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क्या अंधेरे में होगा बच्चों का भविष्य 'उज्ज्वल'! दुमका के 694 सरकारी स्कूलों में नहीं है बिजली

झारखंड की उपराजधानी दुमका के करीब 694 स्कूलों में बिजली की व्यवस्था नहीं है. स्कूल के छात्र-छात्राएं कहते हैं कि काफी गर्मी लगती है, हमें बिजली का पंखा चाहिए.

दुमका के सरकारी स्कूलों में नहीं बिजली
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Published : Aug 31, 2019, 9:45 PM IST

दुमका: सरकारी विद्यालय के बच्चों को प्राइवेट स्कूल के स्टूडेंट की तरह सुविधा मिले इसके लिए करोड़ों खर्च किए जा रहे हैं. इसके बावजूद सूबे के सरकारी स्कूल में आज भी बिजली की सुविधा उपलब्ध नहीं है. इसका सीधा मतलब है कि अभी भी आधारभूत संरचना पर काम होना बाकी है. उपराजधानी दुमका के सरकारी विद्यालय के विद्युतीकरण की बात करें तो इस जिले में 2 हजार 301 सरकारी विद्यालय हैं, जिसमें 694 में बिजली कनेक्शन नहीं है.

वीडियो में देखें ये स्पेशल स्टोरी

विद्युत कनेक्शन नहीं होने से पढ़ाई में परेशानी
स्कूल के छात्र-छात्राएं कहते हैं कि काफी गर्मी लगती है, हमें बिजली का पंखा चाहिए. वहीं, स्कूल के शिक्षक कहते हैं कि हमलोग तो गर्मी बर्दाश्त कर लेते हैं, लेकिन बच्चे परेशान हो जाते हैं. समस्या तब आती है जब कभी दिन में बादल छा जाते हैं तो क्लास रूम में अंधेरा हो जाता है.

ये भी पढ़ें- गर्भवती महिला से सोने की चैन छिनतई करने वाले गिरोह का खुलासा, गलाए गए आभूषण के साथ 3 गिरफ्तार

क्या कहते हैं संथालपरगना के क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशक
मामले में जब ईटीवी भारत ने संथालपरगना के क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशक राजकुमार प्रसाद सिंह से बात की तो उन्होंने कहा कि सरकार का स्पष्ट निर्देश है कि सरकारी विद्यालयों आधारभूत संरचना पूरी हो. इसमें बिजली का कनेक्शन अनिवार्य है. उन्होंने कहा कि जिला शिक्षा अधिकारी और जिला शिक्षा अधीक्षक से वो रिपोर्ट लेकर इस दिशा में आवश्यक कार्रवाई करेंगे.

दुमका: सरकारी विद्यालय के बच्चों को प्राइवेट स्कूल के स्टूडेंट की तरह सुविधा मिले इसके लिए करोड़ों खर्च किए जा रहे हैं. इसके बावजूद सूबे के सरकारी स्कूल में आज भी बिजली की सुविधा उपलब्ध नहीं है. इसका सीधा मतलब है कि अभी भी आधारभूत संरचना पर काम होना बाकी है. उपराजधानी दुमका के सरकारी विद्यालय के विद्युतीकरण की बात करें तो इस जिले में 2 हजार 301 सरकारी विद्यालय हैं, जिसमें 694 में बिजली कनेक्शन नहीं है.

वीडियो में देखें ये स्पेशल स्टोरी

विद्युत कनेक्शन नहीं होने से पढ़ाई में परेशानी
स्कूल के छात्र-छात्राएं कहते हैं कि काफी गर्मी लगती है, हमें बिजली का पंखा चाहिए. वहीं, स्कूल के शिक्षक कहते हैं कि हमलोग तो गर्मी बर्दाश्त कर लेते हैं, लेकिन बच्चे परेशान हो जाते हैं. समस्या तब आती है जब कभी दिन में बादल छा जाते हैं तो क्लास रूम में अंधेरा हो जाता है.

