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जोर शोर से चल रही श्रावणी मेले की तैयारी, दो सालों के बाद बाबा नगरी में फिर लगेंगे बोल बम के जयकारे - सावन का महीना

बाबा नगरी देवघर में दो सालों के बाद श्रावणी मेले का आयोजन किया जा रहा है. मेले के दौरान श्रद्धालुओं को किसी भी तरह की असुविधा ना हो इसे लेकर प्रशासन अपनी तैयारी में जुटा हुआ है.

Shravani mela preparation in Devghar
Shravani mela preparation in Devghar
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Published : Jun 28, 2022, 5:08 PM IST

Updated : Jun 28, 2022, 5:26 PM IST

देवघर: बाबा भोलेनाथ की दरबार में भक्त फिर से हाजिरी लगाएंगे. इसके लिए त्यारियां पूरे जोर शोर से चल रही हैं. कोरोना के कारण पिछले दो साल से देवघर के बाबा वैद्यनाथ धाम में श्रावणी मेले का आयोजन नहीं हो सका था. इस बार देवघर में भव्य रूप से श्रावणी मेले के आयोजन की तैयारी हो रही है. पिछले दो सालों के बाद मेले का आयोजन होने से मंदिर पर आश्रित तीर्थ पुरोहित और दुकानदारों में भारी उत्साह है.


कहते हैं सावन का महीना भगवान शिव का होता है. मान्यता है कि पवित्र सावन महीने में जो भी श्रद्धालु सच्चे मन से भगवान भोलेनाथ की अराधना करते हैं उनकी मनोकामना अवश्य पूरी होती है. भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में नौवां ज्योतिर्लिंग बाबा बैद्यनाथ का है. इसे मनोकामना लिंग भी कहते हैं. सावन के महीने में देवघर स्थित इस ज्योतिर्लिंग पर जल चढ़ाने का खास महत्व है. कोरोना संकट की वजह से पिछले दो सालों से देवघर में एक महीने तक चलने वाले श्रावणी मेले पर ग्रहण लग गया था. इस बार राज्य सरकार ने राजकीय मेले का दर्जा प्राप्त विश्वप्रसिद्ध श्रवाणी मेले के आयोजन का फैसला लिया है. जिसके बाद पूरे मेला क्षेत्र में तैयारियां जोरो पर हैं.

ये भी पढ़ें: दुमका में बासुकीनाथ मेला क्षेत्र से अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई, प्रशासन ने बलपूर्वक खाली कराया जगह

दो साल बाद मेले का आयोजन हो रहा है लिहाजा, जिला प्रशासन की कोशिश है कि लंबे अंतराल के बाद बाबा नगरी की धरती पर कदम रखने वाले भक्त देवनगरी का अनूठा अनुभव समेट कर वापस लौटें. इसके लिए तमाम तैयारियों के साथ ही पुराने इंतजाम को बदल कर कई-नई व्यवस्था की जा रही है.

देखें वीडियो


मेट्रो के तर्ज पर होगी शीघ्रदर्शनम के लिए एंट्री: अब शीघ्रदर्शनम के कुपन खरीद कर दर्शन करने की इच्छा रखने वालों को ज्यादा देर तक इंतजार नहीं करना पड़ेगा. बाबा मंदिर में शीघ्रदर्शनम यानी वीआईपी पूजा के लिए बने एंट्री प्वाइंट में खास बदलाव किए गए हैं. यहां पुरानी व्यवस्था में बदलाव करते हुए मेट्रो की तर्ज पर 8 गेट बनाए गए हैं. जहां से, भक्त आसानी से शीघ्रदर्शनम की लिए प्रवेश कर सकते हैं.



अस्थाई अस्पताल के साथ ही ट्रामा सेंटर स्थापित, एक्सपर्ट्स की टीम रहेगी: इस साल बाबमंदिर से सटे मल्टीपर्पस भवन में पहली दफे अस्थाई अस्पताल के साथ ही ट्रॉमा सेंटर की भी स्थापना की गई है. जहां चौबीस घंटे भक्तों की सेवा के लिए डॉक्टरों की टीम के साथ ही एक्सपर्ट की टीम भी तैनात रहेगी. इतना ही नहीं मेडिकल एमरजेंसी जैसे हालात में यह सेंटर क्यूआरटी की तरह काम करेगा.

