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लॉकडाउन के बोझ तले दबे कुली, मदद की आस में कट रही जिंदगी

लॉकडाउन के कारण कुलियों के सामने बड़ी समस्या आ गई है. अब वे भुखमरी की कगार पर हैं. बस सभी की निगाहें सरकार की मदद पर जा टिकी है.

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Published : May 1, 2020, 4:39 PM IST

Updated : May 1, 2020, 8:24 PM IST

देवघर: कोरोना महामारी के कारण पूरा देश लॉकडाउन है. इस महामारी के कारण हर कोई परेशान है. देवघर जो धार्मिक नगरी के साथ-साथ पर्यटक स्थल भी है. देवघर आने के लिए रेल मार्ग सबसे आसान है. जसीडीह स्टेशन कोलकाता-दिल्ली मुख्य रेल मार्ग पर स्थित है. जहां संताल परगना का 6 जिलों के लिए सबसे अहम है. जिसे A ग्रेड का दर्जा भी मिल चुका है. लॉकडाउन के कारण स्टेशन पर काम करनेवाले कुलियों के सामने बड़ी समस्या आ गई है.

देखें पूरी खबर

मदद का इंतजार

इसी कड़ी में जसीडीह स्टेशन दुनिया का बोझ उठाने वाले कुली अब लॉकडाउन का बोझ उठाने पर मजबूर हैं. बस सभी की निगाहें सरकार की मदद पर जा टिकी है.

ये भी पढ़ें- दुष्कर्म पीड़ितों की कोख पर कोरोना का खतरा, कैसे होगा बच्चों का जन्म?

भुखमरी की स्थिति

इस लॉकडाउन में रेल सेवा बंद होने के कारण अब कुली के सामने भुखमरी की स्थिति में आ गई है. रोजाना दूसरे का बोझ उठाकर 200 से 300 कमाने वाले कुली पिछले एक महीने से बिल्कुल खाली हाथ बैठ हैं. घर चलाना मुश्किल हो गया है.

जसीडीह स्टेशन पर 72 कुली करते हैं काम

देवघर जिले की जसीडीह स्टेशन की बात करें तो यहां कुल 72 कुली हैं, जो जिले के विभिन्न ग्रामीण क्षेत्रों के हैं. लेकिन अबतक इनके प्रति रेल प्रशासन ने सुध नहीं लिया है. इस बाबत जब कुली एसोसिएशन के अध्यक्ष से संपर्क साधने की कोशिश की गई तो उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया.

ये भी पढ़ें- तबादले के बाद SSP ने सब्जी मंडी का किया निरीक्षण, पुलिसकर्मियों का बढ़ाया हौसला

सरकार करेगी मदद?

ऐसे में क्या केंद्र सरकार या राज्य सरकर इन्हें कुछ मदद देगी, या कुली और इनके परिवारवाले दो वक्त की रोटी के लिए भी तरसते रहेंगे.

देवघर: कोरोना महामारी के कारण पूरा देश लॉकडाउन है. इस महामारी के कारण हर कोई परेशान है. देवघर जो धार्मिक नगरी के साथ-साथ पर्यटक स्थल भी है. देवघर आने के लिए रेल मार्ग सबसे आसान है. जसीडीह स्टेशन कोलकाता-दिल्ली मुख्य रेल मार्ग पर स्थित है. जहां संताल परगना का 6 जिलों के लिए सबसे अहम है. जिसे A ग्रेड का दर्जा भी मिल चुका है. लॉकडाउन के कारण स्टेशन पर काम करनेवाले कुलियों के सामने बड़ी समस्या आ गई है.

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मदद का इंतजार

इसी कड़ी में जसीडीह स्टेशन दुनिया का बोझ उठाने वाले कुली अब लॉकडाउन का बोझ उठाने पर मजबूर हैं. बस सभी की निगाहें सरकार की मदद पर जा टिकी है.

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भुखमरी की स्थिति

इस लॉकडाउन में रेल सेवा बंद होने के कारण अब कुली के सामने भुखमरी की स्थिति में आ गई है. रोजाना दूसरे का बोझ उठाकर 200 से 300 कमाने वाले कुली पिछले एक महीने से बिल्कुल खाली हाथ बैठ हैं. घर चलाना मुश्किल हो गया है.

जसीडीह स्टेशन पर 72 कुली करते हैं काम

देवघर जिले की जसीडीह स्टेशन की बात करें तो यहां कुल 72 कुली हैं, जो जिले के विभिन्न ग्रामीण क्षेत्रों के हैं. लेकिन अबतक इनके प्रति रेल प्रशासन ने सुध नहीं लिया है. इस बाबत जब कुली एसोसिएशन के अध्यक्ष से संपर्क साधने की कोशिश की गई तो उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया.

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सरकार करेगी मदद?

ऐसे में क्या केंद्र सरकार या राज्य सरकर इन्हें कुछ मदद देगी, या कुली और इनके परिवारवाले दो वक्त की रोटी के लिए भी तरसते रहेंगे.

Last Updated : May 1, 2020, 8:24 PM IST
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