धनबाद: एनआईए (National Investigation Agency)और एटीएस(Anti Terrorist Squad) की टीम ने आज संयुक्त रूप से वाहन रिकवरी एजेंट उपेंद्र सिंह के कई ठिकानों पर छापेमारी की है. उपेंद्र सिंह पर नक्सलियों और आपराधिक गिरोहों को हथियार सप्लाई करने का शक है.
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एनआईए को कैसे मिला सुराग
धनबाद में एनआईए की छापेमारी को लेकर मिली जानकारी के अनुसार नवंबर महीने में एटीएस ने नक्सलियों और आपराधिक गिरोहों को हथियार सप्लाई करने के मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया था. इनमे पुलवामा में तैनात सीआरपीएफ जवान अविनाश कुमार उर्फ चुन्नू को भी गिरफ्तार किया गया था. अविनाश बिहार के गया का रहनेवाला था. इसके साथ ही पटना के ऋषि कुमार और मुज्जफरपुर के पंकज सिंह को गिरफ्तार किया गया था. इन अपराधियों की निशानदेही पर 450 राउंड जिंदा कारतूस पुलिस ने बरामद किए थे. इसके साथ ही एके-47 जैसे हथियारों की सप्लाई करने का भी खुलासा हुआ था. बताया जा रहा है कि हथियारों की सप्लाई के संबंध में पंकज सिंह ने रिकवरी एजेंट उपेंद्र सिंह के नाम का भी खुलासा किया है. जिसके बाद एटीएस और एनआईए की टीम रिकवरी एजेंट के ठिकानों पर छापेमारी की है.
हमेशा विवादों में रहा उपेंद्र सिंह
बता दें कि रिकवरी एजेंट उपेंद्र सिंह हमेशा से ही अपने कारनामों को लेकर विवाद में रहा है. उसके खिलाफ वाहन रिकवरी के नाम पर रंगदारी और मारपीट की शिकायतें पुलिस के पास आती रही है. उन शिकायतों में कई बार उपेंद्र सिंह के पास हथियार होने का भी जिक्र रहा करता है. अक्टूबर 2020 में एक उपेंद्र सिंह के द्वारा दिन दहाड़े पिस्टल से गोलियां बरसाई गई थी. जिसकी सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया था. उसके पिस्टल से चली गोली से उसकी चाचाी मीरा देवी और पिंटू सिंह घायल हो गए थे.पुलिस ने इस मामले में प्राथमिकी दर्ज कर कार्रवाई भी की थी.