दुमका: झारखंड की उपराजधानी दुमका में आयोजित दो दिवसीय बांस कारीगर मेले में देश के अलग-अलग राज्यों के बांस कारीगरों के साथ-साथ कई दूसरे देशों के प्रतिनिधि भी शिरकत कर रहे हैं. इसमें नार्वे, नेपाल, भूटान, आफगानिस्तान से आए डेलिगेट्स प्रमुख हैं. ये विदेशी यहां के बांस कारीगरों के हस्तशिल्प की बारीकियों को देख रहे हैं और उनके यहां इस तरह के उत्पादों की क्या संभावनाएं हैं उस पर भी विचार कर रहे हैं.
क्या कहते हैं नेपाल के राजेंद्र कुमार?
बांस कारीगर मेला में नेपाल से आए राजेंद्र कुमार ने बताया कि हमारे यहां भी बांस का उत्पादन काफी मात्रा में है, लेकिन यहां जिस तरह के बांस के हस्तशिल्प और उत्पाद नजर आ रहे हैं वह अभी तक हमारे यहां संभव नहीं हो पाया है. हम इन उत्पादों को देख रहे हैं साथ ही कारीगरों से बात कर रहे हैं. यहां से नेपाल जाने के बाद अपने यहां भी हम ऐसी संभावनाओं को मूर्त रूप दे सकेंगे.
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क्या कहते हैं नार्वे के प्रतिनिधि ?
नार्वे से आये के केनेला ने बताया कि बांस प्लास्टिक के उत्पादों का बेहतर विकल्प है. इसमें किसी तरह की कोई खराबी नहीं है इन उत्पादों को देखकर और कारीगरों से मिलकर उन्हें काफी बेहतर अनुभव मिला है. इस अनुभव का फायदा वह उठाना चाहेंगे. दुमका में आयोजित बांस कारीगर मेला से देश के बांस से जुड़े कारीगर और व्यवसायियों को लाभ तो मिलेगा ही इसके साथ ही दूसरे देश के लोग भी बढ़िया अनुभव प्राप्त कर रहे हैं जो आयोजन की सार्थकता है.