500 कैमरों से होगी चप्पे-चप्पे की निगरानी: श्रावणी मेले के दौरान पूरे मेला क्षेत्र पर नजर रखने के लिए इंट्रिगेटेड मेला कंट्रोल रूम की भी स्थापना की जा ही है. जहां से मेला क्षेत्र के तमाम महत्वपूर्ण प्वाइंट्स पर नजर रखने के लिए पांच 100 कैमरे लगाए जा रहे हैं. इसके साथ ही बाबा भोलेनाथ के दर्शन भी कराए जाएंगे.

भीड़ नियंत्रण के लिए शहर से 5 किलोमीटर दूर तैयार हो रहा है होल्डिंग प्वाइंट: दो साल बाद आयोजित हो रहे श्रवाणी मेले के मद्देनजर उमड़ने वाली भीड़ को देखते हुए इस साल खास इंतजाम किए जा रहे हैं. शहर में भीड़ न बढ़े और व्यवस्थाओं पर असर न पड़े इसके लिए शहर से पांच किलोमीटर की दूरी पर स्थित खिजुरिया में होल्डिंग प्वाइंट तैयार किए जा रहे हैं जहां, 10 हजार कांवड़ियों के ठहरने का इंतजाम किया जा रहा है.



शिवगंगा पर लगाया जा रहा है 150 किलो का त्रिशूल, सेल्पी प्वाइंट को तौर पर कर सकते हैं इस्तेमाल: इस साल पवित्र शिवगंगा में भी कांवड़ियों के लिए खास इंतजाम किए जा रहे हैं. शिवगंगा के बीचो-बीच 150 किलो के एक त्रिशूल की स्थापित किया जा रहा. जिसका इस्तेमाल बाबाधाम आकर शिवगंगा में स्नान करन वाले भक्त सेल्फी प्वाइंट के तौर पर भी कर सकेंगे और अपने साथ देवनगरी की यादें भी तस्वीर की शक्ल में समेटकर अपने साथ ले जा सकेंगे.


बहरहाल, दो साल बाद बाबा नगरी एक बार फिर बोल-बम के जयकारों और केसरिया रंग में सरबोर नजर आने वाली है. एक महीने तक चलने वाले विश्वप्रसिद्ध श्रवाणी मेले से पूरा शहर गुलजार रहने वाला है. मेला 14 जुलाई से शूरू होकर 12 अगस्त तक चलेगा. कांवड़िया इस दौरान 112 किलोमीटर की पैदल यात्रा कर बाबा भोलेनाथ का जलाभिषेक करेंगे और पूरी बाबा नगरी बोल-बम के जयघोष से गूंजेग.

श्रावनी मेला के कार्य में लगे मजदूर: श्रावणी मेले की तैयारी को लेकर देवघर में पिछले दिनों पीडब्ल्यूडी के सचिव की बैठक में दिए गए निर्देश के बाद मेला क्षेत्र की सड़कों के काम में तेजी लाई गई है. मेला क्षेत्र के हदहदिया-बरमसिया चौक सड़क कालीकरण कर तैयार कर दिया गया है. समाहरणालय से नंदन पहाड़ रोड में भी मरम्मत कार्य अंतिम चरण में है. पंडित बीएन झा रोड से सीडी द्वारी पथ के चौड़ीकरण के लिए पेवर्स लगाने का काम तेज कर दिया गया है.

निगरानी और ट्रेसिंग टीम को निर्देश: जिले में लगातार बढ़ रहे संक्रमण के आंकड़ों ने अचानक चिंता बढ़ा दी है. 14 जुलाई से मेले की शुरुआत हो रही है. राज्य में मुख्यमंत्री खुद मेले के उद्घाटन को लेकर स्वीकृति दे चुके हैं. ऐसे में हालात पर नियंत्रण पाते हुए इस विश्‍व प्रसिद्ध मेले का संचालन किसी चुनौती से कम नहीं है. यही वजह है कि डीसी मंजूनाथ भजंत्री ने जिले में बढ़ते कोरोना संक्रमण की वस्तुस्थिति, पॉजिटिविटी रेट, संक्रमण के रोकथाम, बचाव और जागरूकता को लेकर किए जाने वाले कार्यों की विस्तृत समीक्षा बैठक की. इस दौरान उपायुक्त ने कोरोना संक्रमण के बढ़ते आंकड़ों पर सुरक्षा, सतर्क और कोविड नियमों के अनुपालन का निर्देश दिया.

