चाईबासा: पश्चिम सिंहभूम जिले के नक्सल प्रभावित क्षेत्र बंदगांव प्रखंड के ग्रामीण अब केसर की खेती करेंगे. इसके लिए कृषक मित्र, मुंडा, मानकी को केसर के खेती के बारे में एक दिवसीय प्रशिक्षण शिविर आयोजित कर प्रशिक्षण दिया गया.
इस प्रशिक्षण शिविर में मुख्य रूप से चक्रधरपुर विधानसभा क्षेत्र के विधायक सुखराम उरांव, जिला उपायुक्त अरवा राजकमल, पुलिस अधीक्षक अजय लिंडा, अनुमंडल पदाधिकारी चक्रधरपुर, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी चक्रधरपुर, तथा मुंडा मानकी और कृषक मित्र मुख्य रूप से उपस्थित रहे.
नक्सली डरा धमकाकर करवाते हैं अफीम की खेती
प्रशिक्षण शिविर में जिला उपायुक्त ने संबोधित करते हुए कहा कि कृषक दो कारणों से अफीम की खेती की तरफ ढकेले जाते हैं. पहला गरीबी और दूसरा गलत जानकारी. इसके साथ ही नक्सलियों के द्वारा गांव के भोले-भाले लोगों को डराकर धमकाकर जबरन अफीम की खेती करवाते हैं. हम उस कड़ी को तोड़कर किसानों को बेहतर रास्ते में लाना चाहते हैं.
केसर की खेती में जिला प्रशासन करेगा सहयोग
जिला उपायुक्त ने कहा कि इस दुनिया में सोने से भी महंगी कीमत में बिकने वाले खाने की कुछ वस्तुएं हैं, जिनकी खेती जंगली क्षेत्रों में बहुत ही आसानी तरीके से की जा सकती है. उनमें से मशरूम, अश्वगंधा और केसर आदि शामिल है. जो बेहतर प्रशिक्षण के साथ यहां के ग्रामीण खेती करके एक बेहतर आमदनी कमा सकते हैं. उन्होंने किसानों से कहा कि केसर की खेती में जो भी सहयोग चाहिए उसके लिए जिला प्रशासन सदैव उनके साथ हैं.
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जिला उपायुक्त अरवा राजकमल ने चक्रधरपुर विधानसभा क्षेत्र के विधायक सुखराम उरांव को इस अनोखी पहल के लिए धन्यवाद देते हुए कहा कि उन्होंने केसर की खेती में अपना योगदान देने के लिए निजी रूप से बढ़-चढ़कर आगे आए हैं. इसके साथ ही साथ उन्होंने केसर की खेती में अपना निधि राशि से सहायता के लिए किसानों को मुफ्त में बीज उपलब्ध कराने की भी बात कही है, जो बेहद सराहनीय कदम है.