चाईबासा: जैसे-जैसे नामांकन की तारीख नजदीक आती जा रही है वैसे-वैसे नेताओं के पाला बदलने का सिलसिला बढ़ता ही जा रहा है. इसका सबसे बड़ा नुकसान कांग्रेस को उठाना पड़ रहा है. कांग्रेस की वर्तमान जिला कार्यकारिणी समिति ने सामूहिक रुप से इस्तीफा दे दिया है.
चुनाव नहीं लड़ पाने का मलाल
पश्चिम सिंहभूम कांग्रेस पार्टी की पूरी जिला कमेटी ने कांग्रेस पार्टी से अपना इस्तीफा दे दिया है. जेएमएम के साथ गठबंधन की स्थिति में चुनाव नहीं लड़ पाने का मलाल कांग्रेसियों में साफ दिख रहा है. जेएमएम के साथ गठबंधन की स्थिति में चुनाव नहीं लड़ पाने के कारण कांग्रेस कार्यकर्ताओं की बैठक शनिवार को जिला अध्यक्ष सन्नी सिंकु के नेतृत्व में कांग्रेस भवन में हुई. जिसमें पूर्व सांसद चित्रसेन सिंकू, दुर्गा प्रसाद जामुदा, पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष देवेंद्रनाथ चंपिया, राहुल आदित्य सहित कांग्रेस के तमाम बड़े नेता और कार्यकर्ता थे. इस बैठक में सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया कि जेएमएम से गठबंधन होने की स्थिति में कांग्रेस को सिर्फ एकमात्र जगन्नाथपुर विधानसभा सीट मिली है. जबकि इससे पूर्व लोकसभा चुनाव में जेएमएम की तरफ से सहयोग नहीं करने की स्थिति में भी सिंहभूम से कांग्रेस प्रत्याशी गीता कोड़ा भारी मतों से चुनाव जीतकर सांसद बनीं.
ये भी पढ़ें- झारखंड विधानसभा चुनाव 2019: CEC की बैठक खत्म, प्रभारी-सह प्रभारी बोले जल्द आएगी उम्मीदवारों की पहली लिस्ट
दोस्ताना संघर्ष का दिया था प्रस्ताव
पहले भी पार्टी आलाकमान और प्रदेश नेतृत्व को गठबंधन नहीं कर अकेले चुनाव लड़ने और सिंहभूम के पांच विधानसभा सीटों में चुनाव लड़ने की जनभावना से अवगत कराया गया था. गठबंधन की स्थिति में दोस्ताना संघर्ष का भी प्रस्ताव दिया गया था, मगर जेएमएम और कांग्रेस के गठबंधन में उनकी मांगों को खारिज कर दिया गया और एकमात्र जगन्नाथपुर सीट कांग्रेस को दी गई है. कांग्रेसियों का कहना था कि 5 वर्षों तक कांग्रेस का झंडा ढोने, जन समस्याओं को लेकर आंदोलन और संगठन को मजबूत बनाने का कार्य हुआ. लेकिन पार्टी जब चुनाव नहीं लड़ सकती तो इस पार्टी में रह कर क्या फायदा. सभी ने अपना हस्ताक्षर युक्त इस्तीफा पत्र प्रदेश अध्यक्ष रामेश्वर उरांव और कांग्रेस आलाकमान को भेज दिया है.