देवघर: वैश्विक महामारी कोविड 19 को लेकर देश मे लॉकडाउन है. खाद्य सामग्री जैसे जरूरत के अलावे सभी प्रतिष्ठान बंद हो चुके हैं. साथ ही देवघर जैसे धार्मिक नगरी में सभी मांगलिक कार्य बंद है. जिसको लेकर पुरोहित समाज के लोगों की स्थिति दयनीय हो गई है. पुरोहित बताते हैं कि रोहिणी ग्राम में लगभग 150 के करीब पुरोहित परिवार रहते हैं जो आज घर मे बैठकर लॉकडाउन का पालन कर रहे है. वहीं इनलोगों की माने तो इस माह में काफी मांगलिक कार्य होते हैं जैसे नवरात्र, शादी विवाह के लग्न के साथ अक्षय तृतीया.
इन मांगलिक कार्यों के लिए पुरोहित साल भर इंतजार करते हैं जिसके भरोसे अपना और अपने परिवार का जीवन चलाते हैं. लेकिन आज सभी पूजा पाठ बंद कर दिया गया है. इस स्थिति में सभी पुरोहितों के घर की हालत बिल्कुल दयनीय हो चुकी है. वहीं पुरोहित कहते हैं कि श्रमिक के कटेगरी में हमलोगों को भी लाना चाहिए. हमलोगों के पास न तो राशन कार्ड है और न ही कोई सरकारी सुविधा मिलती है.
सरकार से मांग
उन्होंने कहा कि सभी पूजा पाठ भी बंद है. किसी तरह प्रशासन से बच-बचा कर यजमानों के यहां से अनाज और कुछ पैसे इकट्ठा कर अपना जीविकोपार्जन कर रहे हैं, मगर हमलोगों के प्रति न ही सरकार और न ही जिला प्रशासन ध्यान दे रही है. ऐसे में हमलोगों के दयनीय स्थिति होती जा रही है. सरकार और जिला प्रशासन से अपील है कि हम पुरोहित समाज के लोगों के लिए कुछ पहल किया जाए ताकि महीनों से घर मे बैठे अपने परिवार का भरण पोषण हो सके.
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लॉकडाउन 2 की घोषणा के बाद समय अवधि 3 मई तक की निर्धारित की गई है. ऐसे में सभी धार्मिक अनुष्ठानों का पूर्णाहुति दिलाने वाले पुरोहित समाज के बीच संकट की घड़ी खड़ा हो गई है. सभी पूजा पाठ और धार्मिक अनुष्ठान करने वाले पुरिहित समाज यजमानों के भरोसे अपना जीविकोपार्जन करते थे मगर आज सब थम गया है. जिसके बाद पुरोहितो में परिवार के बीच स्थिति दयनीय होती जा रही है. जिसको लेकर पुरोहितों के चेहरे पर मायूसी दिखने लगी है ये लोग अब बस सरकार और जिला प्रशासन की राह ताक रहे हैं.
जिनके पास नहीं है राशन कार्ड उनका क्या?
ईटीवी भारत ने जब पुरोहितो की स्थिति से नगर आयुक्त को इससे अवगत कराया तो इन्होंने उन पुरोहित समाज के लोगों को सरकार के निर्देशानुसार खाद्य सामग्री उपलब्ध कराने की बात कही. जिनके पार राशन कार्ड नहीं है खासकर रोहिणी ग्राम के पुरोहितो को हर संभव सुविधाएं उपलब्ध कराने की बात कही है.
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एक ओर सभी मांगलिक कार्यो पर रोक दूसरी ओर देश मे लॉकडाउन ऐसे में यजमानों के भरोसे जीवीकोपकर्जन करने वाला पुरोहित समाज आज दयनीय स्थिति में है. लेकिन अब उसके पास सरकार और जिला प्रशासन की राह तकने के अलावे कोई चारा नहीं है. अब देखना ये होगा कि इनकी समस्याओं को सुलझाने के लिए जिला प्रशासन कब तक जगती है.