देवघर: बाबा भोलेनाथ की दरबार में भक्त फिर से हाजिरी लगाएंगे. इसके लिए त्यारियां पूरे जोर शोर से चल रही हैं. कोरोना के कारण पिछले दो साल से देवघर के बाबा वैद्यनाथ धाम में श्रावणी मेले का आयोजन नहीं हो सका था. इस बार देवघर में भव्य रूप से श्रावणी मेले के आयोजन की तैयारी हो रही है. पिछले दो सालों के बाद मेले का आयोजन होने से मंदिर पर आश्रित तीर्थ पुरोहित और दुकानदारों में भारी उत्साह है.


कहते हैं सावन का महीना भगवान शिव का होता है. मान्यता है कि पवित्र सावन महीने में जो भी श्रद्धालु सच्चे मन से भगवान भोलेनाथ की अराधना करते हैं उनकी मनोकामना अवश्य पूरी होती है. भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में नौवां ज्योतिर्लिंग बाबा बैद्यनाथ का है. इसे मनोकामना लिंग भी कहते हैं. सावन के महीने में देवघर स्थित इस ज्योतिर्लिंग पर जल चढ़ाने का खास महत्व है. कोरोना संकट की वजह से पिछले दो सालों से देवघर में एक महीने तक चलने वाले श्रावणी मेले पर ग्रहण लग गया था. इस बार राज्य सरकार ने राजकीय मेले का दर्जा प्राप्त विश्वप्रसिद्ध श्रवाणी मेले के आयोजन का फैसला लिया है. जिसके बाद पूरे मेला क्षेत्र में तैयारियां जोरो पर हैं.

ये भी पढ़ें: दुमका में बासुकीनाथ मेला क्षेत्र से अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई, प्रशासन ने बलपूर्वक खाली कराया जगह

दो साल बाद मेले का आयोजन हो रहा है लिहाजा, जिला प्रशासन की कोशिश है कि लंबे अंतराल के बाद बाबा नगरी की धरती पर कदम रखने वाले भक्त देवनगरी का अनूठा अनुभव समेट कर वापस लौटें. इसके लिए तमाम तैयारियों के साथ ही पुराने इंतजाम को बदल कर कई-नई व्यवस्था की जा रही है.

देखें वीडियो


मेट्रो के तर्ज पर होगी शीघ्रदर्शनम के लिए एंट्री: अब शीघ्रदर्शनम के कुपन खरीद कर दर्शन करने की इच्छा रखने वालों को ज्यादा देर तक इंतजार नहीं करना पड़ेगा. बाबा मंदिर में शीघ्रदर्शनम यानी वीआईपी पूजा के लिए बने एंट्री प्वाइंट में खास बदलाव किए गए हैं. यहां पुरानी व्यवस्था में बदलाव करते हुए मेट्रो की तर्ज पर 8 गेट बनाए गए हैं. जहां से, भक्त आसानी से शीघ्रदर्शनम की लिए प्रवेश कर सकते हैं.



अस्थाई अस्पताल के साथ ही ट्रामा सेंटर स्थापित, एक्सपर्ट्स की टीम रहेगी: इस साल बाबमंदिर से सटे मल्टीपर्पस भवन में पहली दफे अस्थाई अस्पताल के साथ ही ट्रॉमा सेंटर की भी स्थापना की गई है. जहां चौबीस घंटे भक्तों की सेवा के लिए डॉक्टरों की टीम के साथ ही एक्सपर्ट की टीम भी तैनात रहेगी. इतना ही नहीं मेडिकल एमरजेंसी जैसे हालात में यह सेंटर क्यूआरटी की तरह काम करेगा.

500 कैमरों से होगी चप्पे-चप्पे की निगरानी: श्रावणी मेले के दौरान पूरे मेला क्षेत्र पर नजर रखने के लिए इंट्रिगेटेड मेला कंट्रोल रूम की भी स्थापना की जा ही है. जहां से मेला क्षेत्र के तमाम महत्वपूर्ण प्वाइंट्स पर नजर रखने के लिए पांच 100 कैमरे लगाए जा रहे हैं. इसके साथ ही बाबा भोलेनाथ के दर्शन भी कराए जाएंगे.

