धनबाद: झारखंड में भाषा विवाद (Language controversy in Jharkhand) को लेकर विवाद लगातार बढ़ रहा है. धनबाद में झारखंड भाषा संघर्ष समिति आंदोलन कर रही है. इस दौरान जिले के विधायक और सांसद के साथ सभी मंत्रियों की शव यात्रा निकली गई. इसके बाद लोगों ने सड़क पर मुंडन भी करवाया. पूरा विवाद उस वक्त शुरु हुआ जब झारखंड सरकार ने नियोजन में धनबाद, बोकारो में भोजपुरी, मगही और अंगिका को शामिल कर लिया गया,
झारखंड सरकार ने नियोजन में धनबाद, बोकारो में भोजपुरी, मगही और अंगिका को शामिल जाने के बाद इसका जबरदस्त विरोध हो रहा है. झारखंड भाषा संघर्ष समिति ने पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत धनबाद में राज्य सरकार के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया. इस दौरान सैकड़ों की तादात में प्रदर्शनकारी रणधीर वर्मा चौक पहुंचे और झारखंड की भाषा के समर्थन में नारे लगाए. इसके अलावा उन्होंने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और शिबू सोरेन के खिलाफ भी जमकर नारेबाजी की गई.
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इस कार्यक्रम में सैकड़ों महिला-पुरुष ढोल नगाड़ों के साथ रणधीर वर्मा चौक पहुंचे और जिले के छह विधायक और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, धनबाद सांसद पशुपतिनाथ सिंह सहित सभी मंत्री की शव यात्रा निकालकर दाह संस्कार किया. यही नहीं शव यात्रा के बाद लोगों ने मुंडन भी कराया. झारखंड में भाषा विवाद को लेकर झारखंड भाषा संघर्ष समिति के सदस्यों ने राज्य सरकार से भोजपुरी, मगही, अंगिका भाषा को हटाने की मांग की. इसके अलावा खतियान आधारित नियोजन नीति और 1932 का खतियान राज्य में लागू करने की मांग की.