धनबाद: जिले में एक अजीबो गरीब मामला सामने आया है. निरसा के एमपीएल ओपी (MPL OP) में एक युवक ने खुद को पेयजल एवं स्वच्छता विभाग का जिला अभियंता बताते हुए डीप बोरिंग फिल्टर प्लांट (Deep Boring Filter Plant) बनवाने के नाम पर एक ठेकेदार से डेढ़ लाख रुपये की ठगी कर ली. घटना के बाद पुलिस आरोपी की तलाश में जुट गई है.
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फर्जी अभियंता दीपक कुमार ओपी पहुंचकर सबसे पहले एमपीएल ओपी प्रभारी वाशिम अनवर खान से मिला. ओपी प्रभारी से मिलकर उसने कहा कि डीप बोरिंग फिल्टर प्लांट के लिए एक स्थानीय ठेकेदार को ओपी बुला दें. टेंडर आठ लाख रुपये का है. ओपी प्रभारी अनवर खान फर्जी अभियंता की चालाकी को नहीं समझ पाए. उन्होंने निरसा क्षेत्र के एक संवेदक को ओपी बुला दिया. फर्जी अभियंता दीपक कुमार ने डीप बोरिंग फिल्टर प्लांट के लिए बुलाए गए ठेकेदार से कहा कि टेंडर आठ लाख रुपये का है, लेकिन पहले इसके लिए मार्जिन मनी के नाम पर डेढ़ लाख रुपया देना होगा, ताकि उन्हें पाइप, नल, चापाकल, फिल्टर, पुर्जा सहित अन्य सामग्री उपलब्ध करवा दें.
संवेदक डेढ़ लाख रुपये लेकर हुआ फरार
निरसा क्षेत्र का संवेदक भी फर्जी अभियंता के झांसे में आ गया. उसने निरसा के ही एक बैंक से डेढ़ लाख रुपया निकालकर उसे दे दिया. उसके बाद फर्जी अभियंता संवेदक को साथ लेकर निरसा इंस्पेक्टर ऑफिस पहुंच गया. निरसा इंस्पेक्टर ऑफिस के पास संवेदक को बैठाकर अभियंता टेंडर के कागजातों का जिरॉक्स कराने की बात कहते हुए वहां से रफूचक्कर हो गया. करीब तीन-चार घंटे बैठने के बाद उसने मोबाइल से लगातार फर्जी संवेदक से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन संपर्क नहीं हो सका. जिसके बाद वो सीधे रोते हुए एमपीएल ओपी पहुंचा.
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जांच में जुटी पुलिस
एमपीएल ओपी प्रभारी वाशिम अनवर खान ने संवेदक से स्पष्ट कहा था कि पहले पूरे विषय की जानकारी ले लें. टेंडर की प्रक्रिया क्या है, कैसे टेंडर होती है, लेकिन वो फर्जी अभियंता के झांसे में आ गया. संवेदक ने निरसा थाना के अधिकारी अखिलेश सिंह को घटना की मौखिक जानकारी दी है, जिसके बाद पुलिस मामले की छानबीन में जुट गई है.