भीड़ नियंत्रण के लिए शहर से 5 किलोमीटर दूर तैयार हो रहा है होल्डिंग प्वाइंट: दो साल बाद आयोजित हो रहे श्रवाणी मेले के मद्देनजर उमड़ने वाली भीड़ को देखते हुए इस साल खास इंतजाम किए जा रहे हैं. शहर में भीड़ न बढ़े और व्यवस्थाओं पर असर न पड़े इसके लिए शहर से पांच किलोमीटर की दूरी पर स्थित खिजुरिया में होल्डिंग प्वाइंट तैयार किए जा रहे हैं जहां, 10 हजार कांवड़ियों के ठहरने का इंतजाम किया जा रहा है.



शिवगंगा पर लगाया जा रहा है 150 किलो का त्रिशूल, सेल्पी प्वाइंट को तौर पर कर सकते हैं इस्तेमाल: इस साल पवित्र शिवगंगा में भी कांवड़ियों के लिए खास इंतजाम किए जा रहे हैं. शिवगंगा के बीचो-बीच 150 किलो के एक त्रिशूल की स्थापित किया जा रहा. जिसका इस्तेमाल बाबाधाम आकर शिवगंगा में स्नान करन वाले भक्त सेल्फी प्वाइंट के तौर पर भी कर सकेंगे और अपने साथ देवनगरी की यादें भी तस्वीर की शक्ल में समेटकर अपने साथ ले जा सकेंगे.


बहरहाल, दो साल बाद बाबा नगरी एक बार फिर बोल-बम के जयकारों और केसरिया रंग में सरबोर नजर आने वाली है. एक महीने तक चलने वाले विश्वप्रसिद्ध श्रवाणी मेले से पूरा शहर गुलजार रहने वाला है. मेला 14 जुलाई से शूरू होकर 12 अगस्त तक चलेगा. कांवड़िया इस दौरान 112 किलोमीटर की पैदल यात्रा कर बाबा भोलेनाथ का जलाभिषेक करेंगे और पूरी बाबा नगरी बोल-बम के जयघोष से गूंजेग.

श्रावनी मेला के कार्य में लगे मजदूर: श्रावणी मेले की तैयारी को लेकर देवघर में पिछले दिनों पीडब्ल्यूडी के सचिव की बैठक में दिए गए निर्देश के बाद मेला क्षेत्र की सड़कों के काम में तेजी लाई गई है. मेला क्षेत्र के हदहदिया-बरमसिया चौक सड़क कालीकरण कर तैयार कर दिया गया है. समाहरणालय से नंदन पहाड़ रोड में भी मरम्मत कार्य अंतिम चरण में है. पंडित बीएन झा रोड से सीडी द्वारी पथ के चौड़ीकरण के लिए पेवर्स लगाने का काम तेज कर दिया गया है.

निगरानी और ट्रेसिंग टीम को निर्देश: जिले में लगातार बढ़ रहे संक्रमण के आंकड़ों ने अचानक चिंता बढ़ा दी है. 14 जुलाई से मेले की शुरुआत हो रही है. राज्य में मुख्यमंत्री खुद मेले के उद्घाटन को लेकर स्वीकृति दे चुके हैं. ऐसे में हालात पर नियंत्रण पाते हुए इस विश्‍व प्रसिद्ध मेले का संचालन किसी चुनौती से कम नहीं है. यही वजह है कि डीसी मंजूनाथ भजंत्री ने जिले में बढ़ते कोरोना संक्रमण की वस्तुस्थिति, पॉजिटिविटी रेट, संक्रमण के रोकथाम, बचाव और जागरूकता को लेकर किए जाने वाले कार्यों की विस्तृत समीक्षा बैठक की. इस दौरान उपायुक्त ने कोरोना संक्रमण के बढ़ते आंकड़ों पर सुरक्षा, सतर्क और कोविड नियमों के अनुपालन का निर्देश दिया.

Last Updated : Jun 28, 2022, 5:26 PM IST
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