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आज भी सरकारी सुविधाओं से वंचित है यह गरीब परिवार, कृषि मंत्री बादल पत्रलेख से लगाई गुहार

दुमका जिले के जरमुंडी प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत रायकिनारी पंचायत के रूपसागर गांव का एक परिवार आज भी सरकारी सुविधाओं से वंचित है. स्थानीय जनप्रतिनिधियों से समाधान की गुहार लगाई गई लेकिन आज तक लाभ नहीं मिला. थक हार कर झारखंड सरकार के कृषि मंत्री से मीडिया के माध्यम से गुहार लगायी गई है.

family deprived of government facilities
पीड़ित परिवार
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Published : Jan 24, 2021, 10:50 AM IST

Updated : Jan 24, 2021, 12:34 PM IST

दुमकाः सरकारी सुविधाओं से वंचित एक परिवार इस भीषण ठंड में फूस की बनी झोपड़ी में रात गुजारने को विवश है. मामला जरमुंडी प्रखंड के रायकिनारी पंचायत के रुपसागर गांव की है. जहां रहने वाले एक परिवार तक सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं पहुंच पाया है. जिसके कारण यह परिवार बदहाली का जीवन जीने को मजबूर है.

देखें पूरी खबर

गृहस्वामी फूलो राय ने बताया कि उसके पास ना तो राशन कार्ड है और ना ही अब तक उन्हें सरकारी आवास योजना का लाभ ही मिला है. सरकारी योजनाओं का लाभ प्राप्त करने के लिए जनप्रतिनिधियों से लेकर अधिकारियों तक कई बार गुहार लगाई लेकिन उनकी बदहाली के आंसू किसी ने नहीं पोछे. पत्नी और दिव्यांग पुत्र के परिवार के साथ एक झोपड़ी में उनकी रातें कटती हैं. भीषण ठंड से परिवार वालों को बचाने के लिए उसने अपनी गाय तक बेच दी और उससे मिले पैसे से पुआल खरीद कर अपनी झोपड़ी की छत को ढका.

ये भी पढ़ें-नोबेल शांति पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी ने की मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की तारीफ, पढ़ें पूरी रिपोर्ट

पत्नी विमला देवी ने बताया कि उनके पास रहने के लिए एक ही घर है और सोने के लिए धरती माता की गोद. पुत्र दिव्यांग है जिस कारण रोजी रोजगार में भी परेशानी हो रही है. उन्होंने सरकार से उनकी बदहाली पर ध्यान देने की मांग की है. वहीं, जरमुंडी विधायक और झारखंड सरकार के कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने इस दंपती की बदहाली पर संज्ञान लिया है और जल्द ही इन्हें सरकारी सुविधा उपलब्ध कराने का भरोसा दिलाया है.

दुमकाः सरकारी सुविधाओं से वंचित एक परिवार इस भीषण ठंड में फूस की बनी झोपड़ी में रात गुजारने को विवश है. मामला जरमुंडी प्रखंड के रायकिनारी पंचायत के रुपसागर गांव की है. जहां रहने वाले एक परिवार तक सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं पहुंच पाया है. जिसके कारण यह परिवार बदहाली का जीवन जीने को मजबूर है.

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गृहस्वामी फूलो राय ने बताया कि उसके पास ना तो राशन कार्ड है और ना ही अब तक उन्हें सरकारी आवास योजना का लाभ ही मिला है. सरकारी योजनाओं का लाभ प्राप्त करने के लिए जनप्रतिनिधियों से लेकर अधिकारियों तक कई बार गुहार लगाई लेकिन उनकी बदहाली के आंसू किसी ने नहीं पोछे. पत्नी और दिव्यांग पुत्र के परिवार के साथ एक झोपड़ी में उनकी रातें कटती हैं. भीषण ठंड से परिवार वालों को बचाने के लिए उसने अपनी गाय तक बेच दी और उससे मिले पैसे से पुआल खरीद कर अपनी झोपड़ी की छत को ढका.

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पत्नी विमला देवी ने बताया कि उनके पास रहने के लिए एक ही घर है और सोने के लिए धरती माता की गोद. पुत्र दिव्यांग है जिस कारण रोजी रोजगार में भी परेशानी हो रही है. उन्होंने सरकार से उनकी बदहाली पर ध्यान देने की मांग की है. वहीं, जरमुंडी विधायक और झारखंड सरकार के कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने इस दंपती की बदहाली पर संज्ञान लिया है और जल्द ही इन्हें सरकारी सुविधा उपलब्ध कराने का भरोसा दिलाया है.

Last Updated : Jan 24, 2021, 12:34 PM IST
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