दुमकाः राज्य की उपराजधानी को आमतौर पर शांत जिला माना जाता है. संगठित अपराध यहां नहीं के बराबर है लेकिन पिछले दो-तीन सप्ताह में यहां आपराधिक घटनाओं में काफी वृद्धि हुई है. लूट, हत्या, छिनतई, फायरिंग की कई वारदात दिनदहाड़े घटित हुई. इससे लोगों में दहशत व्याप्त है.
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लगातार घट रही है आपराधिक घटना
पिछले 15 दिनों में छोटे-मोटे घटनाओं की बात छोड़ दें तो 5 दिन पूर्व शहर के बीचो-बीच गणपति ज्वेलर्स में दिनदहाड़े बिहार के चार अपराधियों ने दुकान को लूटने का प्रयास किया और जब उसका विरोध हुआ तो उन्होंने फायरिंग की जिसमें एक दुकानदार घायल भी हुआ. हालांकि लोगों ने भी एक अपराधी को पकड़ लिया और पुलिस के हवाले कर दिया. मौके से भागे तीन अपराधियों की अब तक गिरफ्तारी नहीं हो पाई है. पिछले एक सप्ताह में जामा थाना क्षेत्र में अलग-अलग स्थानों पर दो युवतियों का शव बरामद किया गया. दोनों में दुष्कर्म और हत्या की आशंका जताई गई. हालांकि अभी तक पोस्टमार्टम रिपोर्ट सामने नहीं आई है. इन दो डेडबॉडी में तो एक की अब तक शिनाख्त भी नहीं हुई है. पिछले एक दो दिनों में रामगढ़ थाना क्षेत्र में ट्रकों से लूट, शुक्रवार को बैंक से लौट रही एक रिटायर्ड टीचर से एक लाख रुपये की छिनतई जैसी घटना से लोग डरे सहमे हुए हैं.
इस पूरे मामले पर हमने उपराजधानी चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष मो. शरीफ से बात की. उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से आपराधिक घटनाओं में वृद्धि हुई है, उससे पता चलता है कि दुमका की पुलिस सुस्त हुई है. उन्होंने कहा कि व्यवसायियों और आम लोग काफी डरे सहमे हुए हैं. ऐसे में पुलिस प्रशासन को लोगों का विश्वास जीतना चाहिए और आपराधिक घटनाओं पर अंकुश लगाना चाहिए.
क्या कहते हैं जिले के एसपी
बढ़ते अपराध की घटनाओं को लेकर हमने सीधे जिले के एसपी अंबर लकड़ा से बात की. उन्होंने कहा कि आपराधिक घटनाएं घटित हुई हैं, लेकिन हमारी भी कार्रवाई चल रही है. कई मामलों में हमने गिरफ्तारी की है. साथ ही साथ कई ऐसे मामले हैं, जिसमें हमें सुराग मिला है और उस पर जल्द आवश्यक कारवाई होगी.
आपराधिक घटनाओं पर रोक लगना आवश्यक
सरकार और पुलिस प्रशासन का यह फर्ज बनता है कि जनता को सुरक्षित रखें. वह भयमुक्त होकर अपना जीवन व्यतीत करें. ऐसे में अगर घटना बढ़ी है तो उस पर कारवाई होनी चाहिए और ऐसा पुख्ता इंतजाम होना चाहिए कि इस तरह की घटनाओं पर अंकुश लगे.