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देवघर: गर्मी में पानी की किल्लत से जनता का हाल बेहाल, जूस और तरबूज से लोग बुझा रहे अपनी प्यास

देवघर वासी पानी की दिक्कत और गर्मी से परेशान है. पूरे शहर का जलस्तर करीब पंद्रह से बीस फिट नीचे चला गया है. जिसके कारण लोग पानी के लिए तरस रहे है. वहीं, अब लोग बारिश की आस लगाए हुए है साथ ही जूस और तरबूज से अपनी प्यास बुझा रहे हैं.

जूस और तरबूज से लोग बुझा रहे अपनी प्यास
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Published : Apr 23, 2019, 11:33 AM IST

देवघर: एक तरफ देवघर में सियासी पारा पूरे चरम पर है, तो दूसरी तरफ आसमान से बरस रही आग और पानी के लिए मचे हाहाकार से देवघर वासियों का दम निकल रहा है. पूरे शहर का जलस्तर करीब पंद्रह से बीस फिट नीचे चला गया. जिससे निगम की जलापूर्ति योजना धरी की धरी रह गई. अब आलम ये है कि निगमकर्मी अब बारिश की आस लगाए बैठे हैं. वहीं, जूस और तरबूज का सहारा लेकर अपनी प्यास बुझा रहे हैं.

देखिए स्पेशल पैकेज

ये भी पढ़ें- LIVE: लोकसभा चुनाव 2019 तीसरा चरण, जानें हर अपडेट

दरअसल, पिछले साल रही मॉनसून की मायूसी का असर, इस साल गर्मी की शुरूआती दिनों से दिखने लगी है. पूरे शहर का जलस्तर नीचे चला गया, जिसकी वजह से लोगों को पानी की किल्लत हो रही है. निगम अभियंता समीर सिन्हा ने बताया कि जिन स्रोतों से शहर में जलापूर्ति की जा रही थी, वो भी लगभग सूख चुकी है. लिहाजा पानी की घोर समस्या पैदा हो गई है.

पूरे निगम क्षेत्र में आम जनता की प्यास बुझाने की खातिर 9 सौ के करीब ट्यूबवेल लगाए गए हैं. जिनमें ज्यादातर की हालत बदतर है. कुछ में पानी नहीं है तो कुछ अब जमींदोज होने के कगार पर है. ऐसे में अभी आने वाला वक्त और झुलसने वाला होगा. लिहाजा शहर वासियों को अभी घोर जल संकट का सामना करना पड़ सकता है.

बहरहाल, निगम के अधिकारी भी जलसंकट के समाधान को लेकर कोई ठोस समाधान नहीं निकाल पा रहे हैं. ऐसे में जूस और तरबूज ही एक मात्र विकल्प नजर आ रहा है, जिसका सेवन कर लोग अपनी प्यास बुझा रहे हैं.

देवघर: एक तरफ देवघर में सियासी पारा पूरे चरम पर है, तो दूसरी तरफ आसमान से बरस रही आग और पानी के लिए मचे हाहाकार से देवघर वासियों का दम निकल रहा है. पूरे शहर का जलस्तर करीब पंद्रह से बीस फिट नीचे चला गया. जिससे निगम की जलापूर्ति योजना धरी की धरी रह गई. अब आलम ये है कि निगमकर्मी अब बारिश की आस लगाए बैठे हैं. वहीं, जूस और तरबूज का सहारा लेकर अपनी प्यास बुझा रहे हैं.

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दरअसल, पिछले साल रही मॉनसून की मायूसी का असर, इस साल गर्मी की शुरूआती दिनों से दिखने लगी है. पूरे शहर का जलस्तर नीचे चला गया, जिसकी वजह से लोगों को पानी की किल्लत हो रही है. निगम अभियंता समीर सिन्हा ने बताया कि जिन स्रोतों से शहर में जलापूर्ति की जा रही थी, वो भी लगभग सूख चुकी है. लिहाजा पानी की घोर समस्या पैदा हो गई है.

पूरे निगम क्षेत्र में आम जनता की प्यास बुझाने की खातिर 9 सौ के करीब ट्यूबवेल लगाए गए हैं. जिनमें ज्यादातर की हालत बदतर है. कुछ में पानी नहीं है तो कुछ अब जमींदोज होने के कगार पर है. ऐसे में अभी आने वाला वक्त और झुलसने वाला होगा. लिहाजा शहर वासियों को अभी घोर जल संकट का सामना करना पड़ सकता है.

बहरहाल, निगम के अधिकारी भी जलसंकट के समाधान को लेकर कोई ठोस समाधान नहीं निकाल पा रहे हैं. ऐसे में जूस और तरबूज ही एक मात्र विकल्प नजर आ रहा है, जिसका सेवन कर लोग अपनी प्यास बुझा रहे हैं.

Intro:देवघर में इंद्रदेव पर टिकी निगम की आस, जनता जूस और तरबूज़ खा कर बुझा रही है प्यास।


Body:एंकर एक तरफ देवघर में सियासी पारा पूरे चरम पर है तो, दूसरी तरफ आसमान से बरस रही आग और पानी के लिए मचे हाहाकार, देवघर वासियों का दम निकाल रही है। आलम यह है कि, देवनगरी आने वाले श्रद्धालु भी अब जूस और तरबूज का सहारा लेकर अपनी प्यास बुझाने पर मजबूर हैं। दरअसल, पिछले साल रही मॉनसून की मायूसी का असर, इस साल गर्मी की शुरुवाती दिनों से दिखने लगी थी। पूरे शहर का जलस्तर करीब पंद्रह से बीस फिट नीचे चला गया, निगम की जलापूर्ति योजना भी धरी की धरी रह गई और आलम यह है कि, निगमकर्मी भी अब इंद्रदेव से मेहरबानी की आस लगाए बैठे हैं। निगम के अभियंता के मुताबिक, जिन श्रोतों से शहर में जलापूर्ति की जा रही थी वह भी लगभग सूख चुकी है लिहाजा, पानी की घोर समस्या पैदा हो गई है। इतना ही नहीं, पूरे निगम क्षेत्र में आम जनता की प्यास बुझाने की खातिर 9 सौ के करीब ट्यूबवेल लगाए गए हैं जिनमे ज्यादार की हालत बदतर है। कुछ में पानी नही है तो कुछ अब ज़मींदोज़ होने के कगार पर है। ऐसे में अभी आने वाला वक़्त और झुलसने वाला होगा लिहाज़ा, शहर वासियों को अभी घोर जल संकट का सामना करना पड़ सकता है।


Conclusion:बहरहाल, निगम के अधिकारी भी जलसंकट के समाधान को लेकर कोई ठोस समाधान नहीं निकाल पा रहे हैं ऐसे में, जूस और तरबूज़ ही एक मात्र विकल्प नज़र आ रहा है जिसका सेवन कर लोग अपनी प्यास बुझा रहे हैं।

बाइट समीर सिन्हा निगम अधिकारी।
बाइट स्थानीय।
बाइट निखिल कुमार स्थानीय।
बाइट मुन्ना जूस दुकानदार।

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