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लॉकडाउन में धनबाद रेल मंडल को हो रहा भारी नुकसान, फिर भी गढ़ दिया नया कीर्तिमान

कोयलांचल धनबाद रेल मंडल ने लॉकडाउन के बावजूद नया इतिहास रचा है. माल ढुलाई में लगातार कई वर्षों से दूसरे पायदान पर रहने के बाद अब धनबाद रेल मंडल माल ढुलाई में नंबर वन पर काबिज हो गया है. इसके बावजूद धनबाद रेल मंडल को भारी नुकसान उठाना पड़ रह है.

Heavy loss to Dhanbad Railway Division
धनबाद रेल मंडल को भारी नुकसान
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Published : Apr 27, 2020, 8:24 PM IST

धनबाद: भारतीय रेलवे में धनबाद रेल मंडल अपना जबरदस्त वजूद रखता है क्योंकि धनबाद रेल मंडल माल ढुलाई में लगातार कई वर्षों से दूसरे पायदान पर काबिज था, लेकिन इस लॉकडाउन की स्थिति के बावजूद भी धनबाद रेल मंडल नया कीर्तिमान स्थापित करते हुए माल ढुलाई में नंबर वन पर काबिज हो गया है. ऐसे में धनबाद रेल मंडल की महत्ता भारतीय रेलवे में क्या है यह समझा जा सकता है.

वीडियो में देखिए स्पेशल रिपोर्ट

लॉकडाउन के बाद धनबाद रेलवे स्टेशन पर रेलवे यार्ड में अनगिनत ट्रेनें खड़ी हैं कुछ ट्रेनों को एहतियात के तौर पर आइसोलेशन कोच के रूप में भी तब्दील कर दिया गया है. तमाम सवारी गाड़ियों के पहिए थमे हुए हैं और काफी कम संख्या में माल गाड़ियां भी चल रही हैं. धनबाद रेल मंडल में ऐसा नजारा आज तक नहीं देखा गया था.

Heavy loss to Dhanbad Railway Division
धनबाद रेल मंडल को भारी नुकसान

ये भी पढ़ें- देश में संवैधानिक संकट वाली स्थिति, आपदा प्रबंधन कानून का हो रहा है उल्लंघन: सरयू राय

माल ढुलाई में भी भारी नुकसान

लॉकडाउन से पहले धनबाद में 110 रैक की लोडिंग होती थी, लेकिन अब यह सिमटकर 40 से 50 रैक तक रह गई है. लॉकडाउन की इस स्थिति में धनबाद रेलवे में माल ढुलाई में भी जबरदस्त गिरावट हुई है. आपको बता दें कि पावर की खपत कम होने के कारण कोयले की ढुलाई में भी काफी कमी आई है. रेलवे अधिकारी ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि माल ढुलाई में भी धनबाद में 50 से 60% तक की गिरावट हुई है. सारे उद्योग धंधे बंद होने के कारण पावर प्लांट में पावर की खपत कम हो गई है, जिसके कारण कोयला ढुलाई प्रभावित हुई है.

Heavy loss to Dhanbad Railway Division
धनबाद रेल मंडल को भारी नुकसान

एसेंशियल सर्विस के लिए भी स्पष्ट उल्लेख नहीं

माल ढुलाई में हुए नुकसान के बारे में ईटीवी भारत से खास बातचीत में रेलवे अधिकारी ने बताया कि माल ढुलाई के लिए भी एसेंशियल कमोडिटीज में कई तरह की कमोडिटीज थी जिसमें स्पष्ट रूप से उल्लेख नहीं था. जिस कारण बहुत गाड़ियों को अनलोड नहीं किया जा सका था भारी मात्रा में सीमेंट धनबाद पहुंचा था जिसकी अनलोडिंग नहीं हो पा रही थी.

ये भी पढ़ें- धनबाद के इस पंचायत में झोपड़पट्टी में भूखा सोता है परिवार, मुखिया हैं बेखबर

सवारी गाड़ियों से करोड़ों का नुकसान

धनबाद से लगभग 100 से अधिक सवारी रेल चलती है. धनबाद रेल मंडल से लगभग देश के कोने-कोने में जाने वाली सवारी गाड़ियां प्रभावित हुई हैं. जिस कारण लगभग दो करोड़ रुपए प्रतिदिन के हिसाब से धनबाद रेल मंडल को नुकसान उठाना पड़ रहा है. हालांकि ईटीवी भारत से खास बातचीत में रेलवे अधिकारी ने इसका सही आकलन बाद में होनी की बात कही.

