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विधानसभा चुनाव 2019: सारठ सीट से बीजेपी विधायक रणधीर सिंह का रिपोर्ट कार्ड - झारखंड महासमर

सारठ विधानसभा सीट पर बीजेपी का कब्जा है. पिछले तीन दशक से यहां भूमिहार जाति के लोगों का दबदबा कायम रहा है. सारठ सीट से कृषी मंत्री रणधीर सिंह वर्तमान विधायक हैं, जिनका मानना है कि उनके विधायक बनने के बाद ही जिले में विकास की बौछार हुई है.

बीजेपी विधायक रणधीर सिंह
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Published : Sep 28, 2019, 4:36 PM IST

देवघरः जिला मुख्यालय से 37 किलोमीटर दूर बसा यह इलाका अपने प्राकृतिक सौंदर्य के लिए पर्यटकों के बीच खासा लोकप्रिय है. हाल ही अनुमंडल का दर्जा प्राप्त क्षेत्र मुख्यतः कृषि प्रधान है, लेकिन सारठ विधानसभा के अंतर्गत पड़ने वाले चित्रा इलाके में ईस्टर्न कोलफील्ड यानी ईसीएल की ओपन कोयला खदानों को लेकर काफी महत्वपूर्ण है.

देखें पूरी खबर

सारठ की कुल आबादी 2 लाख 65 हजार 553 है. जिसमें पुरुषों की संख्या 1 लाख 39 हजार 757 है और महिलाओं की संख्या 1 लाख 25 हजार 794 है. सारठ विधानसभा की साक्षरता दर राष्ट्रीय औसत से कम है. इसके बावजूद यहां का सियासी समीकरण बेहद रोमांचक है. इसके पीछे की वजह है जातीय समीकरण.

विधायक से बातचीत करते संवाददाता

भूमिहार जाति के लोगों का है दबदबा
वैसे तो सारठ विधानसभा क्षेत्र में अल्पसंख्यक समेत ज्यादातर अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति वर्ग के लोग रहते हैं, लेकिन यहां उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला भूमिहार जाति के लोग करते हैं. पिछले तीन दशक से इस सीट पर इसी जाति का दबदबा कायम है. झारखंड के 81 विधानसभा सीटों में सारठ सीट देवघर जिले का हिस्सा है. यह दुमका लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में भी आता है.

विपक्ष का दावा भ्रष्टाचार का चरम पार
2005 में हुए विधानसभा चुनाव में यहां से राजद के नेता उदय शंकर ने जीत हासिल की थी. उन्‍होंने झामुमो के नेता शशांक शेखर भोक्‍ता को हराया और विधायक बने. 2009 के चुनाव में झामुमो के शशांक ने पिछली हार का बदला लेते हुए भाजपा के उदय शंकर को हराया. 2014 के चुनाव में झारखंड विकास मोर्चा प्रजातांत्रिक के नेता रणधीर कुमार सिंह ने जीत हासिल की. उन्‍होंने भाजपा के उदय शंकर को हराया. इस चुनाव के बाद यह सीट तब सुर्खियों में आ गई जब झारखंड विकास मोर्चा प्रजातांत्रिके के 6 विधायकों ने पार्टी से बगावत कर भाजपा का दामन थाम लिया. वहीं, विपक्ष और मतदाता मंत्री जी के दावे को सिरे से खारिज करते हैं. विपक्ष का आरोप है कि मंत्री के विकास का दावा महज एक छलावा है और भ्रष्टाचार चरम पार है.

ये भी पढ़ें- MLA अरूप चटर्जी के कार्यकाल में कितना हुआ विकास, जाने क्या है आगे की रणनीति

रिजल्ट होगा बेहद रोमांचक
बहरहाल सारठ की जनता अपने मौजूदा विधायक को लेकर मिली-जुली प्रतिक्रिया देते नजर आए. कुल मिलाकर जनता अपने विधायक रणधीर सिंह को 10 में से 10 नंबर देते नजर आते हैं. ऐसे में चुनाव का वक्त बेहद करीब है और मंत्री महोदय अपने विकास कार्यों के दम पर जीत का दम्भ भरते नजर आ रहे हैं. ऐसे में इस सीट पर जीत हार का नजारा बेहद रोमांचक होने की उम्मीद है.

देवघरः जिला मुख्यालय से 37 किलोमीटर दूर बसा यह इलाका अपने प्राकृतिक सौंदर्य के लिए पर्यटकों के बीच खासा लोकप्रिय है. हाल ही अनुमंडल का दर्जा प्राप्त क्षेत्र मुख्यतः कृषि प्रधान है, लेकिन सारठ विधानसभा के अंतर्गत पड़ने वाले चित्रा इलाके में ईस्टर्न कोलफील्ड यानी ईसीएल की ओपन कोयला खदानों को लेकर काफी महत्वपूर्ण है.

देखें पूरी खबर

सारठ की कुल आबादी 2 लाख 65 हजार 553 है. जिसमें पुरुषों की संख्या 1 लाख 39 हजार 757 है और महिलाओं की संख्या 1 लाख 25 हजार 794 है. सारठ विधानसभा की साक्षरता दर राष्ट्रीय औसत से कम है. इसके बावजूद यहां का सियासी समीकरण बेहद रोमांचक है. इसके पीछे की वजह है जातीय समीकरण.

