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सफेद हाथी साबित हुआ धनबाद में 16 लाख की लागत से बना जलापूर्ति प्लांट बना, ग्रामीण कर रहे त्राहिमाम

धनबाद में बराकर नदी का पानी गर्मी के समय सूख गया था, लेकिन कुछ दिन पहले हुई बारिश और डैम से पानी आने के बाद अभी नदी में पानी तो है. इसके बावजूद ग्रामीणों को पानी के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ रही है. ग्रामीणों का कहना है कि दुम्मा और मैरानवाटांड़ पंचायत में लगभग दस हजार की आबादी है. इसके बावजूद संबंधित अधिकारियों के कानों में जूं तक नहीं रेंग रही है. ऐसे में सभी का कैसे गुजारा होगा यह कहना काफी मुश्किल है.

Water supply from the water supply plant in Mairanwatand is not being supplied in dhanbad
16 लाख रुपये की लागत से बना जलापूर्ति प्लांट बना सफेद हाथी
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Published : May 18, 2021, 2:09 PM IST

टुंडी, धनबाद: जिले के पूर्वी टुंडी स्थित मैरानवाटांड़ में लगभग 16 करोड़ रुपये की लागत से बना जलापूर्ति प्लांट इन दिनों शोभा की वस्तु बन कर रह गया है. जिसे देखने वाला कोई नहीं है. बताया जा रहा है कि इस प्लांट से डेढ़ महीने से जलापूर्ति बाधित है, जिसके कारण यहां पानी के लिए त्राहिमाम-त्राहिमाम मचा हुआ है.

ये भी पढ़ें- कई हिस्सों में भारी बारिश, कमजोर पड़ा चक्रवाती तूफान तौकते

ग्रामीणों की मानें, तो बराकर नदी का पानी गर्मी की वजह से सूख गया था, लेकिन कुछ दिन पहले हुई बारिश और डैम से पानी आने के बाद अभी नदी में पानी तो है. इसके बावजूद ग्रामीणों को पानी के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ रही है. ग्रामीणों का कहना है कि दुम्मा और मैरानवाटांड़ पंचायत में लगभग दस हजार की आबादी है. इसके बावजूद संबंधित अधिकारियों के कानों में जूं तक नहीं रेंग रही है. ऐसे में सभी का कैसे गुजारा होगा यह कहना काफी मुश्किल है.

इस प्लांट में बराकर नदी का पानी कंसजोर घाट से मैरानवाटांड़ में पानी को फिल्टर कर कुरकुटांड़ और हाथसरा स्थित बनाई गई जलमीनार तक ले जाया जाता है. इसके बाद पानी को पाइपलाइन के माध्यम से घरों में पहुंचाया जाता है.

वहीं, इस संबंध में पीएचईडी विभाग के आरबी सिंह का कहना है कि वो आज खुद जांच करने बांसजोबड़ा, सियालकुल्ही गए थे, जहां पानी तो चल रहा था. दिन में बिजली नहीं रहती है रात में बिजली आती है तो एक ऑपरेटर पानी को चलाता है और बंद करता है, जबकि दूसरा ऑपरेटर बीमार है. इस प्लांट को ग्राम जल स्वच्छता को हैंडओवर कर दिया गया है. नदी में पानी नहीं रहने के कारण भी पानी सप्लाई में दिक्कत आ रही है.

टुंडी, धनबाद: जिले के पूर्वी टुंडी स्थित मैरानवाटांड़ में लगभग 16 करोड़ रुपये की लागत से बना जलापूर्ति प्लांट इन दिनों शोभा की वस्तु बन कर रह गया है. जिसे देखने वाला कोई नहीं है. बताया जा रहा है कि इस प्लांट से डेढ़ महीने से जलापूर्ति बाधित है, जिसके कारण यहां पानी के लिए त्राहिमाम-त्राहिमाम मचा हुआ है.

ये भी पढ़ें- कई हिस्सों में भारी बारिश, कमजोर पड़ा चक्रवाती तूफान तौकते

ग्रामीणों की मानें, तो बराकर नदी का पानी गर्मी की वजह से सूख गया था, लेकिन कुछ दिन पहले हुई बारिश और डैम से पानी आने के बाद अभी नदी में पानी तो है. इसके बावजूद ग्रामीणों को पानी के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ रही है. ग्रामीणों का कहना है कि दुम्मा और मैरानवाटांड़ पंचायत में लगभग दस हजार की आबादी है. इसके बावजूद संबंधित अधिकारियों के कानों में जूं तक नहीं रेंग रही है. ऐसे में सभी का कैसे गुजारा होगा यह कहना काफी मुश्किल है.

इस प्लांट में बराकर नदी का पानी कंसजोर घाट से मैरानवाटांड़ में पानी को फिल्टर कर कुरकुटांड़ और हाथसरा स्थित बनाई गई जलमीनार तक ले जाया जाता है. इसके बाद पानी को पाइपलाइन के माध्यम से घरों में पहुंचाया जाता है.

वहीं, इस संबंध में पीएचईडी विभाग के आरबी सिंह का कहना है कि वो आज खुद जांच करने बांसजोबड़ा, सियालकुल्ही गए थे, जहां पानी तो चल रहा था. दिन में बिजली नहीं रहती है रात में बिजली आती है तो एक ऑपरेटर पानी को चलाता है और बंद करता है, जबकि दूसरा ऑपरेटर बीमार है. इस प्लांट को ग्राम जल स्वच्छता को हैंडओवर कर दिया गया है. नदी में पानी नहीं रहने के कारण भी पानी सप्लाई में दिक्कत आ रही है.

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