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बीएमएस कर रहा एफडीआई का विरोध, कहा- कोयला उद्योग को निजीकरण करना चाहती है सरकार - ETV BHARAT

कोयला उद्योग में सौ फीसदी एफडीआई की मंजूरी मिलने के बाद सरकार के समानांतर चलने वाली मजदूर संगठन बीएमएस सरकार के इस फैसले का विरोध कर रहा है. जेबीसीसीआई के सदस्य बिंदेश्वरी प्रसाद ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में कहा कि सरकार के इस फैसले से भारतीय मजदूर संघ काफी मर्माहत और दुखी है.

बीएमएस कर रही एफडीआई का विरोध
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Published : Aug 30, 2019, 2:58 PM IST

धनबाद: कैबिनेट में बुधवार को कोयला उद्योग में सौ फीसदी एफडीआई की मंजूरी मिलने के बाद सरकार के समानांतर चलने वाली मजदूर संगठन बीएमएस भी सरकार के इस फैसले का विरोध कर रहा है. बीएमएस ने सरकार के इस फैसले को मजदूर विरोधी करार दिया है.

बीएमएस के प्रदेश महामंत्री बिंदेश्वरी प्रसाद से खास बातचीत


कोयला से चलने वाले उद्योगों पर संकट
बीएमएस के प्रदेश महामंत्री सह जेबीसीसीआई के सदस्य बिंदेश्वरी प्रसाद ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में कहा कि सरकार के इस फैसले से भारतीय मजदूर संघ काफी मर्माहत और दुखी है. इस फैसले से आने वाले समय मे मजदूर वर्ग और कोयला से चलने वाले उद्योगों पर संकट आने की पूरी संभावना है. कोयला जगत में हर तरह की बहाली पूरी तरह बंद हो जाएगी.


पूंजीपति भी कोयला उद्योग से वंचित
बिंदेश्वरी प्रसाद ने कहा कि इस फैसले से कोयला उद्योग पूरी तरह से निजीकरण की ओर बढ़ गया है. विदेशी पूंजी का जब निवेश होगा तो यहां के पूंजीपति भी कोयला उद्योग में निवेश से वंचित रह जाएंगे. यहां के पूंजीपतियों को भी नुकसान उठाना पड़ेगा.

ये भी पढे़ं: अनुसंधान के बोझ से दबी सीबीआई, पीआरएस घोटाले की जांच से किया इंकार
मजदूर संघ करेगा आंदोलन
बिंदेश्वरी प्रसाद ने कहा कि अधिकतर यूनियन के नेता राजनीतिक भावना से प्रेरित होकर काम करते हैं. इस राजनीतिक भावना से ऊपर उठकर वर्तमान में निःस्वार्थ भाव से एक होकर आंदोलन करने की जरुरत है. यदि यूनियन की पूरी जमात उठकर मजदूरों के लिए लड़ाई लड़ेंगे तो सरकार बैकफुट पर आ जाएगी. उन्होंने कहा कि भारतीय मजदूर संघ सरकार के इस फैसले के खिलाफ बृहद आंदोलन करने जा रहा है.

धनबाद: कैबिनेट में बुधवार को कोयला उद्योग में सौ फीसदी एफडीआई की मंजूरी मिलने के बाद सरकार के समानांतर चलने वाली मजदूर संगठन बीएमएस भी सरकार के इस फैसले का विरोध कर रहा है. बीएमएस ने सरकार के इस फैसले को मजदूर विरोधी करार दिया है.

बीएमएस के प्रदेश महामंत्री बिंदेश्वरी प्रसाद से खास बातचीत


कोयला से चलने वाले उद्योगों पर संकट
बीएमएस के प्रदेश महामंत्री सह जेबीसीसीआई के सदस्य बिंदेश्वरी प्रसाद ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में कहा कि सरकार के इस फैसले से भारतीय मजदूर संघ काफी मर्माहत और दुखी है. इस फैसले से आने वाले समय मे मजदूर वर्ग और कोयला से चलने वाले उद्योगों पर संकट आने की पूरी संभावना है. कोयला जगत में हर तरह की बहाली पूरी तरह बंद हो जाएगी.


पूंजीपति भी कोयला उद्योग से वंचित
बिंदेश्वरी प्रसाद ने कहा कि इस फैसले से कोयला उद्योग पूरी तरह से निजीकरण की ओर बढ़ गया है. विदेशी पूंजी का जब निवेश होगा तो यहां के पूंजीपति भी कोयला उद्योग में निवेश से वंचित रह जाएंगे. यहां के पूंजीपतियों को भी नुकसान उठाना पड़ेगा.

ये भी पढे़ं: अनुसंधान के बोझ से दबी सीबीआई, पीआरएस घोटाले की जांच से किया इंकार
मजदूर संघ करेगा आंदोलन
बिंदेश्वरी प्रसाद ने कहा कि अधिकतर यूनियन के नेता राजनीतिक भावना से प्रेरित होकर काम करते हैं. इस राजनीतिक भावना से ऊपर उठकर वर्तमान में निःस्वार्थ भाव से एक होकर आंदोलन करने की जरुरत है. यदि यूनियन की पूरी जमात उठकर मजदूरों के लिए लड़ाई लड़ेंगे तो सरकार बैकफुट पर आ जाएगी. उन्होंने कहा कि भारतीय मजदूर संघ सरकार के इस फैसले के खिलाफ बृहद आंदोलन करने जा रहा है.

Intro:धनबाद।केबिनेट में बुधवार को कोयला उद्योग में 100 फीसदी एफडीआई की मंजूरी मिलने के बाद सरकार के समानांतर चलने वाली मजदूर संगठन बीएमएस भी सरकार के इस फैसले का विरोध कर रही है।बीएमएस ने भी सरकार के इस फैसले को मजदूर विरोधी करार दिया है।


Body:बीएमएस के प्रदेश महामंत्री सह जेबीसीसीआई के सदस्य बिंदेश्वरी प्रसाद ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में कहा कि सरकार के इस फैसले से भारतीय मजदूर संघ काफी मर्माहत और दुखी है।इस फैसले से आने वाले समय मे मजदूर वर्ग और कोयला से चलने वाले उद्योगों पर संकट आने की पूरी संभावना है।कोयला जगत में हर तरह की बहाली पूरी तरह बंद हो जाएगी।उन्होंने कहा कि इस फैसले से कोयला उद्योग पूरी तरह से निजीकरण की ओर बढ़ गया है।विदेशी पूंजी का जब निवेश होगा तो यहां के पूंजीपति भी कोयला उद्योग में निवेश से वंचित रह जाएंगे।यहां के पूंजीपतियों को भी नुकसान उठाना पड़ेगा।

बिंदेश्वरी प्रसाद ने कहा कि अधिकतर यूनियन के नेता राजनीतिक भावना से प्रेरित होकर काम करते हैं।इस राजनीतिक भावना से ऊपर उठकर वर्तमान में निःस्वार्थ भाव से एक होकर आंदोलन करने की जरुरत है।यदि यूनियन की पूरी जमात उठकर मजदूरों के लिए लड़ाई लड़ेंगे तो सरकार को बैकफुट पर आना मजबूरी हो जाएगी।उन्होंने कहा कि भारतीय मजदूर संघ सरकार के इस फैसले के खिलाफ बृहद आंदोलन करने जा रही है।





Conclusion:बहरहाल, अब देखने वाली बात यह है कि सरकार के इस फैसले के खिलाफ सभी मजदूर यूनियन मिलकर बृहद आंदोलन के माध्यम से सरकार को घुटने टेकने पर मजबूर कर पाती है या नही।
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