दुमका: पेट्रोल कांड की शिकार (Dumka Petrol incident victim) दुमका की बेटी के परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने की मांग को राज्य सरकार ने पूरा कर दिया है. मृतका की बड़ी बहन को जिला उपभोक्ता फोरम में कम्प्यूटर ऑपरेटर की नौकरी दी गयी है. रविवार को विधायक बसंत सोरेन ने उनके आवास जाकर बहन को नियुक्ति पत्र दिया.
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क्या है पूरा मामला: दुमका की बेटी को 23 अगस्त की सुबह मोहल्ले के ही शाहरुख हुसैन और उसके साथी नईम खान ने सोते समय पेट्रोल डालकर आग लगा दी थी. 28 अगस्त की रात रांची रिम्स में उसकी मौत हो गई. मुख्य आरोपी शाहरुख हुसैन तो 23 अगस्त को ही गिरफ्तार हो गया था, जबकि आग से झुलसी पीड़िता के मौत के बाद छोटू उर्फ नईम को गिरफ्तार किया गया.
राज्य सरकार ने दिया है दस लाख का मुआवजा: मृतका के पिता को जिला प्रशासन द्वारा अबतक इलाज और मुआवजा के नाम पर 10 लाख रुपये दिये जा चुके हैं. विधायक बसंत सोरेन चार दिन पहले जब उनसे मिलने आये थे तो बड़ी बहन को नौकरी का आश्वासन दिया था. उससे पहले उसकी दादी का वृद्धावस्था पेंशन स्वीकृत किया गया और भाई का सिदो कान्हु उच्च विद्यालय में नामांकन कराया गया.
रविवार को विधायक बसंत सोरेन, डीसी रवि शंकर शुक्ला, डीडीसी कर्ण सत्यार्थी, एसडीपीओ नूर मुस्तफा अंसारी, दुमका सदर बीडीओ राजेश कुमार सिन्हा, सीओ यामुन रविदास, जिला परिषद सदस्य जयंत जयंती पीड़ित परिवार से मिले. घर का हाल जानने के बाद उन्होंने बड़ी बहन को उपभोक्ता फोरम में नौकरी का नियुक्ति पत्र दिया. परिजनों से मुलाकात के क्रम में विधायक ने यह जानकारी ली कि अभी तक घर तक जाने वाली सड़क क्यों नहीं बनी है. विधायक ने बीडीओ राजेश कुमार सिन्हा ने कहा कि आवागमन के लिए मार्ग बनाया जाए. बीडीओ ने बताया कि 15वें वित्त आयोग की राशि से पीड़िता के घर होते हुए पीसीसी का निर्माण कराया जाएगा. जिस जगह पर पीड़िता का घर है वहां मोड़ से लेकर घर से कुछ दूर तक सड़क नहीं है. लोग कच्चे रास्ते से आना जाना करते हैं.