धनबाद: जिले के नक्सल प्रभावित गांव को सड़क से जोड़ने की केंद्रीय योजनाओं को धरातल पर लाने का काम शुरू कर दिया गया है. इस इलाके में 30 करोड़ रुपये की लागत से 16 सड़कों का निर्माण किया जाएगा. नक्सल प्रभावित गांवों में विकास योजनाओं के पहुंचने से नक्सली गतिविधि पर लगाम लगने की उम्मीद जताई जा रही है.
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नक्सल प्रभावित गांवों का विकास
धनबाद में कई ऐसे इलाके हैं जिन्हें नक्सल प्रभावित क्षेत्र कहा जाता है. इनमें टुंडी पूर्वी टुंडी तोपचांची हरिहरपुर, बरवाअड्डा, मनियाडीह जैसे इलाके शामिल हैं. कभी उग्रवादी गतिविधियों के लिए कुख्यात इन इलाकों में राज्य और केंद्र सरकार की कई योजनाओं की वजह से पहले ही नक्सलवाद पर पूरी तरह विराम लग गया है. अब यही स्थिति निरंतर जारी रहे इसे लेकर बड़ी पहल की जा रही है. इन इलाकों में 30 करोड़ की लागत से 16 सड़कों का निर्माण किया जाएगा.
तैयार हो गई है सड़क की रूपरेखा
किन-किन इलाकों में सड़कों का निर्माण होगा उसकी पूरी रूपरेखा तैयार कर ली गई है. इन सड़कों के निर्माण से जहां इन क्षेत्रों का विकास होगा. वही जिला मुख्यालय से भी इनका सीधा संपर्क हो जाएगा. गांवों का विकास होने से भटके हुए लोगों को मुख्यधारा से जुड़ने में भी आसानी होगी.
आरश्री पीएलडब्लू- ए प्रोजेक्ट के तहत होगा निर्माण
इन इलाकों में केंद्र सरकार की आरश्री पीएलडब्लू ए यानी रोड कनेक्टिविटी प्रोजेक्ट के तहत सड़कों का निर्माण होगा. सड़क निर्माण में केंद्र और राज्य सरकार की क्रमश: 60 फीसदी और 40 फीसदी हिस्सा होगा. धनबाद के जिला उप विकास आयुक्त ने बताया कि इन इलाकों में सड़क बनने से विकास तो होगा ही साथ ही साथ भटके हुए लोगों को भी एक नई दिशा मिलेगी.
आम लोगों में खुशी
जिले में टुंडी के मनियाडीह तोपचांची के खड्डशकीरा मोड़ महुआ खेड़ा, सीतलपुर में हो रहे नक्सल इलाकों में सड़कों के निर्माण को लेकर के धनबाद के आम लोग भी उत्साहित हैं. ग्रामीणों को भी लगता है कि किसी भी क्षेत्र का विकास बहुत मायने रखता है और खास करके उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों का विकास करके एक उदाहरण पेश किया जा सकता है. स्थानीय लोगों ने कहा अगर इलाके विकसित होंगे तो जाहिर सी बात है उनके बच्चे भी पढ़ लिखकर आगे बढ़ सकेंगे.