे तो यहां साधारण मामलों में पोस्टमार्टम फॉरेंसिक एक्सपर्ट के बिना ही हो रहा है. लेकिन जो मुश्किल केस (Difficult Cases) होते हैं उसमें फॉरेंसिक एक्सपर्ट का होना जरूरी होता है. इसमें जले हुए मामले या फिर जो डेडबॉडी कई दिन पुराने हो जाते हैं, वैसे पोस्टमार्टम के लिए एक्सपर्ट होना चाहिए. वर्तमान में ऐसे मामलों को दुमका से धनबाद भेजा जाता है. यहां एक्सपर्ट के अभाव में काम चलाऊ व्यवस्था से सामान्य केस निपटाया जा रहा है.
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विभाग को है जानकारी
मेडिकल कॉलेज अधीक्षक बताते हैं कि फॉरेंसिक एक्सपर्ट की कमी की वजह से काम में काफी परेशानी होती है. इस पद में पोस्टिंग के लिए हमने विभाग को सारी जानकारी दे रखी है. अब विभाग कब तक बहाली करेगा यह कहना मुश्किल है.
मैन पावर और अन्य व्यवस्था की भी है कमी
दुमका के पोस्टमार्टम हाउस में मैन पावर की भी कमी है. दो कर्मी पोस्टमार्टम हाउस में कार्यरत हैं लेकिन इन्हें कोई मानदेय निर्धारित नहीं है. जैसे-तैसे काम चलाऊ व्यवस्था के तहत ये काम कर रहे हैं. इसके साथ ही पोस्टमार्टम हाउस में दो डीप फ्रीज़र हैं जिसमें ऐसे शव को रखा जाता है जिसकी शिनाख्त नहीं हो पाई है. कभी-कभी ऐसी स्थिति सामने आ जाती है जब दोनों डीप फ्रीजर में शव रहते हैं और तीसरी लावारिस डेड बॉडी पहुंच जाती है. उस वक्त परेशानी वाली स्थिति सामने आ जाती है.
पर्याप्त व्यवस्था बहाल करने की आवश्यकता
ऐसे में जब निकट भविष्य में जब 24 घंटे पोस्टमार्टम होने लगेंगे तो वर्तमान में फूलो झानो मेडिकल कॉलेज अस्पताल में जो व्यवस्था है वह और भी कमतर साबित होगी. ऐसे में सरकार को चाहिए कि समुचित व्यवस्था बहाल करें.