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बंध्याकरण कराने पहुंच रही महिलाओं को दी जा रही गर्भनिरोधक दवाएं, पदाधिकारी ने कहा- 'हम हैं मजबूर'

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Published : Jul 18, 2019, 1:16 PM IST

Updated : Jul 18, 2019, 1:40 PM IST

धनबाद में स्वास्थ्य विभाग की ओर से परिवार स्वास्थ मेला का आयोजन किया गया. हालांकि सरकार की हीलाहवाली की वजह से मेले में बंध्याकरण के लिए पहुंच रही महिलाओं को गर्भनिरोधक गोलियां देकर टरका दिया जा रहा है.

बंध्याकरण कराने पहुंच रही महिलाओं को दी जा रही गर्भनिरोधक दवाएं

धनबाद: स्वास्थ्य विभाग की ओर से विश्व जनसंख्या दिवस के मौके पर जनसंख्या वृद्धि पर रोक लगाने के लिए परिवार स्वास्थ मेला का आयोजन किया गया. मेले का उद्घाटन विधायक राज सिन्हा ने किया. इस दौरान लोगों को जागरूक करने के लिए रैली भी निकाली गई. हालांकि सरकारी उदासीनता के चलते लोगों को इस मेले से कोई फायदा नहीं मिल रहा है.

वीडियो में देखें पूरी खबर

दरअसल, जिले में कुल 2 हजार सहिया कार्यरत हैं. प्रत्येक सहियाओं को एक महिला बंध्याकरण और एक पुरुष नसबंदी के साथ ही 3 कॉपर टी का लक्ष्य दिया गया. यानी महिला और पुरुष कुल मिलाकर 4 हजार बंध्याकरण और नसबंदी कराने का लक्ष्य जिले के कई प्रखंडों में रखा गया. इसके लिए प्रखंड स्तर पर सभी तरह की मेडिकल सुविधा भी बहाल की गई, लेकिन 7 दिन बीत जाने के बाद भी स्वास्थ्य विभाग के द्वारा अबतक कुल 14 महिलाओं का बंध्याकरण कराया गया. इसके साथ ही 10 कॉपर टी लगवाएं गए हैं.

इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि जब 7 दिनों में 4 हजार में से महज 14 का लक्ष्य पूरा किया है तो अगले 8 दिनों में ये अपने लक्ष्य को पूरा कर पाने में कितना सफल होंगे. ऐसा नही है कि लोग बंध्याकरण और नसबंदी के लिए विभाग के पास नहीं पहुंच रहे. इच्छुक लोग बंध्याकरण और नसबंदी के लिए विभाग में पहुंच रहें है. हालांकि उन्हें सिर्फ गर्भ निरोधक दवाएं देकर लौटा दिया जा रहा है.

इस संबंध में ईटीवी भारत ने सीएस कार्यालय के प्रसार पदाधिकारी बाबूनंद प्रसाद से बात की तो उन्होंने कहा कि सर्जन और एनेस्थीसिया के डॉक्टर नहीं रहने के कारण बंध्याकरण और नसबंदी के ऑपरेशन में कठिनाई खड़ी हो रही है. उन्होंने स्वीकार किया कि लोगों में उत्सुकता है और लोग बंध्याकरण और नसबंदी के लिए पहुंच रहे हैं. लेकिन हम मजबूर हैं.

धनबाद: स्वास्थ्य विभाग की ओर से विश्व जनसंख्या दिवस के मौके पर जनसंख्या वृद्धि पर रोक लगाने के लिए परिवार स्वास्थ मेला का आयोजन किया गया. मेले का उद्घाटन विधायक राज सिन्हा ने किया. इस दौरान लोगों को जागरूक करने के लिए रैली भी निकाली गई. हालांकि सरकारी उदासीनता के चलते लोगों को इस मेले से कोई फायदा नहीं मिल रहा है.

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दरअसल, जिले में कुल 2 हजार सहिया कार्यरत हैं. प्रत्येक सहियाओं को एक महिला बंध्याकरण और एक पुरुष नसबंदी के साथ ही 3 कॉपर टी का लक्ष्य दिया गया. यानी महिला और पुरुष कुल मिलाकर 4 हजार बंध्याकरण और नसबंदी कराने का लक्ष्य जिले के कई प्रखंडों में रखा गया. इसके लिए प्रखंड स्तर पर सभी तरह की मेडिकल सुविधा भी बहाल की गई, लेकिन 7 दिन बीत जाने के बाद भी स्वास्थ्य विभाग के द्वारा अबतक कुल 14 महिलाओं का बंध्याकरण कराया गया. इसके साथ ही 10 कॉपर टी लगवाएं गए हैं.

इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि जब 7 दिनों में 4 हजार में से महज 14 का लक्ष्य पूरा किया है तो अगले 8 दिनों में ये अपने लक्ष्य को पूरा कर पाने में कितना सफल होंगे. ऐसा नही है कि लोग बंध्याकरण और नसबंदी के लिए विभाग के पास नहीं पहुंच रहे. इच्छुक लोग बंध्याकरण और नसबंदी के लिए विभाग में पहुंच रहें है. हालांकि उन्हें सिर्फ गर्भ निरोधक दवाएं देकर लौटा दिया जा रहा है.

