दुमका: सरकारी विद्यालय के बच्चों को प्राइवेट स्कूल के स्टूडेंट की तरह सुविधा मिले इसके लिए करोड़ों खर्च किए जा रहे हैं. इसके बावजूद सूबे के सरकारी स्कूल में आज भी बिजली की सुविधा उपलब्ध नहीं है. इसका सीधा मतलब है कि अभी भी आधारभूत संरचना पर काम होना बाकी है. उपराजधानी दुमका के सरकारी विद्यालय के विद्युतीकरण की बात करें तो इस जिले में 2 हजार 301 सरकारी विद्यालय हैं, जिसमें 694 में बिजली कनेक्शन नहीं है.
विद्युत कनेक्शन नहीं होने से पढ़ाई में परेशानी
स्कूल के छात्र-छात्राएं कहते हैं कि काफी गर्मी लगती है, हमें बिजली का पंखा चाहिए. वहीं, स्कूल के शिक्षक कहते हैं कि हमलोग तो गर्मी बर्दाश्त कर लेते हैं, लेकिन बच्चे परेशान हो जाते हैं. समस्या तब आती है जब कभी दिन में बादल छा जाते हैं तो क्लास रूम में अंधेरा हो जाता है.
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क्या कहते हैं संथालपरगना के क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशक
मामले में जब ईटीवी भारत ने संथालपरगना के क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशक राजकुमार प्रसाद सिंह से बात की तो उन्होंने कहा कि सरकार का स्पष्ट निर्देश है कि सरकारी विद्यालयों आधारभूत संरचना पूरी हो. इसमें बिजली का कनेक्शन अनिवार्य है. उन्होंने कहा कि जिला शिक्षा अधिकारी और जिला शिक्षा अधीक्षक से वो रिपोर्ट लेकर इस दिशा में आवश्यक कार्रवाई करेंगे.