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JMM से गठबंधन के बाद नाराज कांग्रेस कार्यकर्ता, जिला कमेटी ने दिया सामूहिक इस्तीफा

झारखंड विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का जेएमएम के साथ गठबंधन करने के फैसले से पश्चिम सिंहभूम जिला कमेटी नाराज है. उन्होंने अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए जिला कार्यकारिणी समिति ने सामूहिक रुप से इस्तीफा दे दिया है.

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Published : Nov 9, 2019, 11:22 PM IST

Updated : Nov 10, 2019, 8:32 PM IST

कांग्रेस के बागी कार्यकर्ता

चाईबासा: जैसे-जैसे नामांकन की तारीख नजदीक आती जा रही है वैसे-वैसे नेताओं के पाला बदलने का सिलसिला बढ़ता ही जा रहा है. इसका सबसे बड़ा नुकसान कांग्रेस को उठाना पड़ रहा है. कांग्रेस की वर्तमान जिला कार्यकारिणी समिति ने सामूहिक रुप से इस्तीफा दे दिया है.

देखें पूरी खबर

चुनाव नहीं लड़ पाने का मलाल
पश्चिम सिंहभूम कांग्रेस पार्टी की पूरी जिला कमेटी ने कांग्रेस पार्टी से अपना इस्तीफा दे दिया है. जेएमएम के साथ गठबंधन की स्थिति में चुनाव नहीं लड़ पाने का मलाल कांग्रेसियों में साफ दिख रहा है. जेएमएम के साथ गठबंधन की स्थिति में चुनाव नहीं लड़ पाने के कारण कांग्रेस कार्यकर्ताओं की बैठक शनिवार को जिला अध्यक्ष सन्नी सिंकु के नेतृत्व में कांग्रेस भवन में हुई. जिसमें पूर्व सांसद चित्रसेन सिंकू, दुर्गा प्रसाद जामुदा, पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष देवेंद्रनाथ चंपिया, राहुल आदित्य सहित कांग्रेस के तमाम बड़े नेता और कार्यकर्ता थे. इस बैठक में सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया कि जेएमएम से गठबंधन होने की स्थिति में कांग्रेस को सिर्फ एकमात्र जगन्नाथपुर विधानसभा सीट मिली है. जबकि इससे पूर्व लोकसभा चुनाव में जेएमएम की तरफ से सहयोग नहीं करने की स्थिति में भी सिंहभूम से कांग्रेस प्रत्याशी गीता कोड़ा भारी मतों से चुनाव जीतकर सांसद बनीं.

ये भी पढ़ें- झारखंड विधानसभा चुनाव 2019: CEC की बैठक खत्म, प्रभारी-सह प्रभारी बोले जल्द आएगी उम्मीदवारों की पहली लिस्ट

दोस्ताना संघर्ष का दिया था प्रस्ताव
पहले भी पार्टी आलाकमान और प्रदेश नेतृत्व को गठबंधन नहीं कर अकेले चुनाव लड़ने और सिंहभूम के पांच विधानसभा सीटों में चुनाव लड़ने की जनभावना से अवगत कराया गया था. गठबंधन की स्थिति में दोस्ताना संघर्ष का भी प्रस्ताव दिया गया था, मगर जेएमएम और कांग्रेस के गठबंधन में उनकी मांगों को खारिज कर दिया गया और एकमात्र जगन्नाथपुर सीट कांग्रेस को दी गई है. कांग्रेसियों का कहना था कि 5 वर्षों तक कांग्रेस का झंडा ढोने, जन समस्याओं को लेकर आंदोलन और संगठन को मजबूत बनाने का कार्य हुआ. लेकिन पार्टी जब चुनाव नहीं लड़ सकती तो इस पार्टी में रह कर क्या फायदा. सभी ने अपना हस्ताक्षर युक्त इस्तीफा पत्र प्रदेश अध्यक्ष रामेश्वर उरांव और कांग्रेस आलाकमान को भेज दिया है.

चाईबासा: जैसे-जैसे नामांकन की तारीख नजदीक आती जा रही है वैसे-वैसे नेताओं के पाला बदलने का सिलसिला बढ़ता ही जा रहा है. इसका सबसे बड़ा नुकसान कांग्रेस को उठाना पड़ रहा है. कांग्रेस की वर्तमान जिला कार्यकारिणी समिति ने सामूहिक रुप से इस्तीफा दे दिया है.

देखें पूरी खबर

चुनाव नहीं लड़ पाने का मलाल
पश्चिम सिंहभूम कांग्रेस पार्टी की पूरी जिला कमेटी ने कांग्रेस पार्टी से अपना इस्तीफा दे दिया है. जेएमएम के साथ गठबंधन की स्थिति में चुनाव नहीं लड़ पाने का मलाल कांग्रेसियों में साफ दिख रहा है. जेएमएम के साथ गठबंधन की स्थिति में चुनाव नहीं लड़ पाने के कारण कांग्रेस कार्यकर्ताओं की बैठक शनिवार को जिला अध्यक्ष सन्नी सिंकु के नेतृत्व में कांग्रेस भवन में हुई. जिसमें पूर्व सांसद चित्रसेन सिंकू, दुर्गा प्रसाद जामुदा, पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष देवेंद्रनाथ चंपिया, राहुल आदित्य सहित कांग्रेस के तमाम बड़े नेता और कार्यकर्ता थे. इस बैठक में सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया कि जेएमएम से गठबंधन होने की स्थिति में कांग्रेस को सिर्फ एकमात्र जगन्नाथपुर विधानसभा सीट मिली है. जबकि इससे पूर्व लोकसभा चुनाव में जेएमएम की तरफ से सहयोग नहीं करने की स्थिति में भी सिंहभूम से कांग्रेस प्रत्याशी गीता कोड़ा भारी मतों से चुनाव जीतकर सांसद बनीं.

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दोस्ताना संघर्ष का दिया था प्रस्ताव
पहले भी पार्टी आलाकमान और प्रदेश नेतृत्व को गठबंधन नहीं कर अकेले चुनाव लड़ने और सिंहभूम के पांच विधानसभा सीटों में चुनाव लड़ने की जनभावना से अवगत कराया गया था. गठबंधन की स्थिति में दोस्ताना संघर्ष का भी प्रस्ताव दिया गया था, मगर जेएमएम और कांग्रेस के गठबंधन में उनकी मांगों को खारिज कर दिया गया और एकमात्र जगन्नाथपुर सीट कांग्रेस को दी गई है. कांग्रेसियों का कहना था कि 5 वर्षों तक कांग्रेस का झंडा ढोने, जन समस्याओं को लेकर आंदोलन और संगठन को मजबूत बनाने का कार्य हुआ. लेकिन पार्टी जब चुनाव नहीं लड़ सकती तो इस पार्टी में रह कर क्या फायदा. सभी ने अपना हस्ताक्षर युक्त इस्तीफा पत्र प्रदेश अध्यक्ष रामेश्वर उरांव और कांग्रेस आलाकमान को भेज दिया है.

