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Lohri 2022: कोरोना प्रोटोकॉल के साथ मनाई गई लोहड़ी, सुख-समृद्धि की कामना

धनबाद में कोरोना गाइ़डलाइंस का पालन करते हुए सिख समाज के लोगों ने लोहड़ी का त्योहार मनाया. इस मौके पर लोगों ने पारंपरिक तरीके से लोहड़ी जलाई और एक-दूसरे को त्योहार की बधाई दी.

lohri celebrated in dhanbad
कोरोना प्रोटोकॉल
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Published : Jan 14, 2022, 1:50 PM IST

धनबादः जिले के जोड़ा फाटक स्थित शक्ति मंदिर प्रांगण में कोरोना प्रोटोकॉल के साथ लोहड़ी का पर्व मनाया गया. कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करते हुए समाज के लोगों ने लोहड़ी का पर्व मनाया. समाज के लोगों में बहुत ही खुशी का माहौल दिखा. सबने अलाव जला कर उसमें मूंगफली, रेवड़ी, तिल को आग में डालकर परिक्रमा की. जिसके बाद एक दूसरे को लोहड़ी की बधाई भी दी.

ये भी पढ़ेंः कोरोना के बीच आस्था की डुबकी, गंगा सागर में श्रद्धालुओं ने किया स्नान


वहीं शक्ति मंदिर कमेटी के सचिव अरुण भंडारी ने बताया कि आज के दिन पंजाबी किसानों के लिए लोहड़ी इसलिए भी महत्‍वपूर्ण माना जाता है. क्‍योंकि लोहड़ी के अगले दिन से यहां नए साल की शुरुआत मानी जाती है. इसे बहुत ही महत्‍वपूर्ण माना जाता है. इस अवसर पर सिखों में नई फसल की पूजा की जाती है. इस समय पंजाब में गन्‍ने की फसल की कटाई की जाती है. नई फसल का गुड़ त्योहार में प्रयोग किया जाता है. सिख संप्रदाय के लोग जश्न मनाते हैं. लोहड़ी का त्योहार विवाहित दंपतियों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण होता है, इस मौके पर बेटी और बहू को तोहफा भी दिया जाता है.

देखें पूरी खबर
संयुक्त सचिव सुरेंद्र अरोड़ा ने बताया कि 30 सालों से लगातार लोहड़ी का पर्व शक्ति मंदिर में मनाया जाता है. लोहड़ी पर्व के अवसर पर सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया जाता था. लेकिन इस वर्ष कोरोना महामारी की वजह से शक्ति मंदिर कमेटी ने निर्णय लिया कि लोहड़ी पर्व मनाया जाएगा लेकिन सिर्फ कमेटी मेम्बर ही शामिल रहेंगे. कोरोना प्रोटोकॉल के साथ लोहड़ी का पर्व मनाया गया.

धनबादः जिले के जोड़ा फाटक स्थित शक्ति मंदिर प्रांगण में कोरोना प्रोटोकॉल के साथ लोहड़ी का पर्व मनाया गया. कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करते हुए समाज के लोगों ने लोहड़ी का पर्व मनाया. समाज के लोगों में बहुत ही खुशी का माहौल दिखा. सबने अलाव जला कर उसमें मूंगफली, रेवड़ी, तिल को आग में डालकर परिक्रमा की. जिसके बाद एक दूसरे को लोहड़ी की बधाई भी दी.

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वहीं शक्ति मंदिर कमेटी के सचिव अरुण भंडारी ने बताया कि आज के दिन पंजाबी किसानों के लिए लोहड़ी इसलिए भी महत्‍वपूर्ण माना जाता है. क्‍योंकि लोहड़ी के अगले दिन से यहां नए साल की शुरुआत मानी जाती है. इसे बहुत ही महत्‍वपूर्ण माना जाता है. इस अवसर पर सिखों में नई फसल की पूजा की जाती है. इस समय पंजाब में गन्‍ने की फसल की कटाई की जाती है. नई फसल का गुड़ त्योहार में प्रयोग किया जाता है. सिख संप्रदाय के लोग जश्न मनाते हैं. लोहड़ी का त्योहार विवाहित दंपतियों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण होता है, इस मौके पर बेटी और बहू को तोहफा भी दिया जाता है.

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संयुक्त सचिव सुरेंद्र अरोड़ा ने बताया कि 30 सालों से लगातार लोहड़ी का पर्व शक्ति मंदिर में मनाया जाता है. लोहड़ी पर्व के अवसर पर सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया जाता था. लेकिन इस वर्ष कोरोना महामारी की वजह से शक्ति मंदिर कमेटी ने निर्णय लिया कि लोहड़ी पर्व मनाया जाएगा लेकिन सिर्फ कमेटी मेम्बर ही शामिल रहेंगे. कोरोना प्रोटोकॉल के साथ लोहड़ी का पर्व मनाया गया.
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