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धनबाद: केंद्र सरकार के कानूनों के विरोध में सीटू का जन सत्याग्रह, आंदोलन की दी चेतावनी - dhanbad news

धनबाद में सेंटर ऑफ ट्रेड यूनियन ने रणधीर वर्मा चौक पर 10 सूत्री मांगों को लेकर दो दिवसीय जन सत्याग्रह का आयोजन किया, जिसका समापन 8 जनवरी को हुआ. इस मौके पर सीटू के सदस्यों ने मांगों को लेकर नारेबाजी, प्रदर्शन और धरना दिया.

Mass Satyagraha of CITU in protest against Central Government laws in dhanbad
सीटू का जन सत्याग्रह
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Published : Jan 8, 2021, 2:19 PM IST

धनबाद: जिले के रणधीर वर्मा चौक पर 10 सूत्री मांगों को लेकर सेंटर ऑफ ट्रेड यूनियन यानि सीटू के बैनर तले जन सत्याग्रह किया गया. सीटू ने केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी, प्रदर्शन और धरना दिया.

ये भी पढ़ें-दिल्ली AIIMS में दूसरे दौर के ड्राई रन में 28 लोगों ने लिया हिस्सा

सीटू के बैनर तले नेताओं ने किसान विरोधी कृषि कानून को रद्द करने, सभी चार लेबर कोड को निरस्त करने, बिजली संशोधन विधेयक 2020 को वापस लेने, निजीकरण, कमर्शियल माइनिंग, आउटसोर्सिंग पर रोक लगाने, आयकर के दायरे से बाहर वाले परिवारों को प्रतिमाह 7,500 रुपए का स्टाइपेंड, जरूरतमंद परिवारों के प्रति सदस्य को 10 किलो अनाज, मनरेगा के तहत 200 दिन रोजगार सुनिश्चित करने, 700 रुपये की मजदूरी दर सुनिश्चित करने, स्कीम वर्करों का मानदेय 18 हजार रुपये करने, सभी को सामाजिक सुरक्षा, नई योजना पेंशन को निरस्त करने और देश में निशुल्क सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवा सुनिश्चित करने के साथ कोरोना वैक्सीन को निःशुल्क लगवाने जैसी मांग की है.

वामपंथ के कई घटक दल केंद्र की मौजूदा मोदी सरकार की नीतियों का लंबे समय से विरोध करते आ रहे हैं. सीटू के साथ कई अन्य संगठनों ने भी इस प्रदर्शन में हिस्सा लिया.

धनबाद: जिले के रणधीर वर्मा चौक पर 10 सूत्री मांगों को लेकर सेंटर ऑफ ट्रेड यूनियन यानि सीटू के बैनर तले जन सत्याग्रह किया गया. सीटू ने केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी, प्रदर्शन और धरना दिया.

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सीटू के बैनर तले नेताओं ने किसान विरोधी कृषि कानून को रद्द करने, सभी चार लेबर कोड को निरस्त करने, बिजली संशोधन विधेयक 2020 को वापस लेने, निजीकरण, कमर्शियल माइनिंग, आउटसोर्सिंग पर रोक लगाने, आयकर के दायरे से बाहर वाले परिवारों को प्रतिमाह 7,500 रुपए का स्टाइपेंड, जरूरतमंद परिवारों के प्रति सदस्य को 10 किलो अनाज, मनरेगा के तहत 200 दिन रोजगार सुनिश्चित करने, 700 रुपये की मजदूरी दर सुनिश्चित करने, स्कीम वर्करों का मानदेय 18 हजार रुपये करने, सभी को सामाजिक सुरक्षा, नई योजना पेंशन को निरस्त करने और देश में निशुल्क सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवा सुनिश्चित करने के साथ कोरोना वैक्सीन को निःशुल्क लगवाने जैसी मांग की है.

वामपंथ के कई घटक दल केंद्र की मौजूदा मोदी सरकार की नीतियों का लंबे समय से विरोध करते आ रहे हैं. सीटू के साथ कई अन्य संगठनों ने भी इस प्रदर्शन में हिस्सा लिया.

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