ETV Bharat / city

सरस्वती पूजा को लेकर मूर्तिकारों में जगी उम्मीद, कर रहे ऑर्डर का इंतजार

कोरोना काल का असर हर तबके पर पड़ा है. मूर्तिकार भी इससे अछूते नहीं रहे हैं. मूर्तिकारों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. सरस्वती पूजा को लेकर उन्हें एक उम्मीद थी लेकिन वह उम्मीद भी आधी रह गई.

sculptors raised hope regarding saraswati puja in dhanbad
डिजाइन इमेज
author img

By

Published : Feb 12, 2021, 9:48 AM IST

Updated : Feb 12, 2021, 2:12 PM IST

धनबाद: सरस्वती पूजा में अब कुछ ही दिन शेष रह गए हैं. सरस्वती पूजा को लेकर मूर्तिकार प्रतिमा बनाने में जुटे हैं. कोरोना संक्रमण के कारण कम ऑर्डर के चलते पिछले साल की अपेक्षा इस बार बहुत कम मूर्तियां तैयार कर रहे हैं. हालांकि, अब मूर्तिकारों को सरस्वती पूजा से उम्मीद बनी हुई है.

देखें स्पेशल खबर

जिले के लुबी सर्कुलर रोड के रहने वाले दुलाल पाल का खानदानी पेशा ही मूर्ति बनाना है. बंगाल के कई मूर्तिकार इनके यहां रहकर मूर्ति बनाने का काम करते हैं. पूजा त्योहार में जो मूर्तियों की बिक्री से आमदनी होती है, उस आमदनी से इनका जीवन यापन चलता है. इनका यह कार्य बेहतर चल रहा था लेकिन कोरोना संक्रमण ने औरों की तरह इनकी भी रोजी रोटी की समस्या खड़ी कर दी. लॉकडाउन खत्म होने के बाद इन्हें आस थी कि इनकी स्थिति में सुधार होगा, लेकिन वह आस भी शत प्रतिशत पूरी नहीं हो सकी है.

ये भी पढ़े- आदि महोत्सव में पहुंचे केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, दिल्ली हाट में किया आदि कला का दीदार

दुलाल पाल कहते हैं कि दुर्गा पूजा तो वैसे ही कोरोना की भेंट चढ़कर रह गयी. सरस्वती पूजा में एक उम्मीद थी कि अच्छी आमदनी होगी लेकिन पिछले साल की अपेक्षा करीब आधी मूर्तियों को ऑर्डर मिले हैं. बिहार से भी मूर्तियों की अच्छी मांग रहती थी लेकिन इस बार सिर्फ एक मूर्ति का ऑर्डर बिहार से मिला है. दुलाल ने कहा कि स्कूल बंद रहने के कारण भी इसका खासा असर पड़ा है. सरस्वती पूजा का उत्साह और उत्सव ज्यादातर स्कूलों में ही देखने को मिलता था लेकिन सरकार से अब तक स्कूल खोलने के आदेश नहीं मिलने के कारण स्कूलों से एक भी मूर्ति का ऑर्डर नहीं मिला है. उन्होंने कहा कि सरकार को भी मूर्तिकारों पर ध्यान देने की जरूरत है.

बंगाल से मूर्ति बनाने पहुंचे कारीगरों का कहना है कि मूर्ति बिकेगी ही नहीं तो आखिर आमदनी कहां से होगी. कोरोना काल तो जैसे तैसे बीत गया. अब जनजीवन सामान्य हो चला है लेकिन अभी भी आर्थिक स्थिति में सुधार होना बाकी है.

धनबाद: सरस्वती पूजा में अब कुछ ही दिन शेष रह गए हैं. सरस्वती पूजा को लेकर मूर्तिकार प्रतिमा बनाने में जुटे हैं. कोरोना संक्रमण के कारण कम ऑर्डर के चलते पिछले साल की अपेक्षा इस बार बहुत कम मूर्तियां तैयार कर रहे हैं. हालांकि, अब मूर्तिकारों को सरस्वती पूजा से उम्मीद बनी हुई है.

देखें स्पेशल खबर

जिले के लुबी सर्कुलर रोड के रहने वाले दुलाल पाल का खानदानी पेशा ही मूर्ति बनाना है. बंगाल के कई मूर्तिकार इनके यहां रहकर मूर्ति बनाने का काम करते हैं. पूजा त्योहार में जो मूर्तियों की बिक्री से आमदनी होती है, उस आमदनी से इनका जीवन यापन चलता है. इनका यह कार्य बेहतर चल रहा था लेकिन कोरोना संक्रमण ने औरों की तरह इनकी भी रोजी रोटी की समस्या खड़ी कर दी. लॉकडाउन खत्म होने के बाद इन्हें आस थी कि इनकी स्थिति में सुधार होगा, लेकिन वह आस भी शत प्रतिशत पूरी नहीं हो सकी है.

ये भी पढ़े- आदि महोत्सव में पहुंचे केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, दिल्ली हाट में किया आदि कला का दीदार

दुलाल पाल कहते हैं कि दुर्गा पूजा तो वैसे ही कोरोना की भेंट चढ़कर रह गयी. सरस्वती पूजा में एक उम्मीद थी कि अच्छी आमदनी होगी लेकिन पिछले साल की अपेक्षा करीब आधी मूर्तियों को ऑर्डर मिले हैं. बिहार से भी मूर्तियों की अच्छी मांग रहती थी लेकिन इस बार सिर्फ एक मूर्ति का ऑर्डर बिहार से मिला है. दुलाल ने कहा कि स्कूल बंद रहने के कारण भी इसका खासा असर पड़ा है. सरस्वती पूजा का उत्साह और उत्सव ज्यादातर स्कूलों में ही देखने को मिलता था लेकिन सरकार से अब तक स्कूल खोलने के आदेश नहीं मिलने के कारण स्कूलों से एक भी मूर्ति का ऑर्डर नहीं मिला है. उन्होंने कहा कि सरकार को भी मूर्तिकारों पर ध्यान देने की जरूरत है.

बंगाल से मूर्ति बनाने पहुंचे कारीगरों का कहना है कि मूर्ति बिकेगी ही नहीं तो आखिर आमदनी कहां से होगी. कोरोना काल तो जैसे तैसे बीत गया. अब जनजीवन सामान्य हो चला है लेकिन अभी भी आर्थिक स्थिति में सुधार होना बाकी है.

Last Updated : Feb 12, 2021, 2:12 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.