चाईबासाः शहर के हरिगुटु स्थित आदिवासी हो समाज महासभा भवन में शिक्षक-शिक्षिकाओं ने मागे सनागोम कार्यक्रम का आयोजन किया. इस कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि चाईबासा विधयाक दीपक बिरूआ उपस्थित रहे. मौके पर शिक्षक-शिक्षिकाओं ने कोल्हान प्रमंडल में मागे पर्व को लेकर 2 दिन के सरकारी अवकाश को लेकर चर्चा की.
इस दौरान विधायक दीपक बिरूआ ने कहा कि कोल्हान प्रमंडल में मागे पर्व के लिए 2 दिन सरकारी अवकाश हो. इसे लेकर वे राज्य सरकार के समक्ष मांग रखेंगे. उन्होंने कहा कि कोल्हान आदिवासी बहुल क्षेत्र है. ऐसे में हो आदिवासियों के सबसे बड़े मागे पर्व के लिए 2 दिनों का सरकारी अवकाश होना चाहिए. उन्होंने शिक्षक-शिक्षिकाओं से बच्चों को हो आदिवासी संस्कृति की जानकारी देने की अपील की. उन्होंने कहा कि हमारी संस्कृति और हमारा आदिवासी धर्म गौरवशाली है, शुद्ध और पवित्र है. लिहाजा हमें अपने रीति रिवाज को सहेज कर रखने की आवश्यकता है.
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धर्मकोड की करेंगे मांग
दीपक बिरूआ ने कहा कि यदि वे जनजातीय परामर्शदातृ परिषद के सदस्य बनते हैं तो वह आदिवासियों के लिए जनगणना प्रपत्र में अलग धर्मकोड की दिशा में काम करेंगे. उन्होंने कहा कि देश के 8 राज्यों में टीएसी के वजूद कायम है, यह संवैधानिक संस्था है, जो हम आदिवासियों के हित में काम करती है. आदिवासियों के हितों के खिलाफ कोई नीति नियम न बने, इसका ख्याल यही टीएसी रखती है.
उन्होंने विश्वास दिलाते हुए कहा कि यदि मैं टीएसी का सदस्य बनता हूं तो देश के अन्य राज्यों के टीएसी सदस्यों के साथ मिलकर अलग धर्मकोड की मांग राष्ट्रपति से करूंगा. इसके लिए उनसे मुलाकात भी की जाएगी. इसके साथ ही टीएसी वाले राज्यों के राज्यपालों को भी ज्ञापन दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि जनगणना में आदिवासियों के लिए अलग धर्म कोड होना ही चाहिए.