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धनबाद रेल मंडल ने 298 कर्मचारियों को किया सस्पेंड, ECRKU ने जताया विरोध

धनबाद रेल मंडल में प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई की है. प्रशासन ने 298 रेल कर्मचारियों को सस्पेंड किया है. यह कार्रवाई दूसरी जगह ट्रांसफर होने के बाद भी पुरानी जगह पर रेल आवास को खाली नहीं करने पर की गई है.

धनबाद रेल मंडल
Dhanbad Railway Divisio
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Published : Dec 23, 2020, 8:11 PM IST

धनबादः धनबाद रेल मंडल में प्रशासन ने रेल आवास को किराए पर दिये जाने के मामले में 298 कर्मचारियों को सस्पेंड किया है. जिसका ईसीआरकेयू ने विरोध किया है. इसको लेकर ईसीआरकेयू के अध्यक्ष डीके पांडेय ने कहा कि प्रशासन को नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए मानवीय संवेदनाओं के आधार पर तुरंत आदेश वापस लेना चाहिए.

ये भी पढे़ं: आर्चबिशप फेलिक्स टोप्पो ने सरकार से मांगा क्रिसमस गिफ्ट, ईसाई समुदाय से मंत्री बनाने की मांग

बता दें कि वैसे 298 रेल कर्मचारी जिन्होंने आवंटित रेल आवासों को ट्रांसफर होने के बाद भी अपने अधीन रखा था, उन्हें सस्पेंड कर दिया गया है. प्रशासन की इस सख्ती ने रेल कर्मचारियों और उनके परिवारजनों को मुश्किलों में डाल दिया है. इसकी जानकारी ईसीआरकेयू अध्यक्ष के डीके पांडेय और अपर महामंत्री मो ज्याउद्दीन ने धनबाद रेल मंडल को दी. अपने पत्र में उन्होंने बताया है कि रेल प्रशासन के नए स्टेशन पर रेल आवास उपलब्ध नहीं कराए जाने, प्राइवेट क्षेत्र में उचित आवास का उपलब्ध नहीं होने, बच्चों की शिक्षा, यातायात संसाधनों की कमी और चिकित्सीय कारणों से रेल कर्मचारी पुराने पदस्थापना वाले स्टेशन पर आवंटित रेल आवास रखने के लिए मजबूर हैं. उन्होंने कहा कि प्रशासन को अपने कर्मचारियों की इन बुनियादी सुविधाओं की कमी के मद्देनजर नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए मानवीय संवेदनाओं के आधार पर तुरंत आदेश वापस लेना चाहिए.

अपने पत्र में मो. ज्याउद्दीन ने प्रशासन के सामने इन तथ्यों को रखते हुए कहा है कि किराए पर आवास देने वाले कर्मचारियों और स्थानांतरित हुए रेल कर्मचारी जो सपरिवार आवास में रह रहे हैं उनकी अलग-अलग सूची तैयार करना चाहिए. ऐसे लोगों के साथ रेल नियमों के तहत अलग-अलग कार्रवाई होनी चाहिए. वर्तमान सर्वे में कई कमियों और खामियों की ओर प्रशासन का ध्यान आकृष्ट करते हुए पुनः सर्वे करने की मांग रखी गई है. यूनियन ने स्टेशन पर विभिन्न पूल इंचार्ज को भी सर्वे टीम में शामिल करने की भी मांग रखी है.

धनबादः धनबाद रेल मंडल में प्रशासन ने रेल आवास को किराए पर दिये जाने के मामले में 298 कर्मचारियों को सस्पेंड किया है. जिसका ईसीआरकेयू ने विरोध किया है. इसको लेकर ईसीआरकेयू के अध्यक्ष डीके पांडेय ने कहा कि प्रशासन को नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए मानवीय संवेदनाओं के आधार पर तुरंत आदेश वापस लेना चाहिए.

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बता दें कि वैसे 298 रेल कर्मचारी जिन्होंने आवंटित रेल आवासों को ट्रांसफर होने के बाद भी अपने अधीन रखा था, उन्हें सस्पेंड कर दिया गया है. प्रशासन की इस सख्ती ने रेल कर्मचारियों और उनके परिवारजनों को मुश्किलों में डाल दिया है. इसकी जानकारी ईसीआरकेयू अध्यक्ष के डीके पांडेय और अपर महामंत्री मो ज्याउद्दीन ने धनबाद रेल मंडल को दी. अपने पत्र में उन्होंने बताया है कि रेल प्रशासन के नए स्टेशन पर रेल आवास उपलब्ध नहीं कराए जाने, प्राइवेट क्षेत्र में उचित आवास का उपलब्ध नहीं होने, बच्चों की शिक्षा, यातायात संसाधनों की कमी और चिकित्सीय कारणों से रेल कर्मचारी पुराने पदस्थापना वाले स्टेशन पर आवंटित रेल आवास रखने के लिए मजबूर हैं. उन्होंने कहा कि प्रशासन को अपने कर्मचारियों की इन बुनियादी सुविधाओं की कमी के मद्देनजर नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए मानवीय संवेदनाओं के आधार पर तुरंत आदेश वापस लेना चाहिए.

अपने पत्र में मो. ज्याउद्दीन ने प्रशासन के सामने इन तथ्यों को रखते हुए कहा है कि किराए पर आवास देने वाले कर्मचारियों और स्थानांतरित हुए रेल कर्मचारी जो सपरिवार आवास में रह रहे हैं उनकी अलग-अलग सूची तैयार करना चाहिए. ऐसे लोगों के साथ रेल नियमों के तहत अलग-अलग कार्रवाई होनी चाहिए. वर्तमान सर्वे में कई कमियों और खामियों की ओर प्रशासन का ध्यान आकृष्ट करते हुए पुनः सर्वे करने की मांग रखी गई है. यूनियन ने स्टेशन पर विभिन्न पूल इंचार्ज को भी सर्वे टीम में शामिल करने की भी मांग रखी है.

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