धनबाद: स्वास्थ्य विभाग की ओर से विश्व जनसंख्या दिवस के मौके पर जनसंख्या वृद्धि पर रोक लगाने के लिए परिवार स्वास्थ मेला का आयोजन किया गया. मेले का उद्घाटन विधायक राज सिन्हा ने किया. इस दौरान लोगों को जागरूक करने के लिए रैली भी निकाली गई. हालांकि सरकारी उदासीनता के चलते लोगों को इस मेले से कोई फायदा नहीं मिल रहा है.
दरअसल, जिले में कुल 2 हजार सहिया कार्यरत हैं. प्रत्येक सहियाओं को एक महिला बंध्याकरण और एक पुरुष नसबंदी के साथ ही 3 कॉपर टी का लक्ष्य दिया गया. यानी महिला और पुरुष कुल मिलाकर 4 हजार बंध्याकरण और नसबंदी कराने का लक्ष्य जिले के कई प्रखंडों में रखा गया. इसके लिए प्रखंड स्तर पर सभी तरह की मेडिकल सुविधा भी बहाल की गई, लेकिन 7 दिन बीत जाने के बाद भी स्वास्थ्य विभाग के द्वारा अबतक कुल 14 महिलाओं का बंध्याकरण कराया गया. इसके साथ ही 10 कॉपर टी लगवाएं गए हैं.
इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि जब 7 दिनों में 4 हजार में से महज 14 का लक्ष्य पूरा किया है तो अगले 8 दिनों में ये अपने लक्ष्य को पूरा कर पाने में कितना सफल होंगे. ऐसा नही है कि लोग बंध्याकरण और नसबंदी के लिए विभाग के पास नहीं पहुंच रहे. इच्छुक लोग बंध्याकरण और नसबंदी के लिए विभाग में पहुंच रहें है. हालांकि उन्हें सिर्फ गर्भ निरोधक दवाएं देकर लौटा दिया जा रहा है.
इस संबंध में ईटीवी भारत ने सीएस कार्यालय के प्रसार पदाधिकारी बाबूनंद प्रसाद से बात की तो उन्होंने कहा कि सर्जन और एनेस्थीसिया के डॉक्टर नहीं रहने के कारण बंध्याकरण और नसबंदी के ऑपरेशन में कठिनाई खड़ी हो रही है. उन्होंने स्वीकार किया कि लोगों में उत्सुकता है और लोग बंध्याकरण और नसबंदी के लिए पहुंच रहे हैं. लेकिन हम मजबूर हैं.