दुमका: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसान रैली को संबोधित करते हुए कहा था कि वे चाहते हैं कि किसानों की आमदनी दोगुनी हो जाए. लेकिन आमतौर पर किसान परंपरागत खेती करते हैं जिससे उनकी आय सीमित रहती है और बहुत ज्यादा फायदा नहीं होता. लेकिन दुमका के युवा किसान चंदन मल्लिक ने बैगन और टमाटर जैसी सब्जियों की परंपरागत खेती को छोड़ मशरूम की खेती करने का मन बनाया. इससे उनकी आय दोगुनी हो गई है. हालांकि इसके लिए उन्हें कोई सरकारी मदद नहीं मिली.
मशरूम की खेती के लिए चंदन ने किसान कॉल सेंटर को फोन किया और कृषि विभाग के अधिकारियों से मिलना चाहा, लेकिन हर जगह निराशा हाथ लगी. चंदन ने हार नहीं मानी और यूट्यूब और अन्य ऑनलाइन माध्यमों के सहयोग से मशरूम की खेती शुरू की. उनकी खेती अब रंग ला रही है और वे सफल साबित हो रहे हैं. हालांकि वह अभी सरकार से उचित पूंजी और बाजार की मांग कर रहे हैं, ताकि वह तरीके से खेती कर सकें.
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दुमका जिले के सदर प्रखंड के नवाडीह गांव के चंदन मल्लिक ने अपने परिवार के परम्परागत सब्जी उत्पादन के अलावा मशरूम की खेती करने मन बनाया. इसके तौर तरीकों की जानकारी और बीज और अन्य संसाधनों की व्यवस्था के लिए उन्होंने किसान कॉल सेंटर को फोन किया. किसान कॉल सेंटर ने उन्हें स्थानीय अधिकारियों से बात करने की सलाह दी. चंदन बताते हैं कि उन्होंने अधिकारियों को फोन किया और कार्यालय के चक्कर भी लगाए लेकिन कोई मदद नहीं मिली. फिर उन्होंने यूट्यूब और अन्य ऑनलाइन माध्यमों की मदद से मशरूम की खेती शुरू की जो सफल साबित हो रही है. हालांकि चंदन अभी भी अपने व्यवसाय को और बेहतर बनाने के लिए उचित पूंजी और बाजार की मांग सरकार से कर रहे हैं. नवाडीह गांव के अन्य लोग इस प्रयोग से काफी खुश हैं. वह चंदन से मशरूम उत्पादन का प्रशिक्षण ले रहे हैं. उनका कहना है कि वे भी इसे अपनाने जाने जा रहे हैं.