ये भी पढ़ें- सीएम को पत्र के जरिए बंधु तिर्की ने दिए कई सुझाव, स्वास्थ्य सेवाओं को और सुदृढ़ करने पर जोर

अधिकारी कर रहे घर से काम

बीते दिनों धनबाद डीआरएम ऑफिस में कार्यरत रेलवे अधिकारी की कोरोना संक्रमित के रूप में पहचान हुई थी जिसके बाद से सभी रेलवे अधिकारी अपने घरों से ही काम पर जुटे हुए हैं. अधिकारियों ने कहा कि जब रेलवे अधिकारी खुद संक्रमित हो गया तो डर बना हुआ है और कोरोना वायरस से सभी डरे हुए हैं. लेकिन इन सभी के बावजूद धनबाद रेल मंडल ने इस लॉकडाउन में एक नया कीर्तिमान स्थापित करते हुए पहली बार भारतीय रेल के इतिहास में माल ढुलाई में नंबर वन का खिताब जीता है. ऐसे में धनबाद रेल मंडल की महत्ता भारतीय रेलवे में काफ़ी बढ़ जाती है. धनबाद के लोग भी धनबाद रेल मंडल के इस किताब से काफी प्रसन्न हैं और अपने आपको गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं.

धनबाद: भारतीय रेलवे में धनबाद रेल मंडल अपना जबरदस्त वजूद रखता है क्योंकि धनबाद रेल मंडल माल ढुलाई में लगातार कई वर्षों से दूसरे पायदान पर काबिज था, लेकिन इस लॉकडाउन की स्थिति के बावजूद भी धनबाद रेल मंडल नया कीर्तिमान स्थापित करते हुए माल ढुलाई में नंबर वन पर काबिज हो गया है. ऐसे में धनबाद रेल मंडल की महत्ता भारतीय रेलवे में क्या है यह समझा जा सकता है.

वीडियो में देखिए स्पेशल रिपोर्ट

लॉकडाउन के बाद धनबाद रेलवे स्टेशन पर रेलवे यार्ड में अनगिनत ट्रेनें खड़ी हैं कुछ ट्रेनों को एहतियात के तौर पर आइसोलेशन कोच के रूप में भी तब्दील कर दिया गया है. तमाम सवारी गाड़ियों के पहिए थमे हुए हैं और काफी कम संख्या में माल गाड़ियां भी चल रही हैं. धनबाद रेल मंडल में ऐसा नजारा आज तक नहीं देखा गया था.

Heavy loss to Dhanbad Railway Division
धनबाद रेल मंडल को भारी नुकसान

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माल ढुलाई में भी भारी नुकसान

लॉकडाउन से पहले धनबाद में 110 रैक की लोडिंग होती थी, लेकिन अब यह सिमटकर 40 से 50 रैक तक रह गई है. लॉकडाउन की इस स्थिति में धनबाद रेलवे में माल ढुलाई में भी जबरदस्त गिरावट हुई है. आपको बता दें कि पावर की खपत कम होने के कारण कोयले की ढुलाई में भी काफी कमी आई है. रेलवे अधिकारी ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि माल ढुलाई में भी धनबाद में 50 से 60% तक की गिरावट हुई है. सारे उद्योग धंधे बंद होने के कारण पावर प्लांट में पावर की खपत कम हो गई है, जिसके कारण कोयला ढुलाई प्रभावित हुई है.

Heavy loss to Dhanbad Railway Division
धनबाद रेल मंडल को भारी नुकसान

एसेंशियल सर्विस के लिए भी स्पष्ट उल्लेख नहीं

माल ढुलाई में हुए नुकसान के बारे में ईटीवी भारत से खास बातचीत में रेलवे अधिकारी ने बताया कि माल ढुलाई के लिए भी एसेंशियल कमोडिटीज में कई तरह की कमोडिटीज थी जिसमें स्पष्ट रूप से उल्लेख नहीं था. जिस कारण बहुत गाड़ियों को अनलोड नहीं किया जा सका था भारी मात्रा में सीमेंट धनबाद पहुंचा था जिसकी अनलोडिंग नहीं हो पा रही थी.

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सवारी गाड़ियों से करोड़ों का नुकसान

धनबाद से लगभग 100 से अधिक सवारी रेल चलती है. धनबाद रेल मंडल से लगभग देश के कोने-कोने में जाने वाली सवारी गाड़ियां प्रभावित हुई हैं. जिस कारण लगभग दो करोड़ रुपए प्रतिदिन के हिसाब से धनबाद रेल मंडल को नुकसान उठाना पड़ रहा है. हालांकि ईटीवी भारत से खास बातचीत में रेलवे अधिकारी ने इसका सही आकलन बाद में होनी की बात कही.

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अधिकारी कर रहे घर से काम

बीते दिनों धनबाद डीआरएम ऑफिस में कार्यरत रेलवे अधिकारी की कोरोना संक्रमित के रूप में पहचान हुई थी जिसके बाद से सभी रेलवे अधिकारी अपने घरों से ही काम पर जुटे हुए हैं. अधिकारियों ने कहा कि जब रेलवे अधिकारी खुद संक्रमित हो गया तो डर बना हुआ है और कोरोना वायरस से सभी डरे हुए हैं. लेकिन इन सभी के बावजूद धनबाद रेल मंडल ने इस लॉकडाउन में एक नया कीर्तिमान स्थापित करते हुए पहली बार भारतीय रेल के इतिहास में माल ढुलाई में नंबर वन का खिताब जीता है. ऐसे में धनबाद रेल मंडल की महत्ता भारतीय रेलवे में काफ़ी बढ़ जाती है. धनबाद के लोग भी धनबाद रेल मंडल के इस किताब से काफी प्रसन्न हैं और अपने आपको गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं.

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