धनबाद: झारखंड में डायन-बिसाही कह कर खुलेआम महिलाओं को प्रताड़ित किया जा रहा है. इसके बावजूद ऐसे गंभीर मामलों में भी स्थानीय पुलिस पदाधिकारी संजीदगी नहीं दिखाते. ताजा मामला जिला के गोविंदपुर थाना क्षेत्र का है, जहां पर एक महिला को डायन कह कर प्रताड़ित किया जा रहा है और जान मारने की धमकी दी जा रही है. आवेदन देने के बाद भी अब तक एफआईआर दर्ज नहीं की गई है.
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धनबाद में डायन बिसाही प्रताड़ना की पीड़िता ने न्याय की गुहार लगाई है. उसे जान से मारने की लगातार धमकी दी जा रही है, डायन बिसाही कहकर गालियां दी जा रही है. 26 जुलाई में आवेदन के बाद भी अब तक एफआईआर नहीं दर्ज की गई है. इसको लेकर पीड़ित महिला ने से न्याय की गुहार लगाई है.
गोविंदपुर थाना क्षेत्र में एक महिला को उसके ही रिश्तेदारों ने डायन कह कर प्रताड़ित किया और परिवार के सभी सदस्यों को जान से मार देने की धमकी दी. इतना ही नहीं महिला को मैला पिलाने की बात भी उनकी ओर से कही जा रही है. इससे परेशान महिला मामले को लेकर थाना पहुंची और बीते 26 जुलाई को ही थाना में आवेदन दिया.
जिसके बाद थाना प्रभारी और मुखिया पति ने पंचायत रखने की बात कही. पंचायत में मुखिया पति गयासुद्दीन अंसारी ने आरोपियों से माफी मंगवाकर झगड़े को सुलझा लेने का प्रस्ताव रखा. जिसे पीड़िता और उसके परिजनों ने ठुकरा दिया. पीड़ित महिला और उसके बेटे का आरोप है कि उसके बाद मुखिया ने धमकी देते हुए कहा कि अगर वह थाना में दिया गया आवेदन वापस नहीं लेगा तो उसकी मर्जी के बगैर एफआईआर भी नहीं करवा सकता है.
पीड़िता ने ईटीवी भारत को बताया कि वर्षों से इन लोगों की ओर से परेशान किया जा रहा है, हमेशा से ही मुझे डायन कहा जाता है. पति की मानसिक स्थिति ठीक नहीं है और बच्चे छोटे होने के कारण पूर्व में कभी थाना जाने की हिम्मत नहीं जुटा पाई. लेकिन अब बच्चे बड़े हो गए ,हैं जिस कारण हिम्मत जुटाकर इस बार थाना पहुंचा, मगर थाना से भी कोई कार्रवाई नहीं हो रही है. मेरे पूरे परिवार को जान मारने की धमकी दी जा रही है.
पीड़ित महिला के पुत्र ने बताया कि पंचायत में साफ शब्दों में कहा गया कि मुझे समझौता नहीं करना है, इस पर मुखिया पति भड़क गए और उन्होंने धमकी भरे लहजे में कहा कि उनकी मर्जी के बगैर थाना में एफआईआर नहीं करवाया जा सकता है. उन्होंने कहा कि 26 जुलाई को आवेदन देने के बाद कई बार थाना जाकर एफआईआर कॉपी की मांग की. लेकिन हर बार मामले को आपसी समझौते के तहत खत्म कर लेने के बाद थाना की ओर से कही गई. उन्होंने कहा कि मुखिया पति ने जो कहा था, वह बात सच साबित हो रहा है. क्योंकि लगभग 20 दिन बीत जाने के बाद भी अब तक मामले में एफआईआर नहीं हो सकी है.
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वहीं जब इस पूरे मामले में मुखिया पति गयासुद्दीन अंसारी से बात की गई तो उन्होंने कहा कि चापाकल में पानी भरने को लेकर दोनों में आपसी विवाद चल रहा है. इसी को लेकर दोनों में झगड़े हुआ था. जब बात बढ़ती है तो आपस में बहुत तरह की बात कही जाती है. माफी मंगवाकर बात खत्म करने की बात कही गई थी, पर पीड़ित पक्ष इसके लिए तैयार नहीं है. उन्होंने कहा कि थाना से कुछ वक्त मेरे द्वारा समझौते के लिए जरूर मांगा गया था. लेकिन लगभग 20 दिन बीत जाने के बाद भी अब तक मामले में कोई कार्रवाई नहीं होती है तो बात समझ से परे है.
जब इस पूरे मामले में गोविंदपुर थाना प्रभारी उमेश कुमार सिंह से बात की गई तो उन्होंने कहा कि मामले की जांच चल रही है. सभी मामलों में एफआईआर नहीं हो सकती है, जांच के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी. लेकिन सवाल यह उठता है कि इतने गंभीर मामलों में भी लगभग 20 दिन बीत जाने के बाद अगर समझौता नहीं होता है या थाना की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की जाती है तो शायद बड़ी अनहोनी से इनकार नहीं किया जा सकता.
जब इस मामले में धनबाद सिटी एसपी आर रामकुमार से बात की गई तो उन्होंने कहा कि मामले की गंभीरतापूर्वक जांच कराई जाएगी. डीएसपी के नेतृत्व में पूरे मामले की गहनता से जांच की जाएगी और जो लोग भी दोषी होंगे, उस पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी.