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चाईबासा: नक्सलियों ने सरकार की नई शिक्षा नीति का किया विरोध, लगाया बैनर

पश्चिम सिंहभूम में प्रतिबंधित भाकपा माओवादी संगठन ने सरकार के विरोध में बैनर लगाया है. बैनर में केंद्र सरकार के शिक्षा नीति का घोर विरोध किया गया है. इसका बहिष्कार करने का आह्वान किया गया है.

Naxalites oppose new education policy
नक्सलियों का बैनर
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Published : Sep 17, 2020, 8:32 AM IST

चाईबासा: पश्चिम सिंहभूम जिले के चक्रधरपुर प्रखंड के गुड़ासाईं गांव में अवस्थित तोयबा पुल में बुधवार की शाम प्रतिबंधित भाकपा माओवादी संगठन ने दो अलग-अलग लाल बैनर लगाए गए. इसमें केंद्र सरकार की नई शिक्षा नीति का खुलेआम विरोध किया गया.

बैनर में केंद्र सरकार के शिक्षा नीति का घोर विरोध किया गया है. इसका बहिष्कार करने का आह्वान किया गया है. बैनर हो भाषा में लिखा गया है. नक्सलियों ने लिखा है कि नई शिक्षा नीति नई बोतल में पुरानी शराब की तरह बनी है और सबों के लिए रोजगार उपलब्ध कराने की नीति के लिए आंदोलन करें. वहीं, दूसरे बैनर में नक्सलवादी की आग से दुश्मनों के मिशन 'समाधान' को जलाएंगे लिखा गया है.

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बता दें कि चक्रधरपुर प्रखंड का गुड़ासाई गांव पूरी तरह ग्रामीण क्षेत्र में बसा है. इसलिए इस बैनर की सूचना देर रात तक पुलिस को नहीं हो सकी थी. जिस कारण पुलिस के द्वारा बैनर नहीं हटाया जा सका. झारखंड विधानसभा का सत्र शुरू होने से पहले नई शिक्षा नीति का प्रतिबंधित नक्सली संगठनों द्वारा विरोध किया जाना एक दूरगामी संकेत माना जा रहा है.

चाईबासा: पश्चिम सिंहभूम जिले के चक्रधरपुर प्रखंड के गुड़ासाईं गांव में अवस्थित तोयबा पुल में बुधवार की शाम प्रतिबंधित भाकपा माओवादी संगठन ने दो अलग-अलग लाल बैनर लगाए गए. इसमें केंद्र सरकार की नई शिक्षा नीति का खुलेआम विरोध किया गया.

बैनर में केंद्र सरकार के शिक्षा नीति का घोर विरोध किया गया है. इसका बहिष्कार करने का आह्वान किया गया है. बैनर हो भाषा में लिखा गया है. नक्सलियों ने लिखा है कि नई शिक्षा नीति नई बोतल में पुरानी शराब की तरह बनी है और सबों के लिए रोजगार उपलब्ध कराने की नीति के लिए आंदोलन करें. वहीं, दूसरे बैनर में नक्सलवादी की आग से दुश्मनों के मिशन 'समाधान' को जलाएंगे लिखा गया है.

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बता दें कि चक्रधरपुर प्रखंड का गुड़ासाई गांव पूरी तरह ग्रामीण क्षेत्र में बसा है. इसलिए इस बैनर की सूचना देर रात तक पुलिस को नहीं हो सकी थी. जिस कारण पुलिस के द्वारा बैनर नहीं हटाया जा सका. झारखंड विधानसभा का सत्र शुरू होने से पहले नई शिक्षा नीति का प्रतिबंधित नक्सली संगठनों द्वारा विरोध किया जाना एक दूरगामी संकेत माना जा रहा है.

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