विधायक से बातचीत करते संवाददाता

भूमिहार जाति के लोगों का है दबदबा
वैसे तो सारठ विधानसभा क्षेत्र में अल्पसंख्यक समेत ज्यादातर अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति वर्ग के लोग रहते हैं, लेकिन यहां उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला भूमिहार जाति के लोग करते हैं. पिछले तीन दशक से इस सीट पर इसी जाति का दबदबा कायम है. झारखंड के 81 विधानसभा सीटों में सारठ सीट देवघर जिले का हिस्सा है. यह दुमका लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में भी आता है.

विपक्ष का दावा भ्रष्टाचार का चरम पार
2005 में हुए विधानसभा चुनाव में यहां से राजद के नेता उदय शंकर ने जीत हासिल की थी. उन्‍होंने झामुमो के नेता शशांक शेखर भोक्‍ता को हराया और विधायक बने. 2009 के चुनाव में झामुमो के शशांक ने पिछली हार का बदला लेते हुए भाजपा के उदय शंकर को हराया. 2014 के चुनाव में झारखंड विकास मोर्चा प्रजातांत्रिक के नेता रणधीर कुमार सिंह ने जीत हासिल की. उन्‍होंने भाजपा के उदय शंकर को हराया. इस चुनाव के बाद यह सीट तब सुर्खियों में आ गई जब झारखंड विकास मोर्चा प्रजातांत्रिके के 6 विधायकों ने पार्टी से बगावत कर भाजपा का दामन थाम लिया. वहीं, विपक्ष और मतदाता मंत्री जी के दावे को सिरे से खारिज करते हैं. विपक्ष का आरोप है कि मंत्री के विकास का दावा महज एक छलावा है और भ्रष्टाचार चरम पार है.

ये भी पढ़ें- MLA अरूप चटर्जी के कार्यकाल में कितना हुआ विकास, जाने क्या है आगे की रणनीति

रिजल्ट होगा बेहद रोमांचक
बहरहाल सारठ की जनता अपने मौजूदा विधायक को लेकर मिली-जुली प्रतिक्रिया देते नजर आए. कुल मिलाकर जनता अपने विधायक रणधीर सिंह को 10 में से 10 नंबर देते नजर आते हैं. ऐसे में चुनाव का वक्त बेहद करीब है और मंत्री महोदय अपने विकास कार्यों के दम पर जीत का दम्भ भरते नजर आ रहे हैं. ऐसे में इस सीट पर जीत हार का नजारा बेहद रोमांचक होने की उम्मीद है.

Intro:देवघर कोन बनेगा 'सारठ का सारथी'?,आइये जानते है सारठ विधायक का रिपोर्ट कार्ड।


Body:एंकर देवघर जिला मुख्यालय से 37 किलोमीटर दूर बसा यह इलाका अपने प्राकृतिक सौंदर्य के लिए पर्यटकों के बीच खासा लोकप्रिय है। हाल ही अनुमंडल का दर्जा प्राप्त क्षेत्र मुख्यतः कृषि प्रधान है लेकिन सारठ विधानसभा के अंतर्गत पड़ने वाले चित्रा इलाके में ईस्टर्न कोलफील्ड यानी ईसीएल की ओपन कोयला खदानों को लेकर काफी महत्वपूर्ण है सारठ की कुल आबादी 2 लाख 65 हजार 5 सौ 53 है। जिसमे पुरुषों की संख्या 1लाख 39 हजार 7 सौ 57 है। और महिलाओं की संख्या 1लाख 25 हजार 7 सौ 94 मतदाता है। ओर सारठ विधानसभा की साक्षरता दर राष्ट्रीय औसत से कम है इसके बावजूद यहां का सियासी समीकरण बेहद रोमांचक है इसके पीछे की वजह है जातीय समीकरण वैसे तो सारठ विधानसभा क्षेत्र में अल्पसंख्यक समेत ज्यादातर अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति वर्ग के लोग रहते हैं लेकिन यहां उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला भूमिहार जाति के लोग करते हैं पिछले तीन दशक से इस सीट पर इसी जाति का दबदबा कायम है। झारखंड के 81 विधानसभा सीटो में सारठ सीट देवघर जिले का हिस्सा है। ओर यह दुमका लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र मैं भी आता है। लेकिन विपक्ष और मतदाता मंत्री जी के दावे को सिरे से खारिज करते हैं विपक्ष का आरोप है कि मंत्री के विकास का दावा महज एक छलावा है और करप्शन चरम पर है।




Conclusion:बहरहाल सारठ की जनता अपने मौजूदा विधायक को लेकर मिली-जुली प्रतिक्रिया देते नजर आए। कुल मिलाकर जनता अपने विधायक रणधीर सिंह को 10 में से 10 नंबर देते नजर आते हैं ऐसे में चुनाव का वक्त बेहद करीब है और मंत्री महोदय अपने विकास कार्यों का दम पर जीत का दम्म भरते नजर आते हैं। ऐसे में इस सीट पर जीत हार का नजारा बेहद रोमांचक होने की उम्मीद है।
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