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वनरक्षियों ने बताया नक्सलियों के तांडव की वजह, कहा- दो दिनों में जगह खाली करने की दी है धमकी

कोल्हान वन प्रमंडल चाईबासा के अंतर्गत सायतवा प्रक्षेत्र के बरकेला में वनरक्षी आवासों को नक्सलियों ने बम से उड़ा दिया. वहीं भवन क्षेत्र में रखी हुई है चार पहिए वाहन, बाइक और स्कूटी को भी नक्सलियों ने आग के हवाले कर दिया है. इस दौरान नक्सलियों ने वनरक्षियों को उनके आवास से निकाल कर पिटाई कर दी.

Naxalites bombed forest guard houses
नक्सलियों का तांडव
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Published : Jul 12, 2020, 1:56 PM IST

चाईबासा: पश्चिम सिंहभूम जिला मुख्यालय चाईबासा से सटे बरकेला क्षेत्र में नक्सलियों ने शनिवार की रात जमकर उत्पात मचाया. कोल्हान वन प्रमंडल चाईबासा के अंतर्गत सायतवा प्रक्षेत्र के बरकेला में वनरक्षी आवासों को नक्सलियों ने बम से उड़ा दिया. वहीं भवन क्षेत्र में रखी हुई है चारपहिए वाहन, बाइक और स्कूटी को भी आग के हवाले कर दिया है. घटना शनिवार रात 10.30 की बताई जा रही है. इस दौरान नक्सलियों ने वनरक्षियों को उनके आवास से निकल कर पिटाई कर दी. वहीं एक महिला वनरक्षी को पीट-पीटकर कान से खून भी निकाल दिया.

देखें पूरी खबर
वनरक्षियों ने बताया कि शनिवार की 10.30 बजे 8 से अधिक की संख्या में नक्सलियों का एक दस्ता वनरक्षी आवास क्षेत्र में आ घुसा और तोड़-फोड़ शुरू कर दी. इसके साथ ही वनरक्षियों को उनके आवास से निकाल कर उनके हाथ रस्सियों से बांध दिए. उसके बाद बगल स्थित पंचायत भवन में ले गए. जहां उनकी लाठी-डंडे से पिटाई कर दी. लगभग सभी वनरक्षियों के शरीर पर जख्म के निशान हैं. वनरक्षियों ने बताया कि नक्सलियों ने उनकी पिटाई के बाद कार्यालय में रखे सभी दस्तावेजों और टेबल-कुर्सियों को भी आग के हवाले कर दिया. कार्यालय परिसर में रखे गए 2 छोटा हाथी, 1 बोलेरो कैंपर, 1 पुरानी कार, 2 मोटरसाइकिल और 1 स्कूटी को भी आग के हवाले कर दिया. वनरक्षियों के आवासों में केन बम लगाकर उड़ा दिया. वनरक्षियों ने बताया कि नक्सलियों ने वन क्षेत्र से ग्रामीणों के द्वारा लकड़ी, बालू और अन्य उत्पादों को ले जाने के क्रम में वन विभाग के कर्मचारियों के द्वारा उन्हें परेशान किया जाता है. साथ ही उन पर मामले दर्ज किए जाते हैं. जिस कारण नक्सलियों के द्वारा इस घटना को अंजाम दिया गया है. महिला वनरक्षी ने बताया कि शनिवार की देर रात उन्होंने परिसर में शोर-गुल सुना तो अपने कमरे की खिड़की से उन्होंने झांक कर देखा तो भारी संख्या में पुरुष और महिलाएं परिसर में खड़ी थी. उन्होंने अपने अधिकारियों को फोन लगाने का प्रयास किया. लेकिन फोन नहीं लगा, कुछ देर बाद अपने सह कर्मी को उन्होंने फोन लगया और जानकारी दी. तब तक नक्सली उनके दरवाजे पीटने लगे और उनके दरवाजे को तोड़ कर अंदर घुस गए और महिला वनरक्षी को निकाल कर ले गए. उसके बाद उसकी हाथ से पिटाई कर दी, जिससे उनके कनपट्टी से खून निकलने लगा.

ये भी पढ़ें- देवघर बाबा मंदिर में सुरक्षा व्यवस्था में कटौती के आदेश, मेले का आयोजन नहीं होना वजह


नक्सलियों ने वनरक्षियों के द्वारा ग्रामीणों को परेशान करने का आरोप लगा कर पिटाई की और दो दिन के अंदर यह जगह खाली करने की धमकी भी दी है. साथ ही नक्सलियों को पुलिस के द्वारा पिकेट बनाने की तैयारी को लेकर भी आक्रोश है जिसे लेकर नक्सलियों ने इस घटना को अंजाम दिया है. साथ ही नक्सलियों ने कई जगह पोस्टर चिपकाकर जंगल क्षेत्र में जनता को बेदखल कर स्थापित किए गए फॉरेस्ट रेंज ऑफिस को हटाया जाने, जल जंगल और पहाड़ पर जनता का अधिकार है, यदि इस पर कोई कब्जा करता है तो दीर्घ कालीन युद्ध भी चलेने की बात लिखी है.

