धनबाद: झारखंड आंदोलन में मुख्य भूमिका निभाने वाले बिनोद बिहारी महतो के नाम को लेकर राज्य में हमेशा ही राजनीति होती रही है. इसी कड़ी में अब 23 सितंबर को कुरमी/कुड़मी विकास मोर्चा के द्वारा कोयलांचल धनबाद के बलियापुर से 10 हजार लोग पदयात्रा करेंगे, जो 27 सितंबर को रांची पहुंचेंगे. वहां पर अपने मुख्य पांच सूत्री मुख्य मांग पत्र के साथ-साथ बिनोद बिहारी महतो की पवित्र धरती की मिट्टी को भी राज्यपाल और मुख्यमंत्री को सौंपा जाएगा.
बिनोद बिहारी महतो झारखंड आंदोलन के जनक माने जाते हैं. बिनोद बिहारी महतो, एके रॉय और दिशोम गुरु शिबू सोरेन ने मिलकर झारखंड आंदोलन की शुरुआत की थी. बिनोद बिहारी महतो के देहांत के बाद ही झारखंड में उनके नाम पर राजनीति होती रही है. अब कुरमी विकास मोर्चा के बैनर तले एक विशाल आंदोलन की रूपरेखा तैयार की जा रही है. इस पदयात्रा में बिनोद बिहारी महतो के परिवार के लोगों के साथ-साथ गिरिडीह लोक सभा के सांसद चंद्र प्रकाश चौधरी भी शामिल होंगे.
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कुरमी/कुड़मी विकास मोर्चा के केंद्रीय महासचिव गिरधारी महतो ने बताया कि स्वर्गीय विनोद बिहारी महतो को जो सम्मान मिलना चाहिए वह सम्मान आज तक उन्हें नहीं मिला है. उन्होंने कहा कि हमारी पांच मुख्य मांगे हैं. जिनमें पहली मांग राज्य सरकार के द्वारा बिनोद बिहारी महतो को झारखंड पितामह का दर्जा दिया जाए. दूसरी मांग बोकारो एयरपोर्ट का नाम विनोद बिहारी महतो के नाम पर किया जाए. सरकारी पाठ्यक्रम में इनकी जीवनी को शामिल की जाए. राजभवन और विधानसभा में इनकी प्रतिमा लगाई जाए. साथ ही साथ पांचवी मांग राजधानी रांची में बिनोद बिहारी महतो की समाधि स्थल बनाई जाए. इस पदयात्रा में जरूरत के अनुसार सभी प्रकार की सुविधाएं रहेंगी. एंबुलेंस और चिकित्सक भी साथ चलेंगे. इसके अलावा दो बड़े वाहन से स्कॉर्ट भी किया जाएगा. हालांकि विशेषज्ञों के अनुसार कोरोना की तीसरी लहर को देखते हुए विशेष रूप से सावधानी बरतने की जरूरत है.