देवघर: एमआरपी का मतलब होता है किसी भी वस्तु की पैकिंग पर बेचने के लिए लिखी गई अधिकतम दर. आसनसोल रेल डिवीजन के अंतर्गत आने वाले जसीडीह रेलवे स्टेशन को ए ग्रेड की श्रेणी में शामिल किया गया है. लेकिन इसके बाद भी इस स्टेशल पर लोगों से वेंडर खुलेआम धोखाधड़ी करते हैं. स्टेशन पर बिकने वाली खाने पीने की चीजों पर एमआरपी से ज्यादा पैसे वसूले जाते हैं. (Goods are being sold higher than MRP at Jasidih railway station) आलम ये है कि सबको सब कुछ पता होने के बाद भी कोई कुछ करने के लिए तैयार नहीं है.
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देवघर का जसीडीह रेलवे स्टेशन ए ग्रेड में आता है. हाल ही के दिनों में यहां पर टीटीई ने सबसे ज्यादा वसूली का अवार्ड भी जीता है. समय-समय पर यहां पर रेलवे के कई आला अधिकारियों का भी दौरा रहता है. इसके बाद भी स्टेशन पर अव्यवस्था का आलम है. यहां पर सामान बेचने के नाम पर यात्रियों को खुलेआम लूटा जा रहा है. जिस ब्रेड की तय कीमत 10 रुपए है, उस ब्रेड पर स्टीकर लगाकर 15 रुपए में बेचा जा रहा है. पानी की बोतल 15 की जगह 20 रुपए में बेची जाती है, जबकि 7 रुपए की चाय के 10 रुपए वसूल किए जाते हैं. लोगों का कहना है कि इसके बारे में अधिकारियों से लेकर आरपीएफ और जीआरपी के जवानों को भी जानकारी है लेकिन इसके बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की जाती है.
यात्रियों को ओवर चार्जिंग से बचाने के लिए आईआरसीटीसी ने खाद्य पदार्थों की रेट लिस्ट तय की है, जिसके हिसाब से ही रेलवे स्टेशन और ट्रेनों में अधिकृत वेंडर सामान बेच सकते हैं. लेकिन जसीडीह स्टेशन पर इन नियमों का पालन नहीं हो रहा है. जिसके कारण स्टेशन से लेकर ट्रेनों तक में यात्रियों को ओवर चार्जिंग का शिकार होना पड़ रहा है. विशेष रूप से रात्रि की ट्रेनों में यात्रियों को ज्यादा परेशानी होती है. इन वेंडरों की अधिकारियों से सांठगांठ का अंदाजा इससे ही लगाया जा सकता है कि उच्च स्तर से अगर कोई अभियान शुरू होता है तो इसकी खबर भी इन्हें पहले ही मिल जाती है.