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क्या कहते हैं संथालपरगना के क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशक
मामले में जब ईटीवी भारत ने संथालपरगना के क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशक राजकुमार प्रसाद सिंह से बात की तो उन्होंने कहा कि सरकार का स्पष्ट निर्देश है कि सरकारी विद्यालयों आधारभूत संरचना पूरी हो. इसमें बिजली का कनेक्शन अनिवार्य है. उन्होंने कहा कि जिला शिक्षा अधिकारी और जिला शिक्षा अधीक्षक से वो रिपोर्ट लेकर इस दिशा में आवश्यक कार्रवाई करेंगे.

Intro:दुमका -
सरकारी विद्यालय के बच्चों को प्राइवेट स्कूल के स्टूडेंट की तरह सुविधा मिले इसके लिए करोड़ों खर्च किए जा रहे हैं पर धरातल पर यह नजर नहीं आता । सरकारी स्कूल में आज भी बिजली की सुविधा उपलब्ध नहीं है । इसका अर्थ यह हुआ कि अभी भी आधारभूत संरचना पर काम होना बाकी है । अगर हम झारखंड की उपराजधानी दुमका के सरकारी विद्यालय के विद्युतीकरण की बात करें तो इस जिले में 2301 सरकारी विद्यालय है जिसमें 694 में बिजली कनेक्शन नहीं पहुंचा ।


Body:विद्युत कनेक्शन नहीं होने से पठन-पाठन में परेशानी ।
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आज प्रधानमंत्री का आईटी पर जोर है कम्प्यूटर और इंटरनेट के माध्यम से3 सारी व्यवस्था ऑन लाईन । अब जब स्कूलों में बिजली नहीं पहुंची तो यह सब सोचना भी बेमानी है । इधर दुमका में बिजली का कनेक्शन नहीं है वहाँ पठन-पाठन में परेशानी होती है । स्कूल के छात्र-छात्राएं कहते हैं काफी गर्मी लगती है हमें बिजली का पंखा चाहिए । वहीं स्कूल के शिक्षक कहते हैं कि हमलोग तो गर्मी बर्दाश्त कर लेते हैं लेकिन बच्चे परेशान हो जाते हैं । समस्या तब आती है जब कभी दिन में बादल छा जाते हैं तो क्लास रूम में अंधेरा छा जाता है और पढाई ठप । वहीं कुछ ऐसे स्कूल भी हैं जिसमें 2 साल पहले वायरिंग हुआ लेकिन आज तक बिजली कनेक्शन नहीं लगा ।

बाईट - आरती कुमारी, छात्रा
बाईट- प्रमोद कुमार, शिक्षक
बाईट - नूरआरा परवीन , शिक्षिका


Conclusion:क्या कहते हैं संथालपरगना के क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशक ।
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दुमका जिले में लगभग 700 स्कूलों में बिजली नहीं रहने और इससे हो रही परेशानी के मामले में जब हमने संथालपरगना के क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशक राजकुमार प्रसाद सिंह से बात की तो उन्होंने कहा कि सरकार का स्पष्ट निर्देश है कि सरकारी विद्यालयों आधारभूत संरचना पूरी हो और इसमें बिजली का कनेक्शन अनिवार्य है । वे कहते हैं जिला शिक्षा अधिकारी और जिला शिक्षा अधीक्षक से वे रिपोर्ट लेकर इस दिशा में आवश्यक कार्रवाई करेंगे ।
बाईंट - राजकुमार प्रसाद सिंह , क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशक , दुमका

फाईनल वीओ -
आज बिजली के बिना मनुष्य की जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती है । लेकिन दुमका के 700 स्कूल जिसमे लगभग पांच लाख बच्चे पढ़ रहे हैं वहाँ बिजली का नहीं होना काफी अचरज और दुखद का विषय है । सरकार को अविलंब इस दिशा में पहल करने की जरूरत है ।
मनोज केशरी
ईटीवी भारत
दुमका
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