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इस अस्पताल में नहीं हैं 'भगवान', मरीज हो रहे परेशान

दुमका सदर अस्पताल में रीजनल आई हॉस्पिटल बिना डॉक्टर के ही संचालित हो रहा. फिलहाल यहां सिर्फ एक डॉक्टर हैं और वह भी लंबी छुट्टी पर हैं. डॉक्टरों के नहीं रहने से मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

दुमका सदर अस्पताल
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Published : Mar 26, 2019, 3:48 PM IST

दुमका: झारखंड की उपराजधानी दुमका का रीजनल आई हॉस्पिटल बिना डॉक्टर के ही संचालित हो रहा है. जिससे मरीज तो परेशान हैं हीं, इस अस्पताल में काम करने वाले कर्मी भी परेशान हैं.

दुमका सदर अस्पताल परिसर में मौजूद रीजनल आई हॉस्पिटल इन दिनों बदहाली का शिकार है. यहां अस्पताल की बिल्डिंग तो है लेकिन यहां डॉक्टरों की बेहद कमी है, जिससे मरीजों का समुचित इलाज नहीं हो पा रहा है. यहां औसतन 40 से 50 मरीज आते हैं. लेकिन डॉक्टर के अभाव में ठीक से इलाज नहीं हो पाता है. आंखों का ऑपरेशन तो बिल्कुल बन्द है.

देखें वीडियो

ये भी पढ़ें:रांची में दिनदहाड़े फायरिंग, इलाज के दौरान रिम्स में युवक की मौत

दरअसल, यहां तीन डॉक्टर की पोस्टिंग है जिसमें से दो डॉक्टर का पद रिक्त हैं. इसके अलावा अस्पताल के एक मात्र डॉक्टर लंबी अवकाश हैं. ऐसे में बिना डॉक्टर के अस्पताल कैसे चल रहा है इसका अंदाजा सहज लगाया जा सकता है.

क्या कहते हैं मरीज
डॉक्टर के नहीं रहने से मरीज काफी परेशान हैं वे कहते हैं यह दुमका का एकमात्र आई हॉस्पिटल है और यहां डॉक्टर का न होना काफी दुखद है. वे सरकार से इस दिशा में पहल की मांग कर रहे हैं.

क्या कहते हैं अस्पताल के नेत्र सहायक
अस्पताल के नेत्र सहायक भी मानते हैं कि काफी परेशानी है. यहां वे तो सिर्फ आंखों की पावर या छोटे मोटे काम करते हैं. लेकिन डॉक्टर नहीं रहने से किसी तरह का आई ऑपरेशन बंद है.

क्या कहते हैं सिविल सर्जन
इस संबंध में दुमका के सिविल सर्जन डॉ अनंत कुमार झा ने बताया कि परेशानी तो है लेकिन उन्होंने इस समस्या के लिए विभाग को लिखा है. उन्होंने यह भी बताया कि अभी जो डॉक्टर वहां पोस्टेड हैं और अवकाश पर गए हैं. लेकिन उनकी भी सेवा अगले महीने समाप्त हो जाएगी ऐसे में तो डॉक्टर की पोस्टिंग अत्यंत आवश्यक है.

दुमका: झारखंड की उपराजधानी दुमका का रीजनल आई हॉस्पिटल बिना डॉक्टर के ही संचालित हो रहा है. जिससे मरीज तो परेशान हैं हीं, इस अस्पताल में काम करने वाले कर्मी भी परेशान हैं.

दुमका सदर अस्पताल परिसर में मौजूद रीजनल आई हॉस्पिटल इन दिनों बदहाली का शिकार है. यहां अस्पताल की बिल्डिंग तो है लेकिन यहां डॉक्टरों की बेहद कमी है, जिससे मरीजों का समुचित इलाज नहीं हो पा रहा है. यहां औसतन 40 से 50 मरीज आते हैं. लेकिन डॉक्टर के अभाव में ठीक से इलाज नहीं हो पाता है. आंखों का ऑपरेशन तो बिल्कुल बन्द है.

देखें वीडियो

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दरअसल, यहां तीन डॉक्टर की पोस्टिंग है जिसमें से दो डॉक्टर का पद रिक्त हैं. इसके अलावा अस्पताल के एक मात्र डॉक्टर लंबी अवकाश हैं. ऐसे में बिना डॉक्टर के अस्पताल कैसे चल रहा है इसका अंदाजा सहज लगाया जा सकता है.

