चाईबासा: देश के विभिन्न राज्यों से लौटे लगभग 6,000 प्रवासी मजदूरों को मनरेगा जॉब कार्ड उपलब्ध करवाया गया है. इसके साथ ही जिला प्रशासन ने जिले में मनरेगा के तहत संचालित कार्यों में प्रतिदिन 30 हजार के संख्या में मजदूरों को रोजगार उपलब्ध करवा रही है.
जिला उपायुक्त अरवा राजकमल ने जिलावासियों से अपील की है कि रोजगार को इच्छुक वापस लौटे श्रमिक बंधुओं से अनुरोध है कि आप अपने प्रखंड विकास पदाधिकारी, मुखिया, पंचायत सेवक, रोजगार सेवक से संपर्क कर अपना जॉब कार्ड प्राप्त करें और यदि आपके पास पूर्व से जॉब कार्ड है तो आप रोजगार की मांग करें. यथासंभव आपके नजदीकी क्षेत्र में चल रहे योजनाओं में आप को रोजगार उपलब्ध करवाया जाएगा.
जिला अंतर्गत पूर्व से बागवानी कार्य के तहत फलदार वृक्ष लगाए हुए हैं. वैसे किसानों के लिए जिला सहकारिता पदाधिकारी से वार्ता करते हुए उन्हें भी एक बेहतर बाजार उपलब्ध करवाने की व्यवस्था उप विकास आयुक्त एवं उनकी टीम के द्वारा किया जा रहा है.
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पश्चिमी सिंहभूम जिला उपायुक्त अरवा राजकमल ने मनरेगा के तहत संचालित कार्यों के बारे में जानकारी देते हुए बताया गया कि झारखंड राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के मार्गदर्शन में मनरेगा कार्यों में काफी तेजी आया है, जिसमें विशेषकर 3 योजनाएं जो राज्य के मुख्यमंत्री के द्वारा लोकार्पित की गई है उसमें विशेष रुप से विरसा हरित ग्राम योजना के तहत जिले में 4,000 एकड़ में फलदार वृक्ष लगाने के लिए योजना का चयन किया गया है. उसमें 3,840 एकड़ में कार्य प्रारंभ किया जा चुका है और शेष अन्य जगहों पर भी जल्द ही कार्य प्रारंभ किए जाएंगे.
उपायुक्त के द्वारा जानकारी दी गई कि मनरेगा कार्य के अंदर ही नीलांबर-पितांबर जल समृद्धि योजना के तहत जिले में जितने भी कैनाल एवं नाला, ट्रैंच -सह- बण्ड, सोकपिट आदि बनाने के संबंध में भी काफी अच्छा प्रगति हुआ है और 1,100 से अधिक योजना का चयन इस श्रेणी में भी किया गया है. उन्होंने बताया कि वीर शहीद "पोटो हो" खेल विकास योजना के संबंध में भी जिले अंतर्गत 250 खेल मैदान विकसित करने के लिए क्षेत्र चयनित किए गए हैं, जिसमें 17 स्थानों पर कार्य प्रारंभ हो गया है और भविष्य दिनों में उम्मीद रहेगा कि जिला अंतर्गत सभी पंचायतों में कम से कम एक या दो योजनाओं पर कार्य प्रारंभ किया जा सके.
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उपायुक्त ने बताया कि जिला प्रशासन का मुख्य उद्देश्य है कि कोरोना संकट काल के समय जितने भी श्रमिक भाई-बहन दूसरे राज्य से इस जिले में आए हैं उन सभी को उनके क्वॉरेंटाइन अवधि समाप्त होने के उपरांत उनके लिए एक बेहतर रोजगार की व्यवस्था किया जाए. अभी वर्तमान में जिले में लौटे कुल श्रमिक बंधुओं में से कार्य करने को इच्छुक 6 हजार व्यक्तियों को मनरेगा जॉब कार्ड उपलब्ध करवाया गया है.
उपायुक्त के द्वारा वापस लौटे श्रमिक बंधुओं में से कार्य करने को इच्छुक सभी व्यक्तियों से अनुरोध करते हुए कहा गया कि आप अपने संबंधित प्रखंड विकास पदाधिकारी, मुखिया, पंचायत सेवक, रोजगार सेवक से संपर्क करें ताकि आपको जल्द से जल्द आपको जॉब कार्ड मिल सके यदि आपके पास पूर्व से जॉब कार्ड प्राप्त है तो संबंधित व्यक्ति से रोजगार की मांग करें, आपको आपके नजदीकी क्षेत्र में संचालित योजनाओं में रोजगार उपलब्ध करवाया जाएगा.
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उपायुक्त ने कहा कि जिले में सिर्फ फलदार वृक्ष को लगाना ही नहीं अपितु पूर्व में भी जो किसान भाई बागवानी कार्य करते हुए फलदार वृक्ष लगाएं हुए हैं उनके लिए भी जिला सहकारिता पदाधिकारी से बात करते हुए उनको भी एक बेहतर बाजार उपलब्ध करवाने के लिए व्यवस्था जिले के उप विकास आयुक्त आदित्य रंजन एवं उनकी टीम के द्वारा किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि मैं उम्मीद करूंगा की पर्याप्त संख्या में हमलोग योजनाओं का चयन किए हुए हैं और श्रमिक भाइयों-बहनों से अच्छा सहयोग मिल रहा है और इस जिला के संदर्भ में देखेंगे तो जितने भी कार्य प्रतिदिन हो रहे हैं. उनमें लगभग 30 हजार श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध करवाया जा रहा है. जिला प्रशासन का यह प्रयास होगा कि इसे बढ़ाकर 40 हजार के लक्ष्य को प्राप्त किया जाए.
उपायुक्त के द्वारा बताया गया कि और भी जितने भी मजदूर भाई-बहन छूटे हुए हैं और इस संबंध में सूचना जिला मुख्यालय को देना चाहते हैं तो जिला कंट्रोल रूम नंबर 1950 पर सूचना दें. सूचना प्राप्त होते ही आपको आपके संबंधित प्रखंड विकास पदाधिकारी के साथ टैग करते हुए आप को रोजगार उपलब्ध करवाया जा सके और यह उम्मीद भी रहेगा की इन सभी योजनाओं से गांव के विकास की गति बढ़ेगी और सभी मजदूर भाई-बहन को रोजगार मिलेगा.