दुमका: सरैयाहाट थाना क्षेत्र के मंडलडीह गांव में पत्नी ने प्रेमी (boyfriend) संग मिलकर पति की हत्या कर दी. इसके बाद शव को घर के सेफ्टिक टैंक में फेंका दिया. कहा जा रहा है कि हत्या करीब एक महीने पहले हुई थी. पुलिस की लापरवाही से ग्रामीणों में आक्रोश है. ग्रामीणों का आरोप है कि सूचना देने के घंटों बाद भी पुलिस घटनास्थल पर नहीं पहुंची. फिलहाल पुलिस मौके पर पहुंचकर शव को कब्जे में ले लिया है और पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है.
ये भी पढ़ें: 'तुम मेरी नहीं हो सकी तो किसी और की नहीं होने दूंगा' और फिर...
मंडलडीह गांव में महिला ने अपने प्रेमी के साथ मिलकर अपने पति की हत्या कर दी. उसके बाद शव को सेप्टिक टैंक में डालकर ठिकाने लगा दिया. वारदात को ठीक एक महीने पहले 24 जून को तब अंजाम दिया गया था. तब मृतक की पत्नी ने थाने में जाकर गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी.
टीका के बहाने लगाया बेहोशी का इंजेक्शन
जानकारी के अनुसार, महिला का पति सोनू पोद्दार गुजरात से काम करके वापस गांव लौटा था. तब महिला ने कहा कि वह बाहर से आया है और उसे कोरोना का टीका लगवान लेना चाहिए. इसके लिए उसने अपने प्रेमी रवि मिस्त्री को बुलाया. रवि ने सोनू को कोरोना का टीका बताकर बेहोशी का इंजेक्शन लगा दिया और जब वह अचेत हो गया तो टांगी से मारकर उसकी हत्या कर दी. इसके बाद शव को एक बोरी में डालकर नवनिर्मित सेप्टिक टैंक में डाल दिया और ऊपर से स्लैब लगा दिया.
पुलिसा पूछताछ में हुआ खुलासा
मामले में 24 जून की ही रात को गौरी देवी ने थाने में सोनू पोद्दार के गुमशुदगी की जानकारी दी. मामले में जरमुंडी एसडीपीओ उमेश कुमार सिंह ने गौरी देवी और उसके प्रेमी रवि मिस्त्री से कई दफा घंटों-घंटों पूछताछ की. पहले दोनों सोनू के बारे में किसी तरह की जानकारी होने से साफ इंकार करते रहे, लेकिन बाद में पुलिस का दवाब पड़ते ही वह टूट गए और हत्या का राज उगल दिया. इसके बाद पुलिस ने सोनू पोद्दार की पत्नी गौरी देवी तथा उसके आशिक रवि मिस्त्री को गिरफ्तार कर लिया है.
ये भी पढ़ें: प्रेमिका के सामने प्रेमी की तलवार से काटकर की गई थी हत्या, दो साल बाद खौफ के साए में प्रेमिका लौटी घर
मिल कर बनाई हत्या की योजना
पुलिस के अनुसार, सोनू गुजरात में काम करता था और बहुत कम ही घर आता था. उनके अनुपस्थिति में गौरी को मड़कुरा गांव के रवि मिस्त्री से प्यार हो गया. इसके बाद रवि अक्सर गौरी के घर आने लगा. इस बीच अचानक सोनू के घर आ जाने से दोनों एक दूसरे से मिल नहीं पाते थे. इसलिए योजना बनाकर हत्या कर दी गई. ग्रामीणों को कोई शक नही हो इसके लिए महिला मांग में सिंदूर भी लगाती थी. पूरे मामले खुलासा होने के बाद उपायुक्त ने बीडीओ दयानंद जायसवाल को मजिस्ट्रेट नियुक्त किया गया था. मजिस्ट्रेट की निगरानी में शव को निकाला गया. मौके पर एसडीपीओ उमेश सिंह, हंसडीहा सर्किल इंस्पेक्टर संजय सुमन, थाना प्रभारी अनुज यादव सहित काफी संख्या में पुलिस बल मौजूद थे.