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सड़क निर्माण के दौरान दर्जनों चापानल तोड़े गए, पानी के लिए तरस रहे ग्रामीण

अति नक्सल प्रभावित इलाका कहे जाने वाले टुंडी प्रखंड में विकास के नाम पर कई चापानल को बंद कर दिया गया. यहां पर पहले 1 लेन सड़क हुआ करती थी. इस सड़क को 2 लेन किया गया. लोगों को धनबाद से टुंडी जाने में सहूलियत भी हुई, लेकिन सड़क निर्माण में कई चापानलों की बलि दे दी गई जिस कारण लोग पीने के पानी के लिए तरस रहे हैं.

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धनबाद में चापाकल उखाड़कर बना दी सड़क
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Published : Jun 10, 2021, 4:48 PM IST

Updated : Jun 10, 2021, 10:40 PM IST

धनबाद: कोयलांचल की गिनती झारखंड के समृद्ध जिलों में होती है. यहां पर कोयले का अकूत भंडार है, जिस कारण देश में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी कोयलांचल की पहचान है. इसके बावजूद कोयलांचल के लोग मूलभूत सुविधाओं में से एक पीने के पानी के लिए भी महरूम हैं. कोयलांचल का झरिया और शहरी इलाका पानी की समस्या के लिए जगजाहिर है, लेकिन अब विकास के नाम पर ग्रामीण इलाकों में दर्जनों चापानलों की बलि दे दी गई है.

देखें ये स्पेशल स्टोरी

ये भी पढ़ें- जेल में 'जय श्रीराम' बोलने के लिए मजबूर करते हैं कैदी : आईएस संदिग्ध

पानी की भारी किल्लत

जिस तस्वीर को आप देख रहे हैं यह नजारा अति नक्सल प्रभावित इलाका कहे जाने वाले टुंडी प्रखंड को जोड़ने वाली सड़क का है जो सड़क जीटी रोड लोहारबरवा से ओझाडीह कटनिया होते हुए टुंडी प्रखंड को जाती है. यहां पर पहले 1 लेन सड़क हुआ करती थी.

इस सड़क को 2 लेन किया गया. लोगों को धनबाद से टुंडी जाने में सहूलियत भी हुई, लेकिन इसी सड़क निर्माण में कई चापानलों की बलि दे दी गई, जिस कारण लोग पीने के पानी के लिए तरस रहे हैं. लोग दूर-दूर से पानी लाने को विवश हैं और इनकी सुनने वाला कोई नहीं है.

सड़क निर्माण के दौरान खराब हुए नल

इस सड़क निर्माण कार्य के कारण दर्जनों चापानल खराब हो गए. कई चापानालों को सड़क पर ही गाड़ दिया गया. उनकी स्थिति बद से बदतर हो गई. लगभग 2 साल से सभी खराब हैं. ऐसा लग रहा मानो दूसरों को पानी पिलाने वाला नल खुद ही पानी मांग रहा हो.

कई बार अधिकारियों का भी आना जाना इस सड़क पर होता है, लेकिन इस ओर अब तक किसी भी अधिकारी या जनप्रतिनिधि का ध्यान नहीं गया है. स्थानीय लोगों ने ईटीवी भारत से बात करते हुए बताया कि काफी दूर से पीने का पानी लाने को विवश हैं. कई बार स्थानीय जनप्रतिनिधियों को इस बारे में कहा गया, लेकिन किसी ने कोई ध्यान नहीं दिया.

जल्द दूर होगी समस्या

वहीं, इस पूरे मामले में धनबाद उप विकास आयुक्त दशरथ चंद्र दास ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि यह बहुत ही गंभीर मामला है. ईटीवी भारत को ऐसा मामला संज्ञान में देने के लिए धन्यवाद देता हूं.

उन्होंने कहा कि इस पूरे मामले की संबंधित विभाग से जांच करवाकर जल्द से जल्द ग्रामीणों की समस्या को खत्म किया जाएगा. उन्होंने कहा की साज की ओर से शायद यह सड़क बनाई जा रही है. पीएचईडी विभाग को पैसा भी दे दिया गया होगा. शिथिलता के कारण यह कार्य रुका पड़ा है या जो कुछ भी कारण है, इसे जल्द से जल्द दूर किया जाएगा.

धनबाद: कोयलांचल की गिनती झारखंड के समृद्ध जिलों में होती है. यहां पर कोयले का अकूत भंडार है, जिस कारण देश में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी कोयलांचल की पहचान है. इसके बावजूद कोयलांचल के लोग मूलभूत सुविधाओं में से एक पीने के पानी के लिए भी महरूम हैं. कोयलांचल का झरिया और शहरी इलाका पानी की समस्या के लिए जगजाहिर है, लेकिन अब विकास के नाम पर ग्रामीण इलाकों में दर्जनों चापानलों की बलि दे दी गई है.

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पानी की भारी किल्लत

जिस तस्वीर को आप देख रहे हैं यह नजारा अति नक्सल प्रभावित इलाका कहे जाने वाले टुंडी प्रखंड को जोड़ने वाली सड़क का है जो सड़क जीटी रोड लोहारबरवा से ओझाडीह कटनिया होते हुए टुंडी प्रखंड को जाती है. यहां पर पहले 1 लेन सड़क हुआ करती थी.

इस सड़क को 2 लेन किया गया. लोगों को धनबाद से टुंडी जाने में सहूलियत भी हुई, लेकिन इसी सड़क निर्माण में कई चापानलों की बलि दे दी गई, जिस कारण लोग पीने के पानी के लिए तरस रहे हैं. लोग दूर-दूर से पानी लाने को विवश हैं और इनकी सुनने वाला कोई नहीं है.

सड़क निर्माण के दौरान खराब हुए नल

इस सड़क निर्माण कार्य के कारण दर्जनों चापानल खराब हो गए. कई चापानालों को सड़क पर ही गाड़ दिया गया. उनकी स्थिति बद से बदतर हो गई. लगभग 2 साल से सभी खराब हैं. ऐसा लग रहा मानो दूसरों को पानी पिलाने वाला नल खुद ही पानी मांग रहा हो.

कई बार अधिकारियों का भी आना जाना इस सड़क पर होता है, लेकिन इस ओर अब तक किसी भी अधिकारी या जनप्रतिनिधि का ध्यान नहीं गया है. स्थानीय लोगों ने ईटीवी भारत से बात करते हुए बताया कि काफी दूर से पीने का पानी लाने को विवश हैं. कई बार स्थानीय जनप्रतिनिधियों को इस बारे में कहा गया, लेकिन किसी ने कोई ध्यान नहीं दिया.

जल्द दूर होगी समस्या

वहीं, इस पूरे मामले में धनबाद उप विकास आयुक्त दशरथ चंद्र दास ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि यह बहुत ही गंभीर मामला है. ईटीवी भारत को ऐसा मामला संज्ञान में देने के लिए धन्यवाद देता हूं.

उन्होंने कहा कि इस पूरे मामले की संबंधित विभाग से जांच करवाकर जल्द से जल्द ग्रामीणों की समस्या को खत्म किया जाएगा. उन्होंने कहा की साज की ओर से शायद यह सड़क बनाई जा रही है. पीएचईडी विभाग को पैसा भी दे दिया गया होगा. शिथिलता के कारण यह कार्य रुका पड़ा है या जो कुछ भी कारण है, इसे जल्द से जल्द दूर किया जाएगा.

Last Updated : Jun 10, 2021, 10:40 PM IST
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