Intro:चाईबासा: जैसे जैसे नामांकन की तिथि नजदीक आती जा रही है वैसे वैसे राजनीक नेताओं का पाला बदलने का खेल बढ़ते जा रहा है। नेताओं के उछलकूद से सबसे बड़ा नुकसान महागठबंधन का सबसे बड़ा धड़ कहलाने वाला कांग्रेस को उठाना पड़ रहा है। जो निकट भविष्य में पाटना असंभव तो नही, बल्की आसान भी नहीं होगा। कांग्रेस की वर्तमान जिला कार्यकारीणी समिति ने सामुहिक रुप से कांग्रेस से इस्तीफा देकर बाय बाय कह दिया है।Body:पश्चिम सिंहभूम कांग्रेस पार्टी की पूरी जिला कमेटी ने कांग्रेस पार्टी से अपना इस्तीफा दे दिया है। झामुमो के साथ गठबंधन की स्थिति में चुनाव नहीं लड़ पाने का मलाल कांग्रेसियों में साफ दिख रहा है । झामुमो के साथ गठबंधन की स्थिति में चुनाव नहीं लड़ पाने के कारण कांग्रेसियों बैठक आज जिला अध्यक्ष सन्नी सिकु  के नेतृत्व में कांग्रेस भवन में हुई। जिसमें पूर्व सांसद चित्रसेन सिंकू ,  दुर्गा प्रसाद जामुदा, पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष देवेंद्रनाथ चंपिया, राहुल आदित्य सहित कांग्रेस के तमाम बड़े नेता कार्यकर्ता पूरी जिला कमेटी उपस्थित थी। जिसमें सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि झामुमो से गठबंधन होने की स्थिति में कांग्रेस को सिर्फ एकमात्र जगन्नाथपुर विधानसभा सीट मिली है। जबकि इससे पूर्व लोकसभा चुनाव में झामुमो द्वारा सहयोग नहीं करने की स्थिति में भी सिंहभूम से कांग्रेस प्रत्याशी गीता कोडा भारी मतों से चुनाव जीती और सांसद बनी। जिले में कांग्रेस पार्टी मजबूत हुई है। पूर्व में ही पार्टी आलाकमान को और प्रदेश नेतृत्व को गठबंधन नहीं कर अकेले चुनाव लड़ने और सिंहभूम के पांचो विधानसभा में चुनाव लड़ने के जन भावना से अवगत कराया गया था। गठबंधन की स्थिति में दोस्ताना संघर्ष का भी प्रस्ताव दिया गया था, मगर झामुमो और कांग्रेस के गठबंधन में उनकी मांगों को खारिज कर दिया गया और एकमात्र जगन्नाथपुर सीट कांग्रेस को दी गई है । कांग्रेसियो का कहना था कि 5 वर्षों तक कांग्रेस का झंडा ढोने, जन समस्याओं को लेकर आंदोलन और संगठन को मजबूत बनाने का कार्य हुआ, लेकिन पार्टी जब चुनाव नहीं लड़ सकते और जब हम चुनाव नहीं लड़ सकते तो इस पार्टी में रह कर क्या फायदा पूरी जिला कमेटी और पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने कांग्रेस पार्टी से अपना इस्तीफा दे दिया। सभी ने अपना हस्ताक्षर युक्त इस्तीफा का पत्र प्रदेश अध्यक्ष रामेश्वर उरांव और कांग्रेस आलाकमान को भेज दिया है अब देखना है कि पार्टी इस पर क्या निर्णय लेती है। मगर पूरे कांग्रेस पार्टी संगठन के नेताओं द्वारा पार्टी से इस्तीफा दे दिए जाने के कारण अजीबोगरीब स्थिति उत्पन्न हो गई है। कांग्रेस कार्यकर्ताओं की माने तो कांग्रेस पार्टी और उनके नेता चुनाव नहीं लड़ेंगे तो संगठन रसातल पर चला जाएगा। अब देखना है कि पूरे जिला कमेटी और वरिष्ठ नेताओं का इस्तीफा प्रदेश नेतृत्व और आलाकमान स्वीकार करता है या नहीं। हालांकि इस्तीफा देने वाले जिला अध्यक्ष व अन्य कांग्रेसियों ने यह नहीं बताया कि उनका आगे का कार्यक्रम क्या होगा और वह किस पार्टी में जाएंगे। हलाकि इस्तीफा देने के बाद कांग्रेस पार्टी में अजीबोगरीब स्थिति उत्पन्न हो गई है।Conclusion:
Last Updated : Nov 10, 2019, 8:32 PM IST
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