दुमका: झारखंड सरकार की ओर से सरकारी विद्यालयों के आठवीं कक्षा के छात्र - छात्राओं को साइकिल खरीदने के लिए उनके बैंक खाते में ऑनलाइन 3500 रुपये दिए जाते थे. लेकिन काफी संख्या में ऐसे छात्र-छात्राएं होते थे, जो साइकिल नहीं खरीद पाते थे. क्योंकि सरकार की ओर से भेजे गए पैसे उनके अभिभावक दूसरे काम में लगा देते थे. ऐसे में सरकार ने अब इसे गंभीरता से लिया है और इस साल छात्र-छात्राओं के खाते में रुपए ना भेजकर उन्हें साइकिल ही दी जा रही है.
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कल्याण विभाग की ओर से बच्चों को साइकिल दी जा रही है. दुमका के जिला कल्याण पदाधिकारी अशोक कुमार ने बताया कि इस साल 40 हजार छात्र-छात्राओं को साइकिल दी जा रही है. पिछले साल कोरोना की वजह से आठवीं के बच्चों को साईकिल नहीं दी जा सकी. इसलिए इस साल आठवीं और नवमी दोनों कक्षा के बच्चों को साइकिल दी जा रही है. इसके लिए छात्र - छात्राओं से एक घोषणा पत्र लिया जा रहा है. जिसमें स्टूडेंट्स यह घोषणा करते हैं कि मैं आठवीं - नवमी के छात्र हूं और मुझे साइकिल दी जाए.
बच्चों को सीधे साइकिल देने की व्यवस्था
जिला कल्याण पदाधिकारी ने कहा कि पहले नकद रुपए देने की व्यवस्था थी. लेकिन बहुत सारे बच्चे के अभिभावक रुपए का प्रयोग दूसरे काम में कर लेते थे. जिससे विद्यालय में साइकिल नजर नहीं आती थी. इस वजह से सीधे साइकिल देने का निर्णय लिया गया है. बच्चों का आवेदन आना शुरू हो गया है. जल्द मुख्यालय से स्कूल के प्रधानाध्यापक को साइकिल सौंप दी जाएगी.
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क्या कहते हैं विद्यालय के प्रधानाध्यापक
बनकाठी विद्यालय के प्रधानाध्यापक श्याम किशोर सिंह गांधी ने कहा कि बच्चों के आवेदन को एकत्रित किया जा रहा है. सरकार का यह निर्णय स्वागतपूर्ण है. जिसमें बच्चों को नकद राशि न देकर साइकिल दी जा रही है. कई अभिभावक बच्चों के पैसों को खर्च कर देते थे और उन्हें साइकिल नहीं देते थे.