रांचीः दुमका में कोविशील्ड का टीका लेने के बाद एक गर्भवती महिला की मौत के मामले में राज्य के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता (Health Minister Banna Gupta) ने जांच की बात कही है. मंत्री ने कहा कि इस मामले की जांच करायी जाएगी. जिनकी गलती की वजह से महिला की जान गई है, उस पर आवश्यक कार्रवाई होगी.
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दुमका जिला के शिकारीपाड़ा में महिला के पति ने आरोप लगाते हुए कहा कि मौत की वजह कोरोना का टीका यानी कोविडशील्ड का डोज (Covishield Dose) है. इसको लेकर डॉक्टर्स ने भी स्पष्ट लिखकर दिया है कि मौत का कारण कोविडशील्ड (Covishield) ही है.
रांची में सदर अस्पताल के कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि सीता को लेकर अभी-भी लोगों के मन में संशय है. उसके बावजूद भी जो जानकारी मिली है उस पर निष्पक्ष रूप से जांच करायी जाएगी. इस मामले में जो भी दोषी पाए जाएंगे उन पर नियमानुसार कार्रवाई भी की जाएगी.
मौत को वैक्सीनेशन से जोड़ना उचित नहीं- FJMCH अधीक्षक, दुमका
दुमका जिला के शिकारीपाड़ा प्रखंड के कोलाईबाड़ी गांव की गर्भवती महिला दुलाड़ हेंब्रम की मौत कोविशील्ड वैक्सीन लेने के बाद दूसरे दिन हो जाने के मामले की जांच शुरू हो गयी है. जांच का जिम्मा एसीएमओ DR. A.M.Soren को दिया गया है. इसकी जानकारी फूलो झानो मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल (Phulo Jhano Medical College Hospital) के अधीक्षक डॉ. रविंद्र कुमार ने दी है.
दुलाड़ की मौत को वैक्सीनेशन से जोड़ना उचित नहीं है, यह कहना है एफजेएमसीएच के अधीक्षक डॉ. रविंद्र कुमार का. उनका कहना है कि जब दुलाड़ हॉस्पिटल पहुंची थी तो उसे गंभीर रूप से सांस लेने में परेशानी हो रही थी. डॉ. रविंद्र कुमार कहते हैं कि वैक्सीनेशन का अगर रिएक्शन होना होता है तो 4 से 6 घंटे में हो जाता है. जबकि वह दिन में वैक्सीन ली थी और देर रात उसे समस्या उत्पन्न हुई. यह एक संयोग मात्र है कि वैक्सीन लेने के दूसरे दिन वह बीमार पड़ती है और उसकी मौत हो जाती है. अधीक्षक ने कहा बुधवार को जांच रिपोर्ट आने के बाद सब कुछ ज्यादा साफ हो जाएगा.
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क्या है पूरा मामला
जिला के शिकारीपाड़ा प्रखंड के कोलाईबाड़ी गांव के जुतिन मुर्मू ने शिकारीपाड़ा बीडीओ संतोष कुमार चौधरी को लिखित सोमवार को एक आवेदन दिया था. जुतिन का कहना था कि मेरी पत्नी जो गर्भवती थी, 17 नवंबर को कोलाईबाड़ी गांव के ग्राहक सेवा केंद्र में पैसा निकालने गई थी. वहीं स्वास्थ्यकर्मियों की ओर से कोरोना का वैक्सीन दिया जा रहा था. उन्होंने मेरी पत्नी को बुलाकर वैक्सीन दे दिया. वैक्सीन लेने के बाद रात में पत्नी की तबीयत खराब हो गयी. उसके बाद उसे शिकारीपाड़ा सीएचसी में भर्ती कराया गया, जहां स्थिति ज्यादा बिगड़ गयी तो शिकारीपाड़ा सीएचसी से उसे दुमका स्थित फूलो झानो मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल रेफर कर दिया गया. जहां 18 नवंबर के शाम 7:30 बजे पत्नी और गर्भ में पल रहे बच्चे दोनों की मौत हो गयी. जुतिन ने अपने आवेदन में बीडीओ से वैक्सीन देने वाले स्वास्थ्यकर्मियों पर कार्रवाई की मांग की है. साथ ही साथ मुआवजे की भी मांग की है.