इस संबंध में ईटीवी भारत ने सीएस कार्यालय के प्रसार पदाधिकारी बाबूनंद प्रसाद से बात की तो उन्होंने कहा कि सर्जन और एनेस्थीसिया के डॉक्टर नहीं रहने के कारण बंध्याकरण और नसबंदी के ऑपरेशन में कठिनाई खड़ी हो रही है. उन्होंने स्वीकार किया कि लोगों में उत्सुकता है और लोग बंध्याकरण और नसबंदी के लिए पहुंच रहे हैं. लेकिन हम मजबूर हैं.

Intro:ANCHOR:-बड़े ही तामझाम के साथ विश्व जनसंख्या दिवस के मौके पर जनसंख्या वृद्धि पर रोक लगाने के लिए परिवार स्वास्थ मेला पखवाड़ा का उद्घाटन विधायक राज सिन्हा के हांथो सीएस कार्यालय में स्वास्थ्य विभाग की ओर से कराया गया।लोगों को जागरूक करने के लिए रैली भी निकाली गई।15 दिनों तक चलने वाले इस पखवाड़ा का लक्ष्य जो 7 दिनों में पूरा हुआ है।उसे जानकर आप भी हैरान और परेशान हो जाएंगे।क्या है इस लक्ष्य की पूरी हकीकत देखिए इस स्पेशल रिपोर्ट में...



Body:VO 01:-11 जुलाई को प्रत्येक वर्ष विश्व जनसंख्या दिवस के रूप में मनाया जाता है।जिले के सिविल सर्जन कार्यालय में भी परिवार स्वास्थ्य पखवाड़ा मेला आयोजन हुआ था।स्थानीय विधायक राज सिन्हा ने विधिवत द्वीप प्रज्वलित कर 15 दिनों तक चलने वाले इस स्वास्थ पखवाड़े का उद्घाटन किया था।लोगों को जनसंख्या वृद्धि पर रोक लगाने को लेकर एवं इस पखवाड़े का लाभ उठाने के लिए जागरूकता रैली भी निकाली गई।लेकिन इस स्वास्थ्य पखवाड़े के सात दिन पूरे होने के बाद परिवार नियोजन का जो लक्ष्य स्वास्थ विभाग ने रखा था और जो हासिल हुआ है।उसे सुनकर आप भी हैरान और आश्चर्यचकित हो उठेंगे।जिले में कुल 2000 सहिया कार्यरत हैं।प्रत्येक सहियाओं को एक महिला बंध्याकरण और एक पुरुष नसबंदी के साथ साथ तीन कॉपर टी का लक्ष्य दिया गया था।यानी महिला और पुरुष कुल मिलाकर 4 हजार बंध्याकरण और नसबंदी कराने का लक्ष्य जिले के विभिन्न प्रखंडों में रखा गया।इसके लिए प्रखंड स्तर पर सभी तरह की मेडिकल सुविधा भी बहाल की गई थी।लेकिन 7 दिन बीत जाने के बाद भी स्वास्थ विभाग के द्वारा अबतक कुल 14 महिलाओं का बंध्याकरण कराया गया है।साथ ही दस कॉपर टी लगवाएं गए हैं।इस बात का सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि जब 7 दिनों में 4 हजार में से महज 14 का लक्ष्य पूरा किया है तो अगले 8 दिनों में ये अपने लक्ष्य को पूरा कर पाने में कितना सफल होंगे।ऐसा नही है कि लोग बंध्याकरण और नसबंदी के लिए विभाग के पास नही पहुंच रहे।इच्छुक लोग बंध्याकरण और नसबंदी के लिए विभाग में पहुंच रहें है।लेकिन उन्हें सिर्फ गर्भ निरोधक दवाएं देकर लौटा दिया जा रहा है।

BYTE 01:-GOVARDHAN,ICHCHUK VYAKTI

VO 02:-वहीं इस संबंध में जब ईटीवी भारत की टीम ने सीएस कार्यालय के प्रसार पदाधिकारी बाबूनंद प्रसाद से बात की तो उन्होंने कहा कि सर्जन और एनेस्थीसिया के डॉक्टर नही रहने के कारण बंध्याकरण और नसबंदी का ऑपरेशन में कठिनाई खड़ी हो रही है।उन्होंने स्वीकार किया कि लोगों में उत्सुकता है और लोग बंध्याकरण और नसबंदी के लिए पहुंच रहे हैं।लेकिन हम मजबूर हैं।उन्होंने बताया कि कई डॉक्टरों को श्रावणी मेला में ड्यूटी दे दी गई है।इस कारण भी समस्या खड़ी हो रही है।

BYTE 02:-BABUNAND PRASAD,PRASAR PADADHIKARI


Conclusion:बहरहाल, जब स्वास्थ विभाग में खुद डॉक्टरों की संख्या में कमी है तो फिर जनसंख्या वृद्धि पर रोक लगाने की बात करना पूरी तरह से बेमानी लगती है।

नरेंद्र कुमार, ईटीवी भारत, धनबाद
Last Updated : Jul 18, 2019, 1:40 PM IST
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