क्या कहते हैं मरीज
डॉक्टर के नहीं रहने से मरीज काफी परेशान हैं वे कहते हैं यह दुमका का एकमात्र आई हॉस्पिटल है और यहां डॉक्टर का न होना काफी दुखद है. वे सरकार से इस दिशा में पहल की मांग कर रहे हैं.

क्या कहते हैं अस्पताल के नेत्र सहायक
अस्पताल के नेत्र सहायक भी मानते हैं कि काफी परेशानी है. यहां वे तो सिर्फ आंखों की पावर या छोटे मोटे काम करते हैं. लेकिन डॉक्टर नहीं रहने से किसी तरह का आई ऑपरेशन बंद है.

क्या कहते हैं सिविल सर्जन
इस संबंध में दुमका के सिविल सर्जन डॉ अनंत कुमार झा ने बताया कि परेशानी तो है लेकिन उन्होंने इस समस्या के लिए विभाग को लिखा है. उन्होंने यह भी बताया कि अभी जो डॉक्टर वहां पोस्टेड हैं और अवकाश पर गए हैं. लेकिन उनकी भी सेवा अगले महीने समाप्त हो जाएगी ऐसे में तो डॉक्टर की पोस्टिंग अत्यंत आवश्यक है.

Intro:दुमका - झारखंड की उपराजधानी दुमका में स्थित रीजनल आई हॉस्पिटल ( क्षेत्रीय आंख अस्पताल) बिना डॉक्टर के संचालित हो रहा है । इससे मरीजो के साथ साथ कार्यरत कर्मी भी परेशान हैं ।


Body:क्या है पूरा मामला ।
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दुमका सदर अस्पताल परिसर में स्थित रीजनल आई हॉस्पिटल इन दिनों बिना डॉक्टर के संचालित है । जिससे कामकाज काफी प्रभावित हो रहा है । मरीजों को समुचित इलाज नहीं हो पाता । जबकि यहां औसतन 40 से 50 मरीज आते हैं । आंखों का ऑपरेशन तो बिल्कुल बन्द है । दरअसल यहां तीन डॉक्टर की पोस्टिंग है । दो डॉक्टर का पद रिक्त है । एक डॉक्टर सी पी सिन्हा हैं भी तो किसी जरूरी कार्य से लंबी अवकाश पर गए हैं । ऐसे में बिना डॉक्टर के अस्पताल कैसे चल रहा है इसका अंदाजा सहज लगाया जा सकता है ।
क्या कहते हैं मरीज ।
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डॉक्टर के नहीं रहने से मरीज काफी परेशान हैं वे कहते हैं यह दुमका का एकमात्र आई हॉस्पिटल है और यहाँ डॉक्टर का न होना काफी दुखद है । वे सरकार से इस दिशा में पहल की मांग कर रहे हैं ।
बाईट - महेश ,मरीज

क्या कहते हैं अस्पताल के नेत्र सहायक ।
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अस्पताल के नेत्र सहायक भी मानते हैं कि काफी परेशानी है । हमलोग तो सिर्फ आंखों का पावर या अन्य कुछ कार्य करते हैं लेकिन डॉक्टर नहीं रहने से किसी तरह का आई ऑपरेशन बन्द है । साथ ही नाक , कान के जो मरीज आते हैं वे भी लौट जाते हैं ।

बाईट - दिवाकर - नेत्र सहायक
बाईट - पी के सिंह - नेत्र सहायक




Conclusion:क्या कहते हैं सिविल सर्जन ।
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इस संबंध में दुमका के सिविल सर्जन डॉ अनंत कुमार झा ने बताया कि परेशानी तो है लेकिन उन्होंने इस समस्या के लिए विभाग को लिखा है । उन्होंने यह भी बताया कि अभी जो डॉक्टर सी पी सिन्हा पोस्टेड हैं और अवकाश पर गए हैं लेकिन उनकी भी सेवा अगले महीने समाप्त हो जायेगो ऐसे में तो डॉक्टर की पोस्टिंग तो अत्यन्त आवश्यक है ।

बाईट - डॉ अनन्त कुमार झा , सिविल सर्जन, दुमका
फाईनल वीओ - झारखंड सरकार स्वास्थ्य व्यवस्था को पुख्ता करने का दावा करती है लेकिन जिस तरह उपराजधानी में आई हॉस्पिटल बिना डॉक्टर के चल रहा है यह काफी दुखद और हास्यास्पद भी है । यह सरकार के जनकल्याणकारी होने के दावे की पोल खोलता है ।
मनोज केशरी
ईटीवी भारत ,
दुमका
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