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सफेदपोशों की मिलीभगत से चल रहा कोयले का 'काला खेल', पावर प्लांट को लगाया जा रहा लाखों का चूना - झारखंड समाचार

कोयलांचल में कईयों की मिलीभगत से कोयले के कारोबार में हेरा-फेरी की जा रही है. इससे पावर प्लांट को बड़ा नुकसान उठाना पड़ रहा है.

भाग स्टेशन की तस्वीर
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Published : May 13, 2019, 1:27 PM IST

Updated : May 13, 2019, 2:04 PM IST

झरिया/धनबाद: इन दिनों कोयलांचल के भागा स्टेशन पर पत्थर को कोयला बनाने का खेल धड़ल्ले से चल रहा है. यह सब हो रहा है रेलवे, बीसीसीएल, जिला प्रसासन और ठेकेदार की मिलीभगत से. इन पत्थरों को चारकोल बनाकर पावर प्लांटों में भेजा जाता हैं जिससे पावर प्लांट को नुकसान झेलना पड़ता है.

देखें पूरी खबर

धनबाद के भागा रेलवे स्टेशन पर बीसीसीएल और कई अन्य जगहों से रैक और हाइवा द्वारा कोयला के नाम पर पत्थर मंगाया जाता है. इसे कच्छी बलिहारी भेजा जाता है, जहां एक बड़े एरिया में डंपिंग यार्ड बना हुआ है. वहां इन पत्थरों को मशीन द्वारा छोटे-छोटे टुकड़ों में बांटा जाता है. फिर कोयले का पाउडर जिसे चारकोल कहा जाता है उसे मिलाकर कोयले का रूप दिया जाता है ओर फिर इसे रैक में लोड कर कई पावर प्लांटों में भेज दिया जाता है.

जीआरपी ने क्या कहा ?
इस मामले में जीआरपी ने कहा कि प्रभारी सहित सभी जवान चुनाव डयूटी में चले गए हैं मै अकेला क्या कर सकता हूं. इधर, भागा स्टेशन के स्टेशन मास्टर ने कहा इस मामले में मैं कुछ नही बता सकता, इसकी जानकारी माल गोदाम के बाबू ललन प्रसाद ही दे सकते हैं. माल गोदाम के बाबू ललन प्रसाद के पास पहुंचने के बाद उस जगह ले गए जहां पत्थर से भरा रैक खाली किया जा रहा था. उन्होंने पूछने पर कहा कि किसी कीमत पर इसे पत्थर नहीं कहा जा सकता.

ये भी पढ़ें- PM की आलोचना पर बधाई वाले पोस्ट पर कांग्रेस की चुटकी, कहा- उम्मीदों पर खरा नहीं उतरी सरकार

किसी ने नहीं दी ट्रांसपोर्टरों को जानकारी
सूत्रों से पता चला है कि नरेश कंपनी ने बीकेबी को भागा स्टेशन में रैक लोडिंग का काम दिया है. ओर बीकेबी ने कच्छी बलिहारी में डंपिंग यार्ड बनाया है, जहां मिलावट का काम किया जाता है. डंपिंग यार्ड से इस ट्रांसपोर्टिंग के काम को बीकेबी ने इकबाल खान को दे दिया है.

झरिया/धनबाद: इन दिनों कोयलांचल के भागा स्टेशन पर पत्थर को कोयला बनाने का खेल धड़ल्ले से चल रहा है. यह सब हो रहा है रेलवे, बीसीसीएल, जिला प्रसासन और ठेकेदार की मिलीभगत से. इन पत्थरों को चारकोल बनाकर पावर प्लांटों में भेजा जाता हैं जिससे पावर प्लांट को नुकसान झेलना पड़ता है.

देखें पूरी खबर

धनबाद के भागा रेलवे स्टेशन पर बीसीसीएल और कई अन्य जगहों से रैक और हाइवा द्वारा कोयला के नाम पर पत्थर मंगाया जाता है. इसे कच्छी बलिहारी भेजा जाता है, जहां एक बड़े एरिया में डंपिंग यार्ड बना हुआ है. वहां इन पत्थरों को मशीन द्वारा छोटे-छोटे टुकड़ों में बांटा जाता है. फिर कोयले का पाउडर जिसे चारकोल कहा जाता है उसे मिलाकर कोयले का रूप दिया जाता है ओर फिर इसे रैक में लोड कर कई पावर प्लांटों में भेज दिया जाता है.

जीआरपी ने क्या कहा ?
इस मामले में जीआरपी ने कहा कि प्रभारी सहित सभी जवान चुनाव डयूटी में चले गए हैं मै अकेला क्या कर सकता हूं. इधर, भागा स्टेशन के स्टेशन मास्टर ने कहा इस मामले में मैं कुछ नही बता सकता, इसकी जानकारी माल गोदाम के बाबू ललन प्रसाद ही दे सकते हैं. माल गोदाम के बाबू ललन प्रसाद के पास पहुंचने के बाद उस जगह ले गए जहां पत्थर से भरा रैक खाली किया जा रहा था. उन्होंने पूछने पर कहा कि किसी कीमत पर इसे पत्थर नहीं कहा जा सकता.

