चाईबासा: पश्चिम सिंहभूम जिले में विगत दिनों में चाईबासा के मुफस्सिल थाना अंतर्गत बरकेला गांव स्थित वन विभाग कार्यालय, वनरक्षी भवन, सड़क मार्ग पर पुलिस जवानों को उड़ाने और क्षेत्र में पोस्टररबाजी कर दहशत फैलाने वाले भाकपा माओवादी संगठन के सक्रिय दो सदस्यों को सोमापंचों गांव से पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. वहीं, एक नक्सली अंधेरे का फायदा उठाकर भागने में सफल रहा. पुलिस ने इनके पास से मोबाइल, मोटरसाइकिल और कई अहम दस्तावेज बरामद किए हैं.
एक जुलाई से नक्सली बना रहे थे रणनीति
एसपी इंद्रजीत महथा ने बताया कि नक्सली विगत 1 जुलाई से ही पुलिस को नुकसान पहुंचाने की रणनीति बनाई जा रही थी. जिसे लेकर समय-समय पर बरकेला और आसपास के क्षेत्रों में बैठक कर घटना को अंजाम देने की रणनीति बना रहे थे. 12 तारीख की रात बरकेला स्थित वन परिक्षेत्र सहित कार्यालय सरकारी आवास और विश्रामगार में भाकपा माओवादियों के किए गए विस्फोट और 13 जुलाई की रात में लतरशिरका गांव के पास किए गए विस्फोट में शामिल भाकपा माओवादी संगठन के 2 सदस्यों को गिरफ्तार किया गया है. गिरफ्तार किए गए लोगों में जगमोहन सवैया 36 वर्ष और सरजोम बोइपाई 40 वर्ष शामिल है. पुलिस ने इनके पास से दो थैला प्रिंटेड पोस्टर, 46 पीस हस्तलिखित पत्र की फोटो कॉपी, बैंक ऑफ इंडिया का पासबुक, एक आधार कार्ड, दो मोबाइल, एक मोटरसाइकिल, एक साइकिल और दो बैनर बरामद किया है.
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गिरिडीह से आए दो भाकपा माओवादी कमांडर ने दिया घटना को अंजाम
एसपी इंद्रजीत महथा ने बताया कि बरकेला स्थित वन विभाग के कार्यालय, वनरक्षियों के भवनों और सड़क किनारे बम लगाकर उड़ाने की घटना को गिरिडीह से आए भाकपा माओवादी के 2 कमांडरों ने अंजाम दिया है. जिनमें भाकपा माओवादी के बड़े कमांडर अजय महतो और साहेबराम मांझी हैं. उक्त घटना को मिसिर बेसरा के निर्देश पर उनके नक्सली साथियों ने इस घटना को अंजाम दिया है जो उनकी दीर्घकालीन रणनीति थी. गिरफ्तार नक्सली सदस्यों से पूछताछ के क्रम में पुलिस को 55 भाकपा माओवादी सदस्यों की जानकारी मिली है, जिस पर पुलिस अनुसंधान कर रही है.
उन्होंने बताया कि प्रशांत बोस और मिसिर बेसरा के दस्तों के शीर्ष कमांडर हैं, उन्हें सुरक्षा प्रदान करने के लिए और क्षेत्र में विकास योजनाओं को बाधित करने के लिए दीर्घकालीन रणनीति के तहत उन्होंने बरकेला के वन भवनों को उड़ाया था. पुलिस न केवल पूरे क्षेत्र में ऑपरेशन चला रही है, बल्कि बरकेला में पुलिस कैंप भी स्थापित किया गया है.
नक्सलियों ने हाट बाजार में घूम कर की थी रेकी
एसपी ने बताया कि 8 तारीख को भाकपा माओवादी संगठन के सदस्यों ने चार सिलेंडर बम बरकेला में लाकर रख दिए गए थे. साथ ही 11 तारीख शनिवार के दिन बरकेला हाट बाजार में दिन भर घूम कर इन लोगों ने रेकी की थी. जिसके बाद 11 तारीख की रात लगभग 10:00 बजे के आसपास यह लोग और सिलेंडर बम लेकर वहां पर पहुंचे. उसके उन्होंने तांडव मचाया था.
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नक्सलियों ने ग्रामीणों को बताया हम हैं 'बुरू हो'
भाकपा माओवादियों ने भोले-भाले ग्रामीणों को खुद को उनका हमदर्द बताने के लिए गांव में बैठक कर ग्रामीणों को यह विश्वास दिलाया कि भाकपा माओवादी संगठन इनके अपने हैं और वे लोग यहां के रहने वाले हैं. नक्सलियों ने ग्रामीणों को बताया कि वे लोग और कोई नहीं 'बुरू हो' हैं. 'बुरू हो' स्थानीय भाषा में स्थानीय लोगों को कहा जाता है. भाकपा माओवादियों ने गांव वालों को यह विश्वास दिलाया कि वे लोग उनके अपने हैं और वे अन्हें हक और अधिकार दिलाएंगे. जल, जंगल, जमीन और पहाड़ उनकी अपनी संपत्ति है. इसमें किसी का हस्तक्षेप नहीं चलेगा.
आईडी बम लगाकर बैठे रहे थे
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि इनकी गिरफ्तारी से यह भी खुलासा हुआ कि नक्सलियों ने घटना को अंजाम देने के बाद पुलिस को क्षति पहुंचाने के उद्देश्य से जगह जगह बम लगाए थे और दो लोगों को बम से उड़ाने की जिम्मेवारी दी गई थी. 7 दिनों तक नक्सली सदस्यों ने अपने शीर्ष नेताओं के आदेश का पालन करने के लिए आईडी बम लगाकर बैठे रहे थे. पर पुलिस के जवान अपने एसओपी का पालन करते रहे और नक्सलियों की मंशा पर पानी फिर गया.
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शोक सभा कर नक्सलियों ने दी थी श्रद्धाजंलि
सूत्रों की मानें तो घटना से कुछ दिन पहले भाकपा माओवादियों ने गांव में एक बड़ी शोक सभा की थी. जिससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि भाकपा माओवादी के किसी शीर्ष नेता की मौत आईडी बम लगाने के दौरान हो गई थी. फिलहाल, पुलिस इस बात की पुष्टि नहीं कर रही है कि वह शीर्ष नेता कौन था. पकड़े गए नक्सलियों को भी इसकी जानकारी नहीं दी थी. गिरफ्तार नक्सली संगठन के सदस्यों के पास से बरामद की गई मोबाइल को पुलिस बड़ी उपलब्धि मान रही है. उनके मोबाइल से कई राज भी खुलेंगे.