पोस्टर को लगाकर नक्सलियों ने अपनी मौजूदगी कराया. क्षेत्र में पहले भी नक्सलियों ने ब्लास्ट कर वन विभाग की संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया गया था. सूत्रों के अनुसार कुछ दिनों पहले इस क्षेत्र में आईडी ब्लास्ट होने की वजह से इनके एक नक्सली साथी की मौत हो गई थी. जिसका बदला लेने के लिए भाकपा माओवादियों ने इस तरह की घटना को अंजाम दिया है, बरकेला और कूईड़ा जैसे क्षेत्रों में नक्सली आए दिन अपनी मौजूदगी का एहसास इस तरह की घटनाओं को अंजाम देकर कराते रहते हैं.

चाईबासा: पश्चिम सिंहभूम जिला मुख्यालय चाईबासा से सटे बरकेला क्षेत्र में नक्सलियों ने शनिवार की रात जमकर उत्पात मचाया. कोल्हान वन प्रमंडल चाईबासा के अंतर्गत सायतवा प्रक्षेत्र के बरकेला में वनरक्षी आवासों को नक्सलियों ने बम से उड़ा दिया. वहीं भवन क्षेत्र में रखी हुई है चारपहिए वाहन, बाइक और स्कूटी को भी आग के हवाले कर दिया है. घटना शनिवार रात 10.30 की बताई जा रही है. इस दौरान नक्सलियों ने वनरक्षियों को उनके आवास से निकल कर पिटाई कर दी. वहीं एक महिला वनरक्षी को पीट-पीटकर कान से खून भी निकाल दिया.

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वनरक्षियों ने बताया कि शनिवार की 10.30 बजे 8 से अधिक की संख्या में नक्सलियों का एक दस्ता वनरक्षी आवास क्षेत्र में आ घुसा और तोड़-फोड़ शुरू कर दी. इसके साथ ही वनरक्षियों को उनके आवास से निकाल कर उनके हाथ रस्सियों से बांध दिए. उसके बाद बगल स्थित पंचायत भवन में ले गए. जहां उनकी लाठी-डंडे से पिटाई कर दी. लगभग सभी वनरक्षियों के शरीर पर जख्म के निशान हैं. वनरक्षियों ने बताया कि नक्सलियों ने उनकी पिटाई के बाद कार्यालय में रखे सभी दस्तावेजों और टेबल-कुर्सियों को भी आग के हवाले कर दिया. कार्यालय परिसर में रखे गए 2 छोटा हाथी, 1 बोलेरो कैंपर, 1 पुरानी कार, 2 मोटरसाइकिल और 1 स्कूटी को भी आग के हवाले कर दिया. वनरक्षियों के आवासों में केन बम लगाकर उड़ा दिया. वनरक्षियों ने बताया कि नक्सलियों ने वन क्षेत्र से ग्रामीणों के द्वारा लकड़ी, बालू और अन्य उत्पादों को ले जाने के क्रम में वन विभाग के कर्मचारियों के द्वारा उन्हें परेशान किया जाता है. साथ ही उन पर मामले दर्ज किए जाते हैं. जिस कारण नक्सलियों के द्वारा इस घटना को अंजाम दिया गया है. महिला वनरक्षी ने बताया कि शनिवार की देर रात उन्होंने परिसर में शोर-गुल सुना तो अपने कमरे की खिड़की से उन्होंने झांक कर देखा तो भारी संख्या में पुरुष और महिलाएं परिसर में खड़ी थी. उन्होंने अपने अधिकारियों को फोन लगाने का प्रयास किया. लेकिन फोन नहीं लगा, कुछ देर बाद अपने सह कर्मी को उन्होंने फोन लगया और जानकारी दी. तब तक नक्सली उनके दरवाजे पीटने लगे और उनके दरवाजे को तोड़ कर अंदर घुस गए और महिला वनरक्षी को निकाल कर ले गए. उसके बाद उसकी हाथ से पिटाई कर दी, जिससे उनके कनपट्टी से खून निकलने लगा.

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नक्सलियों ने वनरक्षियों के द्वारा ग्रामीणों को परेशान करने का आरोप लगा कर पिटाई की और दो दिन के अंदर यह जगह खाली करने की धमकी भी दी है. साथ ही नक्सलियों को पुलिस के द्वारा पिकेट बनाने की तैयारी को लेकर भी आक्रोश है जिसे लेकर नक्सलियों ने इस घटना को अंजाम दिया है. साथ ही नक्सलियों ने कई जगह पोस्टर चिपकाकर जंगल क्षेत्र में जनता को बेदखल कर स्थापित किए गए फॉरेस्ट रेंज ऑफिस को हटाया जाने, जल जंगल और पहाड़ पर जनता का अधिकार है, यदि इस पर कोई कब्जा करता है तो दीर्घ कालीन युद्ध भी चलेने की बात लिखी है.

पोस्टर को लगाकर नक्सलियों ने अपनी मौजूदगी कराया. क्षेत्र में पहले भी नक्सलियों ने ब्लास्ट कर वन विभाग की संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया गया था. सूत्रों के अनुसार कुछ दिनों पहले इस क्षेत्र में आईडी ब्लास्ट होने की वजह से इनके एक नक्सली साथी की मौत हो गई थी. जिसका बदला लेने के लिए भाकपा माओवादियों ने इस तरह की घटना को अंजाम दिया है, बरकेला और कूईड़ा जैसे क्षेत्रों में नक्सली आए दिन अपनी मौजूदगी का एहसास इस तरह की घटनाओं को अंजाम देकर कराते रहते हैं.

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