ये भी पढ़ें- PM की आलोचना पर बधाई वाले पोस्ट पर कांग्रेस की चुटकी, कहा- उम्मीदों पर खरा नहीं उतरी सरकार

किसी ने नहीं दी ट्रांसपोर्टरों को जानकारी
सूत्रों से पता चला है कि नरेश कंपनी ने बीकेबी को भागा स्टेशन में रैक लोडिंग का काम दिया है. ओर बीकेबी ने कच्छी बलिहारी में डंपिंग यार्ड बनाया है, जहां मिलावट का काम किया जाता है. डंपिंग यार्ड से इस ट्रांसपोर्टिंग के काम को बीकेबी ने इकबाल खान को दे दिया है.

Intro:अनिल पाण्डेय ,झरिया

खास रिपोर्ट ,

एंकर-- भागा स्टेसन पर धडल्ले से चल रहा है पत्थर को कोयला बनाने का खेल इस खेल में रेलवे, बीसीसीएल, जिला प्रसासन और ठिकेदार की मिलीभगत हैं। ये पथर को चारकोल बनाकर मिलीभगत से पावर प्लांटों में भेजा जाता हैं जिससे पावर प्लांट को नुकसान झेलना पड़ता है।Body:भीओ -- धनबाद के भागा रेलवे स्टेसन पर बीसीसीएल तथा कई अन्य स्थानों से रेक और हाइवा द्वारा कोयला के नाम पर पत्थर मंगाया जाता है ,ओर फिर इसे कच्छी बलिहारी भेजा जाता है ,जहाँ एक बड़ी एरिया में डंपिंग यार्ड बना हुआ है ,वहाँ इस पत्थर को मसीन द्वारा छोटे छोटे टूकड़े किया जाता है और फिर कोयले का पावडर जिसे चारकोल कहा जाता है उसे मिलाकर कोयले का रूप दिया जाता है ,ओर फिर उसी भागा स्टेसन पर गिरा कर फिर से इसे रेक में लोड कर कई पवार प्लांटों में भेज दिया जाता है ,

इस मामले में जीआरपी ने क्या कहा ,
हमारे रिपोर्टर ने जब इस मामले की जानकारी लेने भागा के जीआरपी थाना पहुचे तो थाने में बैठे जीआरपी के जमादार ने कहा प्रभारी सहित सभी जवान चुनाव डियूटी में चले गए है ,मै अकेला क्या कर सकता हूँ ,

हमारे रिपोर्टर ने भी ठान लिया था इस मामले की जानकारी तो हर हाल में लेनी है ,

अब हमारे रिपोर्टर भागा स्टेसन के स्टेसन मास्टर से मिले ओर रेक के बारे में जानकारी मांगी ,स्टेसन मास्टर ने कहा इस मामले में मै कुछ नही बता सकता ,इसकी जानकारी माल गोदाम के माल बाबू ललन प्रसाद ही दे सकते है ,

हमारे रिपोर्टर को लगा पत्थर को कोयला बनाने का मामला का खुलासा अब हो जाएगा ,

हमारे रिपोर्टर माल गोदाम के बाबू ललन प्रसाद के पास गए रिपोर्टर को देख ललन प्रसाद पानी पानी हो गए ,

रिपोर्टर ललन प्रसाद को उस जगह ले गए जहां पत्थर से भरा रेक खाली किया जा रहा था ,

ललन प्रसाद से हमारे रिपोर्टर ने पूछा जिस रेक को खाली किया जा रहा है वो क्या है ,ललन प्रसाद ने अपनी वफादारी निभाते हुए साफ शब्दों में कहा ये 100%कोयला है ,किसी कीमत पर इसे पत्थर नही कहा जा सकता ,

ललन प्रसाद ने दिए दो बयान ,

खुपया बयान में ललन जी ने कहा ये रिजेक्सन कोल है ,ओर दूसरे बार विस्तार पूर्वक पूछे जाने पर कहा नही ये 100% कोयला ही है ,

वाह रे आँखों पर बांधे पैसो की पट्टी जिसे ललन जी ने पत्थर को कोयला साबित कर दिया ,

किसी ने नही दी ट्रांस्पोटरो कि जानकारी ,

सूत्रों से पता चला है कि
नरेश कंपनी ने बिकेबी को भागा स्टेसन में रेक लोडिंग का काम दिया है ,ओर बिकेबी ने कच्छी बलिहारी में डंपिंग यार्ड बनाया है , जहाँ मिलावटी का काम किया जाता है ,डंपिंग यार्ड से इस ट्रांसपोर्टिंग के काम को बिकेबी ने एकबाल खान को दे दिया है ,

अभी तक हमारे रिपोर्टर इसे पत्थर कह रहे है ,लेकिन अब आप ही इस वीडियो और फोटो को देख कर बताइए ये आपको क्या लग रहा है ,Conclusion:अगर आपको ये कोयला लगा तो ठीक है ,शायद हमारे रिपोर्टर की आंखों का धोखा होगा ,लेकिन अगर ये पत्थर है तो इतने बड़े पैमाने पर पत्थर को कोयला बनाने का खेल भागा स्टेसन के रेक प्वाइंट पर किसके इसारे पर चल रहा है ,क्यो नही दिख रही है रेलवे के अधिकारियों और जिला प्रसासन को मिलावटी का खेल ,
Last Updated : May 13, 2019, 2:04 PM IST
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