धनबादः शहर के टाउन हॉल में बुधवार को झारखंड राज्य खाद्य आयोग के अध्यक्ष हिमांशु शेखर चौधरी की अध्यक्षता संवाद और जनसुनवाई कार्यक्रम आयोजित की गई. इस कार्यक्रम में जिले के 256 पंचायतों के मुखिया शामिल हुए. इन जनप्रतिनिधियों से पीडीएस, आंगनबाड़ी, स्कूलों में चलने वाले मिड डे मील में होने वाली गड़बड़ियों की जानकारी ली गई. आयोग के अध्यक्ष ने कहा कि जनप्रतिनिधियों से मिले सुझाव पर सख्ती से काम किया जाएगा.
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आयोग के अध्यक्ष हिमांशु शेखर चौधरी ने कहा कि जनसुनवाई के माध्यम से लोगों की समस्या को समझना है. इसके बाद निराकरण का प्रयास किया जाएगा. उन्होंने कहा कि आज का जनसुनवाई कार्यक्रम में जनप्रतिनिधियों की पहल सकारात्मक रही है. उन्होंने कहा कि राज्य के सभी जिलों में यह कार्यक्रम किया जा रहा है. इसके साथ ही अयोग्य कार्ड को रद्द कर योग्य लाभुकों को चयन करना है. डीएफटी के माध्यम से आंगनबाड़ी केंद्र को ठीक करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी.
अध्यक्ष ने कहा कि पंचायत मजबूत होगा तो समाज मजबूत होगा. उन्होंने कहा कि मुखिया को सभी सरकारी योजना की जानकारी होनी चाहिए, तभी अंतिम व्यक्ति तक सरकार की जन कल्याणकारी योजना पहुंच सकेगी. उन्होंने मुखिया से अपील करते हुए कहा कि मुखिया अपने कर्तव्यों का निर्वहन करेंगे तो ग्रामीणों की शिकायतें अपने आप दूर हो जाएगी. मुखिया की जिम्मेवारी है कि हर सरकारी योजना अक्षरशः पंचायत में लागू हो. यदि किसी योजना में किसी प्रकार की अनियमितता मिलती है तो जिला को शिकायत करें.
खाद्य सुरक्षा योजना जरूरतमंदों के लिए चलाई जा रही है. इसीलिए गरीबों और जरूरतमंदों तक योजना का लाभ पहुंचा चाहिए. पंचायत के मुखिया निगरानी समिति के अध्यक्ष होते हैं. उन्होंने कहा कि मुखिया नियमित निगरानी समिति की बैठक करें. बैठक में गड़बड़ी की जानकारी मिलती है तो मुख्यालय को सूचित करें. अध्यक्ष ने कहा कि प्रत्येक विद्यालय के बाहर सूचना पट्ट पर मिड डे मील का मेनू लिखवाए. बच्चों को मेनू के अनुसार भोजन उपलब्ध हो यह सुनिश्चित कराना हम सब की जिम्मेदारी है.
अध्यक्ष ने राशन कार्ड की शिकायतों पर कहा कि सभी मुखिया अपने पंचायत के कार्डधारियों की जांच करें. संपन्न व्यक्तियों के राशन कार्ड सरेंडर करने के लिए उन्हें प्रेरित करें. पीडीएस डीलर की ओर से कम अनाज देने पर उन्होंने कहा कि पीडीएस डीलर की दबंगता को रोकना है. आयोग की सदस्य शबनम परवीन ने कहा कि पंचायत की सरकार चुनने के बाद सभी मुखिया लोगों का विश्वास कायम रखे. सरकार का उद्देश्य है कि गांव में कोई भी व्यक्ति अनाज के अभाव में नहीं रहे.